टेंशन बहुत है यार आपने भी ये जुमला सुना होगा
और टेंशन को महसूस भी किया होगा. अब मुझे देखिये न मैं पिछले पन्द्रह दिनों से
टेंशन में हूँ कि इस महीने मैं आप लोगों के लिए क्या लिखूं.फाइनली इस टेंशन ने ही
मुझे इस टेंशन से मुक्ति दी और मुझे टॉपिक मिल गया.जी हाँ इस बार टेंशन की
बात.टेंशन यूँ तो स्वास्थ्य के लिए अच्छी बात नहीं है पर अगर जिंदगी में आगे बढ़ना
हो तो थोड़ी टेंशन तो लेनी पड़ेगी न.ये टेंशन बोले तो तनाव हम सब की जिन्दगी का
हिस्सा है कुछ कम या ज्यादा पर हम सब इसके मारे हैं.हम अपने जीवन से टेंशन को
हमेशा के लिए खत्म तो नहीं कर सकते हैं पर इसको मिनीमाईज़ जरुर कर सकते
हैं.कुछ समझे अगर टेंशन को पॉजिटिव वे में लेंगे तो जिंदगी में आगे बढ़ने के
रास्ते यहीं से निकलेंगे|टेंशन
का मतलब चिंता,अब जिंदगी है तो चिंताएं भी होंगी यूँ कहें की
थोडा है थोड़े की जरुरत है.इस कट थ्रोट कम्पटीशन वाले टाईम में अब मस्त
होकर जीवन तो गुजार सकते हैं पर जो बगैर चिंता किये जीवन गुजारते हैं वो
जिंदगी में कम ही सफल हो पाते हैं| कैसे मैं आपको
समझाता हूँ अब अगर पढ़ाई का टेंशन नहीं लेंगे तो परीक्षा वाले दिन और ज्यादा टेंशन
होगा कि काश रोज थोड़ी पढ़ाई करते तो परीक्षा वाली रात कयामत की रात न होती यानि रोज पढ़ कर हम एक्साम की टेंशन को खत्म तो नहीं कर सकते पर कम जरुर कर
सकते हैं.यानि लाईफ में सक्सेस के लिए कंसिस्टेंट होना जरुरी है,तो ऐसी टेंशन जो हमारी डेली रूटीन लाईफ से जुडी हैं उनको हम थोडा सचेत
होकर कम जरुर कर सकते हैं.अब देखिये आजकल कंप्यूटर का ज़माना है पर इसकी हार्ड
डिस्क कब क्रैश हो जाए क्या पता.अब अगर हम अपने सारे डाटा का बैकअप रखेंगे तो हार्ड
डिस्क क्रैश भी होगी तो टेंशन कम होगा.
वैसे हमारी प्रगति में टेंशन का बड़ा
कंट्रीब्यूशन है इस दुनिया से लेकर अपने करियर तक आप हर जगह इस टेंशन को
पायेंगे.आपने गौर किया होगा कि जब काम हमारे हिसाब से नहीं होता तब हमें टेंशन
होती है और तब हम चीजें बेहतर करने की कोशिश करते हैं जो लोग टेंशन से हार मानकर
हथियार डाल देते हैं वो जीवन में कुछ ख़ास नहीं कर पाते और जो टेंशन से लड़ते हैं वो
बड़े लीडर या आविष्कारक बन जाते हैं.जिन्हें दुनिया पहचानती है.न्यूटन ने जब सेब को
जमीन पर गिरते देखा तो ये सोचा कि ये जमीन पर क्यूँ गिरा ये ऊपर आसमान में क्यूँ
नहीं गया और इस टेंशन में उन्होंने धरती का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत
खोज निकाला.
तो हम अगर आज आगे बढ़ रहे हैं तो मेहनत के अलावा
तनाव भी इसके लिए जिम्मेदार है जो आपको बगैर काम खत्म हुए चैन से बैठने नहीं
देता.क्या समझे ये टेंशन का पॉजिटिव इफेक्ट है पर अगर आप सिर्फ टेंशन ले रहे हैं
और काम नहीं कर रहे हैं तो समझ लीजिये आप मुश्किल में हैं.काम का ज़िक्र करना
और ज़िक्र का फ़िक्र करना अपने आप में एक प्रोब्लम है और ऐसे ही लोग अक्सर ये बोलते
सुने जाते हैं बड़ी टेंशन है यार,टेंशन सभी को है पर उसका जिक्र सबसे करके क्या फायदा तो टेंशन के टशन का दूसरा
सबक है अगर तनाव आपको बहुत ज्यादा है तो उसका जिक्र उन लोगों से कीजिये जो आपके
अपने हैं और ऐसे ही लोग आपको टेंशन से निकाल पायेंगे पर ध्यान रहे आपको उन पर
भरोसा करना पड़ेगा.
टेंशन एक स्टेट आफ माईंड है पर जिसे आप मैनेज कर
सकते हैं,जब आप
किसी मसले पर ज्यादा देर तक चिंता के साथ सोचते हैं तो वो टेंशन हो जाता है
पर इसे जरुरत से ज्यादा मत बढ़ने दीजिये और समय रहते इसका मैनेजमेंट
कीजिये.टेंशन को मैनेज करने का हर इंसान का अपना एक अलग तरीका होता है.कोई गाने
सुनता है तो कोई लॉन्ग ड्राइव पर निकल जाता है तो आपको जब लगे कि तनाव ज्यादा
ज्यादा बढ़ रहा है तो वो आम करें जो आपको पसंद हो फिर देखिये कि कैसे आपका सारा
टेंशन छू मंतर हो जाएगा.जैसे खाने में स्वाद बढाने के लिए मसलों का इस्तेमाल होता
है वैसे ही जिन्दगी का असली मजा तो तभी है जब उसमें थोडा बहुत मसाला हो.भाई जब
चैलेंजेस होंगे तो टेंशन भी होगा सीधी सपाट लाईफ कभी आपने किसी की देखी है भला.कुछ
न कुछ तो सबके जीवन में होता है ये आपके ऊपर है क्यूंकि आज का ये दिन कल बन जाएगा
कल तो पीछे मुड़ कर क्या देखना तो टेंशन को तार तार कीजिये.
आई नेक्स्ट में 31/10/14 को प्रकाशित