प्रिय दोस्त 2015
एक और साल बीत रहा है और मेरे जाने का वक्त हो गया मन उदास है पर जाना तो पड़ेगा,मैं जाऊँगा नहीं तो तुम आओगे कैसे आना जाना प्रकृति का चक्र है जो आएगा वह जाएगा भी पर दुःख तो होता है,मैं जब आया था तो लगता था कि ये खुशियाँ ये उत्साह हमेशा बना रहेगा पर ऐसा होता नहीं हमारे जीवन को ही देख लो किसी रोज हम बहुत खुश होते हैं तो किसी रोज बहुत दु:खी सुख और दुःख हमारे हाथ में नहीं है ये तो आयेंगे और जायेंगे पर अगर हम चीजों को समान भाव से लेने की आदत डाल लें तो जिन्दगी कितनी हसीं हो जायेगी.
खैर छोडो इन बातों को तुम यह सोच रहे होगे कि इस वक्त मैं तुम्हें चिठ्ठीनुमा मेल क्यूँ लिख रहा हूँ . तुम्हारा सवाल जायज़ है मैंने सोचा कि क्यूँ न जाते जाते अपने अनुभव तुम्हारे साथ बांटे जाएँ हालांकि तुम खुद समझदार हो और वैसे भी जिन्दगी जब सिखाती है अच्छा ही सिखाती है तो बहुत सी बातें तुम खुद सीख जाओगे पर चूँकि मैं तुमसे बड़ा हूँ तो कुछ बातें मैं तुम्हें पहले से समझा के जाना चाहता हूँ और तुम्हें मुझसे असहमत होने का पूरा हक़ है.तो पहला सबक यही रहा कि हम हमेशा अपने मन की नहीं चला सकते पर असहमत होने के लिए सहमत होना भी जरुरी है तो तुम्हें एक ऐसा माहौल बनाना हैं जहाँ लोग अपने वैचारिक मतभेद के साथ इस देश में शान्ति से रह सकें.मैंने इस दिशा में कोशिश तो की लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है.देखो दोस्त इस संसार में एक ही चीज कांस्टेंट है वो है परिवर्तन तो एक दिन तुमको भी जाना होगा यह बात अगर तुम्हारे जेहन में रहेगी तो तुम किसी भी चेंज को आसानी से स्वीकार कर लोगे क्योंकि तुम्हे पता है तुम यहाँ हमेशा के लिए नहीं हो .तुमने अक्सर जेनरेशन गैप की चर्चा सुनी होगी जानते हो ये गैप क्यूँ होता है जब एक पक्ष परिवर्तन का हिस्सा होता है और दूसरा उस परिवर्तन को स्वीकार नहीं कर पा रहा होता है तब समस्याएँ पैदा होती हैं तो मेरी दूसरी सलाह तुमको है बदलाव का खुले दिल से स्वागत करना :नए विचारों और नए लोगों को आगे बढ़ाना, देखना तुम खुद ब खुद आगे बढ़ जाओगे,ऐसे में जब तुम्हारा जाने का वक्त आएगा तो तुम्हें उतना बुरा नहीं लगेगा. तीसरी बात जब तुम यहाँ आओगे लोग तुम्हारा दिल खोल कर स्वागत करेंगे क्यूंकि जिन्दगी ऐसे ही आगे बढ़ती है जिन्दगी ऐसे ही चलती है.वो पंक्तियाँ तो तुमने भी सुनीं होंगी एक दिन हम भी गुजरा हुआ कल बन जायेंगे पहले हर रोज, फिर कभी -कभी फिर कभी नहीं याद आयेंगे तो आज मेरी बारी है गुजरा हुआ कल बनने की कल तुम्हारी भी होगी तो किसी तारीफ़ के लिए काम न करना काम अपनी खुशी के लिए करना क्योंकि ये दुनिया किसी के लिए भी रुकती नहीं है आलोचनाओं से घबराना नहीं और तारीफ़ से दिमाग मत खराब कर लेना अगर तुम ऐसा कर पाने में सफल रहे तो समझ लेना की तुम्हें जिन्दगी जीना आ गया.हमारा तुम्हारा रिश्ता भी अजीब है हम कभी नहीं मिल पायेंगे पर जब तुम्हारा जिक्र होगा तब मेरा भी जिक्र होगा ये सिलसिला बनाये रखना,भले ही तुम बहुत से लोगों को व्यक्तिगत तौर पर न जानो पर तुम लोगों के जीवन में कुछ ऐसा परिवर्तन लाना कि लोग बगैर तुम्हें जाने हमेशा याद रखें.
दिन हमेशा एक जैसे नहीं होते,कई बार तुम्हें ऐसा लगेगा कि कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा ऐसे में घबराने या परेशान होने की जरुरत नहीं है बस धीरज का साथ मत छोड़ना और पॉजीटिव तरीके से आगे बढ़ना देखना धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा.एक और बात ये दुनिया बहुत खुबसूरत है पर इससे दिल लगाने की कोशिश मत करना जो लोग आज तुम्हारे आने के इंतज़ार में पलक बिछाए बैठे हैं यही अगले साल तुम्हारे जाने के दिन गिन रहे होंगें तो तुम अति भावुकता का शिकार कभी मत होना,भावुकता हमेशा सही निर्णय लेने में दिक्कत पैदा करती है. तो नया साल नई बातों नई सोच का कुछ कर गुजरने का साल होना चाहिए. मैं तो अब जा रहा हूँ फिर कभी न आने के लिए लेकिन मेरे जिन्दगी के इस फलसफे को याद रखना जिन्दगी में इतनी जगह जरुर रखना जिसमें गए हुए लोग लौट के फिर आ सकें.
अलविदा
तुम्हारा 2014
आई नेक्स्ट में 30/12/14 को प्रकाशित