Thursday, March 1, 2012

एस एम् एस की विदाई से उपजती संभावनाएं

अभी कुछ समय पहले रक् वह युवा वर्ग में परस्पर संपर्क का सबसे लोकप्रिय साधन था .सड़क पर ,ट्रेन या बस में रेस्तरां में यहाँ तक कि घर में हर जगह ऐसे लोग दिख जाते थे जिनकी उँगलियाँ अपने मोबाईल फोन के की बोर्ड पर तेजी से घूम रही होतीं थीं .मोबाईल फोन के जरिये भेजे जाने वाले संक्षिप्त सन्देश यानि एस एम् एस के कारोबार को बढाने के लिए नेटवर्क कम्पनियाँ लगातार नित नए प्लान पेश कर रही थीं लेकिन काफी समय तक बढ़ता यह कारोबार अब ढलान पर है ..ओवम नाम की  संस्था के  अनुसार सोशल मैसेजिंग एप्लीकेशन की संख्या बढ़ने की वजह से मोबाइलों के जरिए होने वाले एसएमएस की संख्या में भारी कमी आई है.इसकी वजह से बीते साल  मोबाइल नेटवर्क कंपनियों को 13.9 अरब डॉलर ( लगभग छ सौ पच्चासी  अरब रुपए) का नुकसान हुआ है. ओवम ने दुनिया भर में स्मार्टफ़ोन के जरिए उपयोग में लाए जाने वाले विभिन्न सोशल मैसेजिंग एप्लीकेशन का अध्ययन किया. सोशल मैसेजिंग एप्लीकेशन सामान्यतः महंगे एसएमएस के स्थान पर फोन के जरिए मिलने वाली इंटरनेट सुविधा का उपयोग करते हैं.यह इंटरनेट की बढ़ती शक्ति को दिखा रहा है जो यह बताता है कि इंटरनेट किस तरह भविष्य के नए संचार साधनों में सबसे अग्रणी भूमिका निभाने वाला है.इसके व्यवसायिक पहलू भी हैं.फेसबुक अपने आई पी ओ के  शेयर विवरण पत्र (प्रोस्पेक्टस) में बताता  है,कि  ये सोशल नेटवर्किंग साइट अपने उपयोगकर्ता (यूज़र) आधार को भारत में बढ़ाने का इरादा रखती है. ऐसा मोबाइल एप्स समेत अपने उत्पादों में इज़ाफे” के माध्यम से किया जाएगा.विश्व में मोबाईल संचार का विस्तार बहुत तेजी से हुआ है.कंप्यूटर नेटवर्किंग उपकरण में अग्रणी  कंपनी सिस्को ने दुनिया में मोबाइल ट्रैफिक पर शोध के बाद पाया है कि इस वर्ष मोबाइल फ़ोन की संख्या दुनिया की आबादी से अधिक हो जाएगी.सिस्को के अनुसार वर्ष 2016 में दुनिया भर में दस अरब मोबाइल फ़ोन काम कर रहे होंगे.इसमें कोई शक नहीं मानव सभ्यता के इतिहास को बदलने में सबसे बड़ा योगदान आग और पहिये के आविष्कार ने दिया लेकिन इन्टरनेट की अवधारणा ने इस सभ्यता का नक्शा हमेशा के लिए बदल दिया. भारत में मोबाईल फोन ग्राहक मोबाईल इन्टरनेट प्रयोगकर्ताओं के मुकाबले बहुत ज्यादा हैं. पूरी दुनिया में इस्तेमाल किये  जा रहे मोबाइल नेटवर्क में सोशल मैसेजिंग की भूमिका अभी  सीमित है पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि तकनीक का इस्तेमाल  संक्रामक रोग की तरह फैलता है और यहाँ एक मौन इन्टरनेट क्रांति आकार ले रही है.तेजी से बढ़ती मोबाईल धारकों की संख्या भविष्य के मोबाईल इन्टरनेट प्रयोगकर्ताओं को तैयार कर रही है. मोबाईल इन्टरनेट इस्तेमाल करने वाली कुल आबादी का पचहत्तर प्रतिशत हिस्सा बीस से उनतीस वर्ष के युवा वर्ग से आता है इसमें खास बात यह है कि यह युवा वर्ग सोशल नेटवर्किंग साईट्स पर सबसे ज्यादा सक्रिय है .सोशल नेटवर्किंग साईट्स लगातार ऐसे एप्स बना रही हैं जो मोबाईल के लिए मुफीद हो और संदेशों के आदान प्रदान में लागत कम आये जिसका सीधा असर एस एम् एस से होने वाली कम आय पर पढ़ रहा है रही सही कसर इन्टरनेट पर सैकड़ों की संख्या में उन वेबसाईट ने पूरी कर दी है जो मुफ्त में एस एम् एस भेजने का विकल्प उपभोक्ताओं को देती हैं इस सबमें अच्छी बात यही है कि एस एम् एस की विदाई कोई बुरी खबर नहीं है ,बल्कि यह तकनीक की तरक्की के लोकप्रिय होते जाने की कहानी है .
दैनिक हिन्दुस्तान में 29/02/12 को प्रकाशित 

2 comments:

deepudarshan said...

waqt ke ssath sms ki badlti tasveer ki sundar prastuti sir ji.............

archana chaturvedi said...

अगर उचाई पे चड़ना है तो उतरना भी शिखना होगा sms के द्वारा इस सच्चाई की अद्भुत प्रस्तुति .................

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