Wednesday, June 20, 2007

ये जीवन तो यूं ही बीता
आस निरास मैं सब कुछ रीता
कुछ सपने कुछ अरमान
इन्हीं उम्मीदों पर जीता इन्सान

मैंने भी देखे थे कुछ सपने
हो ना सके वो मेरे अपने
अथक प्रयास घोर प्रतायासा
हो ना सकी पूरी आशा

पसंद आया हो तो