अच्छा आपने बदलाव बोले तो चेंज की बहुत बात सुनी होंगी पर क्या इस चेंज को महसूस किया है .अब देखिये न स्मार्ट फोन और इंटरनेट कितना तगड़ा चेंज हमारे जीवन के हर पहलू में ला रहे हैं .कुछ का पता हमें पता पड़ता और कुछ का बिलकुल भी नहीं ,पीसीओ और साईबर कैफे इतिहास हैं हर हाथ में इंटरनेट बोले तो स्मार्टफोन जो भरे हुए हैं दुनिया भर के एप्स से .हर इंसान बस कनेक्टेड रहना चाहता है.कुछ भी मिस नहीं होना चाहिए. वैसे अगर आप बदलाव को निरपेक्ष भाव से देखें मतलब न कुछ खोने का गम और न कुछ पाने की खुशी तो एहसास होता है ये दुनिया ऐसे ही नहीं बदली. जब हम बदलाव में एक पक्ष बन जाते हैं तब बदलाव अच्छा या बुरा हो सकता है पर मैंने पहले ही कहा था “निरपेक्ष भाव” से तो ये बदलाव बहुत कुछ कहता है पर क्या कभी हमने सुनने की कोशिश की है.टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी का कितना अहम हिस्सा होती जा रही है.पहले भारत के एक सामान्य इंसान का अगर तकनीक से बहुत पाला पड़ता था तो दो चीजें थी पहला कैलकुलेटर और दूसरा टाईप राइटर पर और ये दोनों चीजें इतनी आम भी नहीं थी पर आज ये “टर”हमारे जीवन में कितने चेंज ले आया है.जी हाँ कंप्यूटर और उसके पीछे पीछे मोबाईल फोन वाकई हम बहुत दूर निकाल आयें हैं. एक ऐसी दुनिया जहाँ कम्युनिकेट करना ज्यादा इम्पोर्टेंट है.पर क्या आपने ध्यान दिया कि ये तकनीकी बदलाव हमारे बात चीत करने की एक नयी वर्तनी गढ़ रहे हैं कितने नए शब्द मिल गए हैं हमें थोडा सा डूड बनकर चलते हैं मार्केट घूमने और देखते हैं इस नयी दुनिया में लोग कैसे बोल बतिया रहे हैं उप्प्स चैट कर रहे हैं.यार् पिज्जा खाना है नॉट वरी चिलेक्स मुझे गूगल करने दे अभी बताता हूँ कि कौन सा पिज्जा आउटलेट करीब है.नेट स्लो है सेम ओल्ड कनेक्शन प्रोब्लम, तू व्हाट्सएप पर लगा है और पेट में चूहे झम्पिंग झपाक कर रहे हैं.क्या तू अभी एस एम् एस में अटका है,फैंक दे इस फ़ोन को कोई बजट स्मार्ट फोन ले ले.देख इंसान स्मार्ट हो न हो पर गैजेट स्मार्ट होने चाहिए.यू नो दिस इस काल्ड एटीट्यूड.ये तो एक बानगी भर है वर्च्युल वर्ल्ड की बातें रीयल वर्ल्ड में कितनी तेजी से हमसे जुड़ती जा रही हैं.ओए तेरी फीड में ये एड अ फ्रैंड जैसी हरकत कौन कर रहा है और तेरा रिलेशनशिप स्टेटस सिंगल क्यूँ है.तू मेरा कैसा दोस्त है जो प्रोफेशनल लाइकर्स की तरह मेरी हर बात में हाँ हाँ किये जा रहा है तेरा भी कोई पॉइंट ऑफ व्यू है कि नहीं लाईफ का एक्टिव यूजर्स बन बिंदास कमेन्ट कर क्यूंकि जिंदगी न मिलेगी दोबारा.
ये तो दो दोस्तों की बातें हो गयीं पर यहाँ प्रेमी प्रेमिका भी कुछ ऐसी ही रौ में बहे चले जा रहे हैं उधर वो चैट पर जल रही होती कभी हरी तो कभी पीली और इधर वो, तो बस लाल ही होता हूँ.तुम एक स्माइली भी नहीं भेज सकती,तुम बिजी हो तो मैं कौन सा हैबीटुएटेड चैटर हूँ और सुनो चैटर हो सकता हूँ चीटर नहीं.अब जवाब भी सुनिए वो भी कम दिलचस्प नहीं है काश तुम टाईम लाइन रिवियू होते जब चाहती अनटैग कर देती है.मुझे लगता है इस रिश्ते को साइन आउट करने का वक्त आ गया.उधर पेरेंट्स भी अपने लाडलों पर नजर रखे हुए हैं.बाप बेटे की रोड पर होती तकरार का आप भी लुत्फ़ लीजिए.तुम इतनी रात तक चैट की बत्तियों को जलाकर किसको हरी झंडी दिखाते रहते हो.क्या पापा ऐसा कुछ भी नहीं है मैं तो बस फोन पर ही ऑनलाइन रहता हूँ.बेटे बाप हूँ तेरा मैं इन्विजीबल रहकर तेरी हर हरकत पर नजर रखता हूँ पर बोलता कुछ नहीं तू खुद समझदार बन और ये लड़कियों का चक्कर छोड़ पढ़ाई पर ध्यान लगा नहीं तो जिंदगी तुझे ब्लॉक कर देगी तब तू बस लोगों को फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजता फिरेगा और लोग तुझे वेटिंग में डालते रहेंगे.अगर आपको ये लेख मजेदार लगा हो तो फेसबुक से लेकर ट्विटर तक जहाँ जहाँ शेयर कर सकते हों कर दीजिए.इसलिए नहीं कि लेख बड़ा अच्छा है बल्कि इसलिए कि हम एक ऐसी पीढ़ी को बिलोंग करते हैं जो सवाल पूछने से डरती नहीं जो हर चीज का जवाब मांगती है और ज्यादा रिस्पोंसिबल है तो देर किस् बात की जरा मोबाईल चेक कीजिये देखिये कोई आप से कुछ कहना चाह रहा है,और हाँ मुस्कुराईयेगा जरुर आखिर एक स्माईली का ही तो सवाल है .
आई नेक्स्ट में 21/11/14 को प्रकाशित लेख
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