Tuesday, September 12, 2017

रात की खूबसूरती

वैसे रात खूबसूरत होती है या दिन बता पाना  मुश्किल है पर अगर हमारे जीवन में रात न होती तो क्या होता ? रात महज रात नहीं बल्कि एक एहसास है. जीवन का एक  अहम हिस्सा जब हम दिन भर की थकान के बाद रात की गोद में आते हैं तो जो दुलार और अपनापन मिलता है वह दिन नहीं दे पाता. और इसी दुलार का एक हिस्सा उन लोरियों और कहानियां से जुड़ा होता हैं जो सिर्फ रात के लिए बचा कर रखी जाती हैं दिन कितना भी खूबसूरत क्यों न हो पर इन लोरियों और कहानियों का सुख उसके हिस्से कभी नहीं आता. वैसे कहानी से याद आया,कहानियां रात में ही सुनाई जाती हैं ,जरा अपना बचपना याद कीजिये जब रात का इंतजार सिर्फ इसलिए होता था कि रात में बाबा –दादी या मम्मी –पापा कहानियां सुनायेंगें|रात मतलब सपने वो भी कैसे –कैसे कभी वह लोग जो हमारे जीवन से हमेशा के लिए जा चुके हैं हम अपने जीवन में उनको कभी देख नहीं पाएंगे,वो इच्छाएं जो शायद इस छोटे से जीवन में हम कभी न पूरा कर पायें सब से मिलने का सब इच्छाओं को पूरा करने का जरिया सपने बन जाते हैं सपने तो जरिया भर होते हैं पर इन सबकी असली हकदार रात ही होती है.
रात बिताना और रात को जीना दोनों अलग विषय हैं.आपने जिंदगी में न जानें कितनी रातें बिताईं होंगीं पर क्या कभी रात को जी कर देखा.रात के गहराते न जानें कितनी यादें जी उठतीं हैं .भीगी रातों की यादें मन का कोई कोना गीला कर जाती हैं तो सर्द रातों में भी दिल कैसी कैसी यादों की गुनगुनी गर्माहट से गरमा जाता है.इन बातों का पता उन्हीं को चलता है जो रात को जी कर देख रहे होते हैं. रात हमें मौका देती है कुछ पल ठहरने का ,सुस्ताने का हमें अपने आप से बात करने का अपने आप के अन्दर झाँकने का, दिन की आपा धापी में हमने क्या सही किया क्या ग़लत किया.
जिस तरह सारे दिन एक जैसे नहीं होते हैं और उसी तरह से सारी रातें भी एक जैसी नहीं होती हैं किसी रात आप अपने किसी अज़ीज़ दोस्त की पार्टी में नाच गा रहे होतें तो किसी रात आप बिस्तर पर तनाव के कारण जगते हुए काट देते हैं और किसी रात आप ऐसा मस्त सपना देखते हैं कि आप सुबह होने ही नहीं देना चाहते हैं यही कहानी हर रात कहती है.हम उम्मीदों  भरे दिन का इन्तिज़ार हंसते गाते तभी कर पाएंगे जब रात को महसूस करना सीख लेंगे . सपने उम्मीदों,कहानियों और  यादों भरी रात.आने वाला दिन कैसा होगा इसकी नींव रात की उस काली स्याही से लिखी गई है जिसे दिन का उजाला भी खत्म नहीं कर पाता.
प्रभात खबर में 12/09/2017 को प्रकाशित 

29 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर।

ansh said...

I completely agree with you, nights play a crucial role in our life, it's that time when we are finally able to connect with ourselves, after every day's strenuous schedule, we do analyse what wrongs and rights we've done today and we even channelise for a better tomorrow, it's the time when you find yourself, much closer to yourself.

Unknown said...

NYC

शिवा की कलम said...

रात्रि का सुन्दर वर्णन 🙏 #गुरूजी

Unknown said...

The way night has been described is really beautiful, everything that has been put in words about the night is absolutely true, however saying that Tomorrow is solely based on tonight is not correct as everyday is a new day and whenever we wake up the next morning we should wake up with a smile and with a positivity in us which can make our day brighter and beautiful. The night is always comforting when u have a great day, but it becomes a nightmare when u did not had a good time. Still i would say that the description of night is really amazing and touches the thought process of any being.

Unknown said...

The way night has been described is really beautiful, everything that has been put in words about the night is absolutely true, however saying that Tomorrow is solely based on tonight is not correct as everyday is a new day and whenever we wake up the next morning we should wake up with a smile and with a positivity in us which can make our day brighter and beautiful. The night is always comforting when u have a great day, but it becomes a nightmare when u did not had a good time. Still i would say that the description of night is really amazing and touches the thought process of any being.

