Wednesday, March 10, 2010

मैं हूँ न ......................

प्रिय प्रति,
तुम्हारा ई मेल मिला ऐसा लगता है परीक्षा के दबाव में तुम परेशान हो तुम्हें लगता है इन परीक्षाओं में अगर तुम अच्छे मार्क्स नहीं ला पाए तो तुम्हारा भविष्य ख़राब हो जाएगा और ये स्ट्रेस तुम्हेंठीक से पढने नहीं दे रहा है .मुझे खुशी है की मेरा बेटा मुझ पर इतना भरोसा करता है और अपनी सारी प्रोब्लम्स को परेंट्स के साथ शेयर करता है .
तुम्हे याद होगा जब तुम छोटे थे और अक्सर चोट लगाकर रोते हुए घर आ जाया करते थे तो मैं तुमसे एक ही बात कहता था बेटा चोट तुम्हे लगी है और इसका दर्द तो तुम्हे ही झेलना पड़ेगा हम ज्यादा से जायदा इसको कम करने की कोशिश कर सकते हैं और जिन्दगी भी ऐसी ही है , मैंने कभी भी तुमसे ये नहीं कहा कि बेटा क्लास में टॉप करो हाँ ये जरूर कहा कि बेटा एक अच्छे इंसान बनो इस पर मुझे ज्यादा फख्र होगा एक पिता की हैसियत से मेरा काम तुम्हे सही गलत में फर्क करना सिखाना रहा है और फैसला मैंने हमेशा तुम्हारे ऊपर छोड़ा है क्योंकि चोट का दर्द तुम्हीं को झेलना है .मैंने कभी भी तुम्हारे ऊपर ज्यादा नंबर लाने का दबाव नहीं डाला हाँ ये जरूर कहता रहा कि अपना १०० परसेंट दो जिससे भविष्य में तुम कभी ये न सोचो कि मुझे किसी ने समझया नहीं या काश मैंने पढ़ लिया होता .बेटा पढाई के एक्साम्स से ज्यादा मुश्किल है जिन्दगी का इम्तिहान जिसकी अभी शुरुवात हो रही है . तुम अच्छे नंबर लाओ या ख़राब मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता ,मुझे तुम्हारे ऊपर पूरा भरोसा है तुमने पूरी ईमानदारी से मेहनत की है .मैं चाहता हूँ तुम जिन्दगी के एक्साम्स में टॉप करो मैंने कभी नहीं चाहा कि तुम क्लास में टॉप करो जरा सोचो एक्साम्स के टॉपर्स को हम लोग कितनी जल्दी भूलते हैं जिन्दगी में एक वक्त के बाद हम लोगों को उनके काम और उनकी पर्सोनालिटी की वजह से याद करते हैं न कि उनके मार्क्स की वजह से .जिन्दगी के टॉपर्स हिस्टरी बनाते हैं. तुम्हे फिल्म और क्रिकेट का बहुत शौक है सचिन एक महान खिलाड़ी है क्या वो कभी जीरो पर नहीं आउट हुआ हर मैच उसके लिए एक एक्साम ही होता है कई बार हमारी टीम बहुत अच्छा खेलती है फिर भी हार जाते है तो इसका क्या मतलब निकला जाए कि वो टीम बेकार है अमिताभ बच्चन क्या बगैर फ्लॉप फ़िल्में दिए बगैर सदी के सितारे बन गए सफल होने के लिए असफल होना ही पड़ता हैये बात सही है बेटा कि असफलता सबको बुरी लगती है लेकिन जिन्दगी में लगातार असफलता का मतलब ये नहीं है कि जिन्दगी से निराश हुआ जाए कम से कम मैंने तो जिन्दगी से यही सीखा है तुम जानते हो मैंने अपने करियर के शुरुवाती दौर में बहुत संघर्ष किया देर से ही सही सफलता मिली अक्सर मैं हताश होता था लेकिन निराश नहीं और यही मैं तुमसे चाहता हूँ . मैं तुम्हारी परेशानी समझ रहा हूँ तुम बस अपना सोच का नजरिया बदल दो देखो सारा तनाव कैसे गायब हो जाएगा अरे अभी तो तुमने मेरे साथ थ्री इदीयाट्स (Three idiots ) देखी थी कैसे कहकहे लगाकर हम हँसे थे कितनी रिअलिटी के करीब है ये फिल्म . तुम काबिल हो इसके लिए मुझे किसी सर्टीफिकेट की जरुरत नहीं और तुम अपने आप को साबित कर भी दोगे इसलिए हँसते मुस्कुराते हुए एक्साम्स दो .हम सब बेसब्री से तुम्हारे घर लौटने का इन्तिज़ार कर रहे हैं मैंने उन फिल्मों की लिस्ट बना ली हैं जो मुझे तुम्हारे साथ देखनी हैं आखिर तुमको देखकर ही मुझे अपनी जवानी के दिनों को दुबारा जीने की चाह होती है मां तुमको अपना प्यार दे रही है शाम को बात करूँगा

प्यार

तुम्हारा पापा

आई नेक्स्ट में १० मार्च को प्रकाशित

21 comments:

  1. सर आज जीवन जीने का नाम नहीं एक दौड के सामान हो चला है जिसमें मै थक भी सकता हूँ या यह भी हो सकता है कही गिर कर चोट लग जाये यकीं मानिये इन बातो ये में नहीं घबराता मेरा साहस तो आप के स्नेह व आशीर्वाद से है कहीं इनको न खोने दीजियेगा बस यही विनती है आपसे है .

