tag:blogger.com,1999:blog-2419884849297657734.post4780045185063863606..comments2024-02-15T11:31:59.371+05:30Comments on मुकुल का मीडिया: सौगत और मैं राजौरी यात्रा चतुर्थ भाग(यात्रा संस्मरण) Mukulhttp://www.blogger.com/profile/17912641611101930410noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2419884849297657734.post-22592073360899541442016-11-02T07:45:39.781+05:302016-11-02T07:45:39.781+05:30बहुत ही रोचक है यह लेख , मैं कभी जम्मू कश्मीर नहीं...बहुत ही रोचक है यह लेख , मैं कभी जम्मू कश्मीर नहीं गया लेकिन अब जाने का मन करता है । मुझे बहुत पसंद आया यह भाग आगे के लेख का इंतज़ार है सरसूरज मीडियाhttps://www.blogger.com/profile/07341978098410767758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419884849297657734.post-66771056794904205462013-03-25T13:29:38.896+05:302013-03-25T13:29:38.896+05:30मुकुल भाई क्या कहूँ.लग रहा है भांग सा नशा हो गया ह...मुकुल भाई क्या कहूँ.लग रहा है भांग सा नशा हो गया है. आखें भर आई हैं. क्या दिन थे, क्या सच्ची और बेशर्म मोहब्बत का एहसास था. इस संस्मरण के बहाने आपने यादों के खजाने पर से कुछ धुल के परत हटा दिए. मैं भी उन लम्हों को अपनी ज़िन्दगी की कमाई मानता हूँ.आपकी लेखनी के तो हम पहले भी कायल थे , अब मुरीद हुए जा रहे हैं. इस संस्मरण में ब्रिजेश का ज़िक्र चाय में एक मुठी नमक जैसी है.अच्छा है. कहीं कहीं तो आपकी ऑब्जरवेशन किसी इतिहासकार तो कहीं एक जिज्ञासु बच्चे वाली है. मुबारक हो! और लिखें ......<br />डॉ. पंकज सिंहnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2419884849297657734.post-40164295084526242362012-11-15T19:53:08.695+05:302012-11-15T19:53:08.695+05:30बहुत ही रोचक और नवीनता लिए है यह वृत्तान्त,आगे का ...बहुत ही रोचक और नवीनता लिए है यह वृत्तान्त,आगे का इंतज़ार है.....डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.com