Unkahe alfaaz said...

रात सपने देखने का समय देती है और दिन उन्हें पूरा करने का मौका।

Unknown said...

रात हमारे मन की मित्र समान है,बहुत ही अच्छा लिखा है।

Prachi Arya said...

आप की बात से पूरी तरह इत्तेफ़ाक़ रखती हूँ, बेशक वो रात ही होती है जो जो हमे हमे दुलार और सुकून देकर अपनी गोद में सुलाती है, रात ही वो वक़्त होता है जब हम अपने दिनभर की भागादौड़ी से अलग करके दिमाग को सुकून दे पाते हैं, अपने चहेतो के बारे में सोच पाते हैं, कभी बचपन का कोई किस्सा होटों पर मुस्कान ले आता है तो कभी दादी नानी की की यादें आँखों में आंसू ले आती हैं। सच में अपने चाहीतो का जोकि इस दुनिया से अलविदा कह चुके हैं और फिर कभी लौट के नहीं आएंगे ये एहसास पूरी तरह से झकझोर देता है।
लेकिन रात की बात करते हुए दिन को एकदम दरकिनार कर देना मेरे हिसाब से सही नहीं, क्यूंकि जो भी सपने हम रात को सजोते हैं उन्हें पूरा करने का मौका हमें दिन ही देता है, इक और जहां रात हमे रुक कर आराम करने को कहती है वही दिन हमे चलते रहकर रात में देखे गए सपनो को पूरा करने का मौका देता है। अगर दिन में हम थकेंगे ही नहीं तो रात को आराम क्या करेंगे? दादी- नानी के साथ यादें ही नहीं बनाएँगे तो रात को याद क्या करेंगे? मेरे हिसाब से दिन और रात एक गाडी के दो पहिये हैं.... एक के बिना दुसरे की उपयोगिता काम हो जाती है

Unknown said...

simple and heart touching line....its real but sometime people forget their night to achieve success

Raksha Singh said...

वास्तव में रात हमारे आराम करने एवं मीठे सपने देखने के अलावा कई एहम हिस्सों के रूप में आती है| जैसे पेड़ पौधे एवं अनाज की फ़सलें बरसात के अलावा रात में पड़ने वाली ओस से ही पानी की पूर्ति करते है जो हमारे जीवन चक्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है |

Russi said...

रात का जिक्र होते ही हमारे सामने तारो भरा कला आसमाँ नज़र आता है और पास से श श कि आवाज सुनायी पड़ती है जो हमे हमारे होने के अहसास दिलाती है अगर में अपनी कहूँ तो मुझे दिन से अछी रात लगती है। यह ऐसा समय होता है जब बिना किसी से बोले आप देर तक आसमान को निहार और अपने दिन को बाट सकते है।

Pranjul gaur said...

Din ki duniya me raat ko kuch log aise kaatte hai...jaise tapti dhoop me ped ki chaav jaise...unke liye raat padav jaisa hoti hai aur subha ko kaarva aage badhana hota h...
lekin aapki ye 'Raat ki khoobsurati' un logo ko batati hai raat padav ni hai...Raat tho ek aisa samandar h jisme aap doobege tho usme se har baar kuch na kuch le kr hi bhar aiyge...

Aastha Tiwari said...

बीत गया है वो बचपन जहाँ ढ़ेर सारी यादें छोड़ आए हैं,
अपनी दादी और नानी की वो कहानियाँ छोड़ आए हैं,
नहीं छोड़ी है हमने बस ये चलने की,
कि चलते - चलते बहुत कुछ पीछे छोड़ आए हैं,
कि जिस बिस्तर में जगकर माँ से घंटो बाते होती थी,
अब लेटते ही सो जाते हैं क्या रिश्ते तोड़ आए हैं...

Hamlet said...

Bilkul sahi ki raat hamare vyast dino ki apeksha me hamare sochane ke liye jyada aaramdayak hoti hai.

Hamlet said...

Bilkull sahi ki raat hamare vyast dino ki apeksha hame jyada aaramdayak tarike se sochne ka avsar deti had.

Unknown said...

जैसे जैसे हम प्रक्टिकल हुए है
जैसे जैसे हमारा बचपन हमसे पीछे छूटा है ऐसा लगता है
हमें दिन रात प्रकृति की खूबसूरती को सराहना ही बंद कर कर दिया है |

PawanBeetuWrites said...

