All i want is every thing
जी हाँ बस इतना सा ही ख्वाब है उसका पर ये महज़ ख्वाब ना बन कर रह जाए इस के लिए एफर्ट करना जरूरी है .मुझे पताहै भाषण सुनने का आपको शौक नहीं है और इस सीख को सुनते सुनते आपके कान पक गए हैं मैं तो बस अपना अनुभव आपसे शेयर कर रहा हूँ कि आम के आम गुठलियों के दाम महज़ कहावत नहीं बल्कि रीयल्टी है.चिलैक्स ड्यूड समझाता हूँ.क्या है जो मिसिंग मिसिंग थोड़ी मस्ती दैट इस दाथिंग बोले तो बिलकुल सही इन्टरनेट अभी तक हम सबके लिए इन्टरनेट का मतलब था सोशल नेटवर्किंग साईट्स ,सर्फिंग टाईम पास ,चैटिंग और फोटो /वीडियो शेयरिंग ही था पर अब इसके थोडा आगे सोचा जाए और इस मस्ती को अपने जीवन से जोड़ दिया जाए बोले तो एक दम रापचिक देखिये वो जमाना तो अब रहा नहीं जब बुजुर्ग फरमाते थे कि अपने पैरों पर खड़े होकर दिखलाओ और उनके दिखाए रास्ते पर लोग चल पड़ते थे. अपना सी वी लेकर नौकरी की तलाश में पर अब तो बस अपना रेज्युमे पोस्ट करना होता है नौकरी.कॉम या मॉनस्टर.कॉम जैसी वेबसाइटों पर लेकिन दुनिया अब और आगे निकल चुकी है ज्यादातर भर्ती करने वाले और एचआर एक्सीक्यूटिव इंटरनेट पर कैन्डीडेट की सक्रियता को जांचने के लिए ब्लॉग्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नज़र रख रहे हैं, यह जानने के लिए क्या कैन्डीडेट जॉब प्रोफाइल के लायक है यानि आपका फेसबुक प्रोफाईल या ट्विटर अकाउंट सिर्फ यारों से मिलने और बहस करने की जगह भर नहीं रहा इन सब के थ्रू आप अपने ख्वाब को रीयल्टी में कन्वर्ट कर सकते हैं.आइये समझते हैं कैसे?अक्सर लोग अपना ई मेल या फेसबुक अकाउंट बना कर भूल जाते हैं यह एक बड़ी गलती है नौकरियों की वेबसाईट पर अपना रेज्युमे अपलोड कर उन पर ध्यान ना देना. आपने एक कहावत तो सुनी होगी आउट ऑफ साईट आउट ऑफ माइंड तो वेब की इस वर्चुअल दुनिया में अगर आप एक्टिव नहीं रहेंगे तो बहुत जल्दी भूला दिए जायेंगे लोगों की नज़र में रहने के लिए प्रयास करना होगा ऐसा करने के लिए बस इस बात का ख्याल रखना है कि आपका ब्लॉग ट्विटर और फेसबुक वाल अप टू डेट रहे बात से ही बात निकलती है जिस क्षेत्र में आपकी रूचि हो ऐसे फोरम और ऑन लाइन ग्रुप्स का हिस्सा बनकर बात को आगे बढ़ाया जा सकता है.आप जितने ज्यादा एक्टिव रहेंगे , आपके नोटिस किए जाने की संभावनाएं उतनी ही ज्यादा होगीं,पर ध्यान रहे कुछ भी लिखने से पहले एकबार जरुर सोच लें कि आप क्या लिख रहे हैं. लोगों की दिलचस्पी बनाये रखने के लिए लिखा जाने वाला कंटेंट आपके काम ,सोच और क्षेत्र से जुड़ी नवीनतम घटनाओं का मिश्रण होना चाहिए.बी सेलेक्टिव आप किस्से जुड़ते हैं ये आपके प्रोफेशनल ब्रांड को बनाता है यूथ के लिए नेटवर्किंग का ये रूल जानना बहुत जरूरी है आपके संपर्कों की गुणवत्ता, संपर्कों की संख्या से ज्यादा महत्व रखती है और सबसे महत्वपूर्ण Be Cautious अगर आपने अपनी प्रोफाईल सेटिंग को गोपनीय नहीं बनाया तो सोशल मीडिया में आपकी हर एक सूचना पर बहुत से लोगों की नज़र होगी. .दूसरे के विचारों का सम्मान कीजिये आपके विचारों को खुद ब खुद सम्मान मिलने लग जाएगा इंटरनेट के इस ग्लोबल वर्ल्ड में अपनी स्किल्स से लोगों को परिचित कराइए और देखिये कितने अवसर आपका इन्तिज़ार कर रहे हैं तो इन्तजार किस बात का है अगर आप वर्चुअल स्पेस का हिस्सा नहीं है तो बन जाइए और यूँ ही कभी कोई अकाउंट बना लिया है तो उसपर समय बिताइए और फिर देखिये बात निकलेगी तो बहुत दूर तलक जायेगी.
