
डीयर पापा
आज जब बसंत ने दरवाजे पर दस्तक दी तो मन ढेरों उमंगों से भर आया . जीवन के सारे बसंत याद आ गए .पापा ,आपने जिन्दगी को जीने का नजरिया दिया वह मेरी सबसे बड़ी अमानत है .उसी की वज़ह से आज मैं बसंत को बसंत की तरह देख सुन समझ और महसूस कर सकता हूँ .बसंत ही क्यों वे सारे मौसम जिन्हें लोग यूँ ही गुज़र जाने देते हैं मैं उन्हें अपने पास रोक पाने में कुछ हद तक कामयाब हो पाता हूँ लेकिन आपके पिछले मेल ने मुझे निराश किया .वहां बसंत की खुशबू नहीं उदासियों का मौसम नज़र आ रहा था. ऐसा लगा की दुनिया में भले ही बसंत आ गया हो लेकिन आपसे उसे डपट दिया है , वो आप तक पहुँच ही नहीं पाया .जो भी होगा वो अच्छा ही होगा भूल गए बचपने से आपकी ये बात मेरे मन में बैठी हुई है. लाइफ के बारे में ऐसी थिंकिंग क्यों ?आप को कुछ समझाना मेरे लिए बहुत मुश्किल है क्योंकि ये आर्ट ऑफ़ लिविंग मैंने आप से ही सीखी है .मैं आपको सीख तो नहीं दे सकता लेकिन कुछ पुरानी बातों को याद जरूर करा सकता हूँ . आप हमेशा कहा करते थे कि इंसान अपनी लाइफ में सारे मौसम देखता है लेकिन जब भी किसी से उसकी उमर पूछी जाती है तो ये पूछा जाता है आपने कितने बसंत देखे ये लाइफ के टुवर्ड्स पोसेटिव नजरिया है क्योंकि स्प्रिंग सीज़न में न तो बहुत ठण्ड होती है और न ही गर्मी ,इसलिए लाइफ में जो अच्छा है उसे याद रखो हाँ लेकिन जैसे स्प्रिंग हमेशा नहीं रहता वैसे ही जीवन हमेशा एक सा नहीं रहता सो होप फॉर दा बेस्ट एंड रेडी फॉर वोर्स्ट .आप के मेल से ऐसा लग रहा है कि आप अपनी ही बात को भूल रहें हैं अब आप अपनी लाइफ को ज्यादा बेहतर तरीके से एन्जॉय कर सकते हैं इसे और बसन्ती बना सकते हैं .लाइफ में इतने अप्स एंड डाउन्स देखने के बाद आपको खुशियाँ मनाते वक्त ये सोचकर डरने की जरूरत नहीं कि कुछ बुरा हो गया तो क्या होगा ? आपने बार बार वापसी की है .दुखों को जाते देखा है तो खुशियों को आते भी . घर में हुई बड़ी चोरी के बाद आप टूट से गए थे लेकीन आपने अपने चेहरे पर शिकन नहीं आने दी और आपने एक बार फ़िर वापसी की हम लोगों के लिए नया मकान बनाया जिससे उस चोरी की बुरी यादें हमें न सताएं हम सबकी जिन्दगी में फ़िर से बसंत लौटा , वो बसंत था खुशियों का उमंगों का सपनों का .
आपने बहुतों के जीवन में बसन्ती रंग भरा है, आपने अपना काम किया और हमें सिखाया बिलीव इन योर सेल्फ जमाना तुम्हारे पीछे होगा अब आपका भरोसा क्यों टूट रहा है आप मुझ पर भरोसा कर सकते हैं अगर आप का अपने ऊपर भरोसा है क्योंकि मैं भी तो आप का ही हिस्सा हूँ . आपको अगर याद हो तो आप बसंती रंग को उम्मीदों आशाओं और सपने का कलर मानते थे सुबह सन राएस के पहले और शाम को सन सेट के बाद आसमान का रंग एक जैसा होता है बसंती .सुबह मौसम ठंडा होता है फ़िर धूप आ जाती है शाम को फ़िर मौसम ठंडा हो जाता है. बसंत के आने से पहले सर्दी होती है और उसके बाद गर्मियां शुरू हो जाती है . बसंत थक कर रेअलाक्स और एन्जॉय करने का मौका देता है क्योंकि अभी बहुत काम करने बाकी हैं बसंत लाइफ के एक्सामिनाशन का रिजल्ट है लेकिन जिन्दगी की पढ़ाई अभी ख़तम नहीं हुई है. मुझे पता है दूसरो को जीवन में रंग भरने की कोशिश में आप अपनी खुशिया भूलते गए अब उन खुशियों को याद करने का टाइम है . आपने सर्विस से रिताएर्मेंट लिया है जिन्दगी से नहीं इसलिए कुछ रेलक्स कर लीजिये. अगर गौर से देखिये यही तो वक्त है जब आप बिना किसी चिंता के जिन्दगी के उन सारे लम्हों को जी भर कर जी सकते हैं जिनके लिए कभी वक्त ही नहीं मिला .मम्मी के साथ घूमना ,फिल्में देखना ,पढ़ना और क्या क्या था जो आप हम सबकी चिंता करने के कारण कभी कर ही नहीं पाये .मैंने आपके पसंद की किताबें भेज दी हैं आपके पास पहुँचती होंगी .अगले महीने छुटियाँ मिलते ही मैं आ रहा हूँ तब तक जी भर के एन्जॉय कीजिये बसंत .
आपका बेटा
आई नेक्स्ट मैं ३१ जनवरी को प्रकाशित
बहुत अच्छा लेख लिखा है
ReplyDeleteअच्छी पोस्ट है।
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट....पिताजी के बहाने सभी को सिखा दिया जीवन जीने की कला।
ReplyDeletehey sir.....
ReplyDeleteagain a wonderful writeup from ur side........keep going sir
good luck
this Spring story gives an beautiful IDEA
ReplyDeletethanks Sir
Vatshalya Sharma-HT MEDIA LTD.
this story gives me an idea
ReplyDeletethanks sir
vatshalya sharma-ht media ltd
SHUNDAR ATI SHUNDAR SIR.....
ReplyDeleteSHUNDAR ATI SHUNDAR..SIR
ReplyDeleteये बसंत और आपकी दी हुई सीख हमेशा याद रहेगी सर.. शुक्रिया
ReplyDeletekaash aisa hota sirji ki zindagi ke saare mausamo mein basant hi shaamil hota,
ReplyDeleteKitna sundar samjasya apke lekh me bhi or basant mossam me bhi ager har mossam me yesa hi samjasya ho jaye to basant jesa hi anbhav hoga
ReplyDeleteआया बसंत हँसता गाता,
ReplyDeleteरंग -बिरंगी फूल खिलाता.
झूम रही है हर डाली डाली,
कूक रही कोयल मतवाली.
गुन गुन गुन गुन भंवरा गाता,
तितली रानी से बतियाता.
खुश हो बच्चे पतंग उड़ाते,
वो -काटा का शोर मचाते.
सर्दी कहती अब है जाना,
मौसम लगता बहुत सुहाना.
आया बसंत हँसता गाता,
मस्ती की गागर छलकाता.
bohat acha lekh or mujhe bhi basnt bohat pasand hai...or is seekh ke sath ab aane wale basant or khubsurat honge.....
ReplyDeleteOne more awesome article.
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