This post truly says about the beauty of night and its silence, in which a person truly feels relaxed.

Gyani Baba said...

रात और दिन दोनों की अपनी अपनी विशेषता है। मेरा मानना है कि संघर्ष करना तो सिर्फ दिन ही सिखा सकता है। रात का अपना अपना व्यक्तिगत अनुभव हो सकता है,जिसमे कुछ समानताएं सबकी हो सकती है।
इसमें जो दूसरी ओर लिखा है। पांचवी लाइन से जबरदस्त है। सभी पाठक से जुड़ता है। ना जाने कित्ती रातें हैं जब मैं मन भर के रोया हूं। दिन ऐसा कोई भी नहीं है। साथ ही, इसकी आखिरी लाइन जबरदस्त है।
इस लेख से हर कोई खुद को जोड़ पाता है। जैसे मैं।।

आने वाला दिन कैसा होगा, इसकी नींव रात की काली स्याही से लिखी जाती है। दिन का कोई उजाला इसे खत्म नहीं कर सकता.आखिरी लाइन अच्छी है।

Gyani Baba said...

रात और दिन दोनों की अपनी अपनी विशेषता है। मेरा मानना है कि संघर्ष करना तो सिर्फ दिन ही सिखा सकता है। रात का अपना अपना व्यक्तिगत अनुभव हो सकता है,जिसमे कुछ समानताएं सबकी हो सकती है।
इसमें जो दूसरी ओर लिखा है। पांचवी लाइन से जबरदस्त है। सभी पाठक से जुड़ता है। ना जाने कित्ती रातें हैं जब मैं मन भर के रोया हूं। दिन ऐसा कोई भी नहीं है। साथ ही, इसकी आखिरी लाइन जबरदस्त है।
इस लेख से हर कोई खुद को जोड़ पाता है। जैसे मैं।।

आने वाला दिन कैसा होगा, इसकी नींव रात की काली स्याही से लिखी जाती है। दिन का कोई उजाला इसे खत्म नहीं कर सकता.आखिरी लाइन अच्छी है।

akshay verma said...

The Beauty of the night has been beautifully described by you sir especially these lines has touched everyone's heart

"रात बिताना और रात को जीना दोनों अलग विषय हैं"

"रातों की यादें मन का कोई कोना गीला कर जाती हैं"

"रात हमें मौका देती है कुछ पल ठहरने का ,सुस्ताने का हमें अपने आप से बात करने का , अपने आप के अन्दर झाँकने का, दिन की आपा धापी में हमने क्या सही किया क्या ग़लत किया"

".हम उम्मीदों भरे दिन का इन्तिज़ार हंसते गाते तभी कर पाएंगे जब रात को महसूस करना सीख लेंगे"

".आने वाला दिन कैसा होगा इसकी नींव रात की उस काली स्याही से लिखी गई है जिसे दिन का उजाला भी खत्म नहीं कर पाता"

In my opinion Night is the black spell of darkness.It is beautiful and delightful sight to be hold...which takes us to the world of dreams.

Anonymous said...

Beautiful is each second given by god as a blessing to us �� but when it comes to the last time of d day that is night which is beautifully described in the post is a must bez this is the time where we actually cry, smile and think deep about what all happened and was done. We should really wait for night Because after every night comes a beautiful day

Unknown said...

Ye topic thoda boring laga sir hume ...or agr (words/शब्दो) ko chor de to is topic ko pad kar meri koi knowledge ni badi ...jaise facebook waale topic ko pad kr kuch facts n figures or kuch new things pta chali waisa kuch bhi ni h is topic me

Unknown said...

raat bohot hi koobsurat hoti h kabhi khud ko raat k sath jaga kar dekho to ehsaas hoga h ki is raat me baat kya hai..........
nyc post sir thanks

Vikashshukla said...

हर रात की बात अलग होती है ..रात खुद से खुद को जानने में मदद करती है . रात ही है जो हमे हमारी कमियों
को दूर करने में और अच्छाई को आगे बढ़ाने में उत्साहित करती है

Ayushi said...

The description about night is beautiful. Enjoyed it.

Ayushi said...

The description about night is beautiful. Enjoyed it.

Unknown said...

Night gives us the opportunity to dream and day is an opportunity to make it possible. I loved this post . Very soothing and touching.

prashantsingh said...

raat hme sapna dikhati hai aur din use sach karne ka mauka deti hai .raat aur din dono ek dusre k pahlu hai

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