जी हाँ बस इतना सा ही ख्वाब है उसका पर ये महज़ ख्वाब ना बन कर रह जाए इस के लिए एफर्ट करना जरूरी है .मुझे पताहै भाषण सुनने का आपको शौक नहीं है और इस सीख को सुनते सुनते आपके कान पक गए हैं मैं तो बस अपना अनुभव आपसे शेयर कर रहा हूँ कि आम के आम गुठलियों के दाम महज़ कहावत नहीं बल्कि रीयल्टी है.चिलैक्स ड्यूड समझाता हूँ.क्या है जो मिसिंग मिसिंग थोड़ी मस्ती दैट इस दाथिंग बोले तो बिलकुल सही इन्टरनेट अभी तक हम सबके लिए इन्टरनेट का मतलब था सोशल नेटवर्किंग साईट्स ,सर्फिंग टाईम पास ,चैटिंग और फोटो /वीडियो शेयरिंग ही था पर अब इसके थोडा आगे सोचा जाए और इस मस्ती को अपने जीवन से जोड़ दिया जाए बोले तो एक दम रापचिक देखिये वो जमाना तो अब रहा नहीं जब बुजुर्ग फरमाते थे कि अपने पैरों पर खड़े होकर दिखलाओ और उनके दिखाए रास्ते पर लोग चल पड़ते थे. अपना सी वी लेकर नौकरी की तलाश में पर अब तो बस अपना रेज्युमे पोस्ट करना होता है नौकरी.कॉम या मॉनस्टर.कॉम जैसी वेबसाइटों पर लेकिन दुनिया अब और आगे निकल चुकी है ज्यादातर भर्ती करने वाले और एचआर एक्सीक्यूटिव इंटरनेट पर कैन्डीडेट की सक्रियता को जांचने के लिए ब्लॉग्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नज़र रख रहे हैं, यह जानने के लिए क्या कैन्डीडेट जॉब प्रोफाइल के लायक है यानि आपका फेसबुक प्रोफाईल या ट्विटर अकाउंट सिर्फ यारों से मिलने और बहस करने की जगह भर नहीं रहा इन सब के थ्रू आप अपने ख्वाब को रीयल्टी में कन्वर्ट कर सकते हैं.आइये समझते हैं कैसे?अक्सर लोग अपना ई मेल या फेसबुक अकाउंट बना कर भूल जाते हैं यह एक बड़ी गलती है नौकरियों की वेबसाईट पर अपना रेज्युमे अपलोड कर उन पर ध्यान ना देना. आपने एक कहावत तो सुनी होगी आउट ऑफ साईट आउट ऑफ माइंड तो वेब की इस वर्चुअल दुनिया में अगर आप एक्टिव नहीं रहेंगे तो बहुत जल्दी भूला दिए जायेंगे लोगों की नज़र में रहने के लिए प्रयास करना होगा ऐसा करने के लिए बस इस बात का ख्याल रखना है कि आपका ब्लॉग ट्विटर और फेसबुक वाल अप टू डेट रहे बात से ही बात निकलती है जिस क्षेत्र में आपकी रूचि हो ऐसे फोरम और ऑन लाइन ग्रुप्स का हिस्सा बनकर बात को आगे बढ़ाया जा सकता है.आप जितने ज्यादा एक्टिव रहेंगे , आपके नोटिस किए जाने की संभावनाएं उतनी ही ज्यादा होगीं,पर ध्यान रहे कुछ भी लिखने से पहले एकबार जरुर सोच लें कि आप क्या लिख रहे हैं. लोगों की दिलचस्पी बनाये रखने के लिए लिखा जाने वाला कंटेंट आपके काम ,सोच और क्षेत्र से जुड़ी नवीनतम घटनाओं का मिश्रण होना चाहिए.बी सेलेक्टिव आप किस्से जुड़ते हैं ये आपके प्रोफेशनल ब्रांड को बनाता है यूथ के लिए नेटवर्किंग का ये रूल जानना बहुत जरूरी है आपके संपर्कों की गुणवत्ता, संपर्कों की संख्या से ज्यादा महत्व रखती है और सबसे महत्वपूर्ण Be Cautious अगर आपने अपनी प्रोफाईल सेटिंग को गोपनीय नहीं बनाया तो सोशल मीडिया में आपकी हर एक सूचना पर बहुत से लोगों की नज़र होगी. .दूसरे के विचारों का सम्मान कीजिये आपके विचारों को खुद ब खुद सम्मान मिलने लग जाएगा इंटरनेट के इस ग्लोबल वर्ल्ड में अपनी स्किल्स से लोगों को परिचित कराइए और देखिये कितने अवसर आपका इन्तिज़ार कर रहे हैं तो इन्तजार किस बात का है अगर आप वर्चुअल स्पेस का हिस्सा नहीं है तो बन जाइए और यूँ ही कभी कोई अकाउंट बना लिया है तो उसपर समय बिताइए और फिर देखिये बात निकलेगी तो बहुत दूर तलक जायेगी.
आईनेक्स्ट में 23/02/12 को प्रकाशित