Wednesday, September 13, 2023

सिर चढ़कर बोल रहा है शोर्ट वीडियो का जादू

 इंटरनेट के आने से पहले की दुनिया में बदलाव की गति धीमी थी |नया देर से पुराना होता था पर अब यह प्रक्रिया इतनी तेज है कि नया  द्रुत गति से पुराना हो रहा है|सोशल मीडिया के आने के बाद लोगों ने अपनी बात कहने के लिए  ब्लॉग पोस्ट और तस्वीरों को जरिया  बनाया फिर वीडियो और आडियो कंटेंट की धूम मची पर तस्वीरें या फोटोग्राफ मांग में लगातार बने रहे |बात चाहे अपना जन्मदिन मनाते जोड़े की हो या दुनिया घूमती एक युवा लड़की की हर जगह तस्वीरें प्रमुखता से अपनी भूमिका निभा रही थी|ये तस्वीरों का ही कमाल  था|जिसने  मोबाइल से अपनी खुद की तस्वीरें लेने की कला सेल्फी को विकसित किया  और देखते -देखते सारी दुनिया में छा गयी|लेकिन  इंटरनेट पर रील्स की बढ़ती लोकप्रियता ने इन तस्वीरों   की लोकप्रियता को खत्म  तो नहीं पर कम जरुर कर दिया है|रील्स जैसा ही एक और प्रारूप इंटरनेट पर सुर्खियाँ बटोर रहा है |वह है "व्लॉगिंग"|ये  दो अलग-अलग डिजिटल मीडिया प्रारूप हैं जिनका उपयोग वीडियो सामग्री बनाने और साझा करने के लिए किया जाता है।जिनके कारण तस्वीरों की लोकप्रियता में कमी आ रही हैव्लॉगिंग का मतलब होता है कि व्यक्तिगत अनुभवोंज्ञानकलासाहित्ययात्राओं आदि को वीडियो के माध्यम से साझा करना।इनकी अवधि रील के मुकाबले ज्यादा होती है | रील्स एक प्रकार की वीडियो सामग्री है जो आमतौर पर एम् एक्स शोर्ट विडियोमौज ,जोश ,चिंगारी,मित्रों इन्स्टाग्राम,यूट्यूब और फेसबुक  जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर बनाई जाती है।हालाँकि  यह विभिन्न  विषयों पर छोटे-छोटे वीडियो होते हैं जिन्हें संगीतडायलॉग्सआदि के साथ तस्वीरों और क्लिप्स के साथ मिलाकर बनाया जाता है। रील में गति होती है जबकि तस्वीरों में अगर गति लानी भी  है तो रील्स का ही सहारा लेना पड़ेगा |सोशल इनसाइडर  के अनुसार रील्स इंस्टाग्राम पर किसी भी अन्य सामग्री प्रकार से दोगुनी पहुंच उत्पन्न करते हैं।रील्स की औसत पहुंच दर 30.81 प्रतिशत  हैजबकि कैरोसल  (ऐसी पोस्ट जिसमें एक से अधिक फ़ोटो या वीडियो हों , जिन्हें उपयोगकर्ता फ़ोन ऐप के माध्यम से पोस्ट पर स्वाइप करके देख सकते हैं। ) और फोटो  पोस्ट की औसत पहुंच दर क्रमशः 14.45 प्रतिशत  और 13.14प्रतिशत  है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 2022 और 2023 के बीच कैरोसल पोस्ट  की पहुंच दर में महत्वपूर्ण  गिरावट आई है।

स्टैटिस्टा की एक रिपोर्ट के अनुसारइन्स्टाग्राम  रील्स की पहुंच दर उन खातों के लिए कहीं अधिक है। जो कम फ़ॉलोअर्स रखते हैं500 फ़ॉलोअर तक के खातों की औसत पहुँच दर 892 प्रतिशत  होती है। हालांकि यह उन खातों की पहुँच दर से कई गुना जयादा  है जिनके पास ज्यादा  फ़ॉलोअर्स होते हैं,  पर बड़े खातों वालों के इन्स्टाग्राम  रील्स की पहुँच में  भी काफी महत्वपूर्ण वृद्धि देखी जा रही  है।

ये आंकड़े सुझाव देते हैं कि भारत में  फोटो ग्राफ    की तुलना में रील्स एक अधिक प्रभावी तरीका है जिससे भारत में जनसंचार करनेलोकप्रियता प्राप्त करने और जनों को परिवर्तित करने का सही तरीका है। डिमांड्सएज वेबसाईट के अनुसार 230.25 मिलियन इंस्टाग्राम उपयोगकर्ताओं के साथभारत इंस्टाग्राम रील्स का सबसे बड़ा बाजार हैदूसरे नम्बर पर  अमेरिका (159.75 मिलियन) और तीसरे स्थान पट ब्राजील  (119.45 मिलियन) है।

रील्स के लोकप्रिय होने के कुछ कारण हैं. पहलावे स्थिर तस्वीरों की तुलना में अधिक आकर्षक हैंरील्स कहानियां बता सकती हैंगति दिखा सकती हैंऔर संगीत और ध्वनि प्रभाव जोड़ सकती हैंजो उन्हें दृश्य रूप से अधिक आकर्षक और देखने में दिलचस्प बना सकती हैंदूसरारील्स बनाने के लिए पहले से कहीं अधिक आसान हैंस्मार्टफोन और वीडियो संपादन ऐप्स के आगमन के साथकोई भी कुछ ही टैप के साथ एक रील बना सकता है. तीसरारील्स एक व्यापक दर्शकों तक पहुंचने का एक शानदार तरीका है. उन्हें इंस्टाग्राम यु ट्यूब शॉर्ट्स  जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साझा किया जा सकता हैजिनके अरबों उपयोगकर्ता हैं|फिर भी स्थिर चित्रों का महत्त्व खत्म नहीं हुआ है |वे यादें कैद करने का एक अधिक स्थायी और कालातीत तरीका हैउन्हें घरों और व्यवसायों में मुद्रित और प्रदर्शित किया जा सकता हैजिन्हें कई  वर्षों तक संजोया जा सकता हैस्थिर तस्वीरें दूसरों से व्यक्तिगत तौर पर जुड़ने से  एक अधिक अंतरंग तरीका भी हैंजिनका उपयोग व्यक्तिगत कहानियां बताने और निजी क्षणों को साझा करने के लिए किया जा सकता हैउनका उपयोग विशेष अवसरोंयात्रा और रोजमर्रा की जिंदगी का दस्तावेजीकरण करने के लिए होता है|रील्स छोटे   मनोरंजक वीडियो साझा करने का एक शानदार तरीका है. जिनका उपयोग  अक्सर हास्यरचनात्मकता और व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने के लिए होता हैइसलिएजबकि रील्स लोकप्रिय हो रहे हैंयह संभावना नहीं है कि वे पूरी तरह से स्थिर तस्वीरों को समाप्त कर देंगे | दोनों प्रारूपों की अपने ताकत और कमजोरियां हैंऔर वे आने वाले वर्षों में सह-अस्तित्व के साथ कितनी देर तक रह पायेंगे इसका फैसला होने में अभी वक्त है |

 नवभारत टाईम्स में 13/09/2023 को प्रकाशित 



1 comment:

शिवम कुमार पाण्डेय said...

एक जमाना था कैसेट रील का आज जमाना है इंस्टा रील्स का🥲 बहुत बढ़िया लेख।

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