प्यारी गर्मी
फिजाओं में प्यार है शायद ये तुम्हारे आने का असर है कि बर्फ पिघल रही है और रिश्तों के साथ साथ मौसम में भी गर्मी आ रही है तुम भी सोच रही होगी कि आज अचानक इतने दिन के बाद मैं तुम्हें चिठी क्यूँ लिख रहा हूँ.तुम ये तो जानती हो कि मैं ज्यादा बोल नहीं पाता इसलिए लोग मुझे जाड़ा कहते हैं मेरा नेचर ठंडा है पर मैं लोगों को गर्मी की अहमियत समझाता हूँ कि तुम मेरे लिए खास हो बस तो मैंने सोचा अपने दिल की भावनाओं को लिख कर तुम्हें बताऊँ जिससे जब तुम आओ तो लोग तुमको वो इज्ज़त दें जिसकी तुम हकदार हो. वैसे भी तुमको गुस्सा जल्दी आता है आये भी क्यूँ न तुम तो गर्मी हो पर तुम खास हो मेरे लिए अब देखो न जब सारी दुनिया वेलेन्टाईन डे यानि प्यार का दिन मनाती है तब न पूरी तुम होती हो न पर लोग कितना एन्जॉय करते हैं तो तुम ये तो मानोगी कि हमारी तुम्हारी जोड़ी भले ही थोड़े समय के लिए बने पर होती गज़ब की है.मुश्किल तो यही है तुम मेरी बात मानती कहाँ हो.तुम्हारे आने की आहट मिलते ही लोग जश्न मनाने की तैयारी करने लग गए पर मेरी प्यारी गर्मी इस जश्न को देख कर ये मत समझ लेना कि लोग तुम्हें ज्यादा पसंद करते हैं क्यूंकि तुम जैसे जैसे बढ़ोगी लोग तुम्हारे जाने का इन्तजार करने लग जायेंगे यही तो जीवन का खेल है जो आया है वो जाएगा पर मेरा तुम्हारा रिश्ता अनोखा है.हम बार बार जायेंगे लेकिन आने के लिए तो जब तुम आओगी मैं जा चुका हूँगा पर मैं फिर आऊंगा ये वादा रहा.अब मैं तो रहूँगा नहीं तुम्हें सम्हालने के लिए तो इस बात का ख्याल रखना कि रिश्ते ऐसे बनाना जिसमें गए हुए लोगों के आने की गुंजाईश रहे और तुम अगर ऐसा नहीं कर पायी तो समझ लेना तुमने जिंदगी से कुछ नहीं सिखा और रिश्ते मतलब से बनाये.कोई तुमको मतलबी कहेगा तो मुझे बहुत बुरा लगेगा. तुम गुस्सा हो कर अक्सर कहा करती थी कि किसी के आने जाने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता मैं जी लूंगी अपनी जिंदगी पर मेरी प्यारी गर्मी तुम मानो या न मानो पर लोगों के आने जाने से फर्क जरुर पड़ता है.मैं जा तो रहा हूँ पर बड़े भारी मन से.काश ये काश मेरे जीवन का सच है.अब देखो न मैं और तुम कभी नहीं मिल पाते हैं जब तक मैं अपने जाड़े होने पर इतराता रहता हूँ और तुम अपनी गर्मी को अपनी ताकत मानती रहती हो पर जब ये मैं हम बन जाता है तो वेदर कितना खूबसूरत हो जाता है. थोडा मेरा और थोडा तुम्हारा तो बन गया न हमारा.मेरी सुबह सुहानी होती है तो तुम्हारी शाम पर जब बसंत आता है तो पूरा दिन वंडरफुल हो जाता है.मुझे पता है कि तुम्हें मेरी लंबी चिठ्ठी बोर करती है कितना लड़ते थे तुम मेरे लंबे खर्रे से.अच्छा सुनो न... कितना कुछ हमारे तुम्हारे बीच में हमेशा अनकहा रह जाता है.हमें एक दूसरे के साथ कभी फेस टू फेस बात करने का मौका ही नहीं मिलता तो कम्युनिकेशन गैप से कहीं तुम किसी गलतफहमी का शिकार न हो जाओ इसलिए मुझे चिठ्ठी लिखनी पडी जिससे मैं तुम्हें अपनी फीलिंग बता सकूँ, तुम गर्मी हो ये तुम्हारा नेचर है और मैं जाड़ा मेरे मौसम में लोग तुम्हें मिस करते हैं और तुम्हारे मौसम में मुझे हमारी यही डेस्टनी है हम एक दूसरे को हमेशा मिस ही करते रहेंगे. तुम्हारे जीवन में बहुत से लोग आयेंगे पर जाड़े की वो शाम नहीं आयेगी.मेरे जीवन में बहुत सी सुबह आयेंगी पर वैसी सुबह नहीं आयेगी और हम दोनों बस याद ही करेंगे.हम भले ही अलग अलग हों और कभी भी मिल न पायें पर क्या कभी तुमने सोचा कि कितना कुछ कॉमन है हमारे बीच में ज्यादा ठण्ड में लोग अपनी पूरी बॉडी को कवर करते हैं खासकर सिर और जब ज्यादा गर्मी पड़ती तो भी लोग सबसे पहले सिर ही ढकते हैं.आईसक्रीम स्वाद में ठंडी होती है पर उसकी तासीर गर्म होती है इसलिए जाड़ा हो या गर्मी लोग दोनों मौसम में इसे एन्जॉय करते हैं.जाड़ा और गर्मी तभी बढ़ती है जब हवाएं चलती हैं गर्मी में वही हवा लू बन जाती है तो जाड़े में शीत लहर.मौसम कैसा भी हो जिंदगी तो चलती रहती है हम भले ही कभी नहीं मिल पाते पर हमारे कारण ही लोगों को जीवन के मायने मिलते हैं.फिलहाल चलता हूँ पर इतना विश्वास दिलाता हूँ मैं कहीं भी रहूँ तुम्हें हमेशा याद करता रहूँगा.
विदा
सिर्फ तुम्हारा जाड़ा
आई नेक्स्ट में 7/02/14 को प्रकाशित
thank's regard for your information and i like this post ^___^
ReplyDeletechitthi ka sandesh accha hai sir..behatreen
ReplyDeleteShayd enkay milene se prathvi ka jiven. Mushkil mai pad jata. Esliye enki kurbani ki wajah say ham hai . Nice1
ReplyDeletebhut khoob sir...
ReplyDeletekitne pyare andaazz me apne dono ki importance bata di...
behad hi shandar thi apki soch nd rachna...waise i love both seasons.....
lovely thought.....!!!
very beautifully presented sir liked it..
ReplyDeleteSonali singh