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  2. सर आज जीवन जीने का नाम नहीं एक दौड के सामान हो चला है जिसमें मै थक भी सकता हूँ या यह भी हो सकता है कही गिर कर चोट लग जाये यकीं मानिये इन बातो ये में नहीं घबराता मेरा साहस तो आप के स्नेह व आशीर्वाद से है कहीं इनको न खोने दीजियेगा बस यही विनती है आपसे है .

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  3. आपका बेटा गर्व से कहेगा- माई पापा इज बेस्ट

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  4. kas bharat sahit sansar ke sabhi mata pita aisha hi sochen to tay hai ki sabhi khus honge aur charon taraf khushali basegi

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  5. Kamal ka tha.....
    aur is samay jab har jagah EXAM ki bayar hai......
    tab ise likha jana ise aur bhi khas banata hai....

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  6. कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें शब्दों में पिरोना काफी मुश्किल होता है. आपने ऐसी ही एक भावना को शब्दों में बेहद खूबसूरती, प्यार और नजाकत से पिरोया है.
    हर युवा के लिए अ मस्ट रीड...

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  7. मुकुल यार वास्तव में इस ब्लॉग को पढ़ कर ऐसा लगा जैसे कि मैं अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति के शब्द के रूप में देख रहा हूँ....जिस तरह से तुमने आज के गला काट प्रतिस्पर्धा के वातावरण में एक पिता को एक बेटे को जीवन को जीने की कला सिखाने की अभिव्यंजना इस रूपक के रूप में की है वो निःसंदेह प्रशंसनीय हैं.... अति सुंदर

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  8. कहते है बच्चे के पहली पाठशाला उसका घर होता है.और माँ - बाप पहले अद्ध्यापक ..शायेद ये बात आपके इस लेख से पूरी तरह परिलाक्चित होती है ...आज के इस प्रतियोगिता वादी यूग मे हर पिता को कुछ इसी तरह बनने की जरूरत है ....

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  9. sir apka lekh pada......bahut acha laga...sir kabhi kabhi khuch cheje krne se darta hu ki kahi isse mai kuh logo ko nirash na kr du....bs dar lagta hai aisi hi nirasha se....bt aapka lekh padkr ek baar phir himmat aa gai hai......... aise lekh ki logo ko jarurt hai....

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  10. raju rann chordas ki baat ko apne andaz me benya kiya hai

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  11. hi sir..

    the way u brought out such an important issue through this article of ur's is superb......with a help of a letter you explained wat moral support and inner strength a child looks forward from his dad/family.... if every person in the world has the same attitude then no child will commit suicide coz of pressure which he gains from lot of expectations around him...

    truly commendable.....
    take care sir..... :)

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  12. guru g....itne km sbdo me itne bdi bat kwl aap kh skte hai ki....
    beta......exam me pass ho ya fail......bhiya aal is well......

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  13. Bahut khoob..kaash har baap isitarah soch rakkhe!

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  14. Sahi hain sir all is well per kya bira kai taroon ko itni dheel de dene chahiye ki wah baje hi na ya phir itna taan de ki wah tooth jaye faisla hamara hain

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  15. thanx 4 the nice article sir...sare parents agar ese ho to bachhe unki expectations se kahi zyada kar jayaenge...

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  16. माता -पिता सच में हमारे सबसे अच्छे दोस्त होते हैं.. हमारी हर ज़रुरत उनके लिए बहुत मायने रखती है .. मै भी अपनी ज़िन्दगी में अपने पिता जैसा बनाना चाहूंगी..मेरे माता-पिता मेरे लिए दुनियां के सबसे अच्छे माता- पिता हैं..

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  17. Sirji bas sar par woh haath rahe uske baad saari mushkile aasaan ho jaati hai, phir hamari kaabiliyat hame kaamyabi ke har shikhar tak pahucha dega.

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  18. Sirji bas sar par woh haath rahe uske baad saari mushkile aasaan ho jaati hai, phir hamari kaabiliyat hame kaamyabi ke har shikhar tak pahucha dega.

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  19. If you raise your children to feel that they can accomplish any goal or task they decide upon, you will have succeeded as a parent and you will have given your children the greatest of all blessings.

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  20. Parents are our support system they never leave us alone no matter what ever the situation is.

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