पिछले तकरीबन एक दशक से भारत को किसी और चीज ने उतना नहीं बदला, जितना मोबाइल फोन ने बदल दिया है। संचार ही नहीं, इससे दोस्ती और रिश्ते तक बदल गए हैं। इतना ही नहीं, देश में अब मोबाइल बात करने का माध्यम भर नहीं है, बल्कि यह मनोरंजन और खबरों, सूचनाओं वगैरह के मामले में परंपरागत संचार माध्यमों को टक्कर दे रहा है। इसके साथ ही जुड़ी हुई यह खबर भी है कि दुनिया में स्मार्टफोन का सबसे तेजी से बढ़ रहा बाजार भारत ही है।
इस बीच टेलीकॉम कंपनी एरिक्सन ने अपने एक शोध के नतीजे प्रकाशित किए हैं, जो काफी दिलचस्प हैं। इससे पता चलता है कि स्मार्टफोन पर समय बिताने में भारतीय पूरी दुनिया में सबसे आगे हैं। एक औसत भारतीय स्मार्टफोन प्रयोगकर्ता रोजाना तीन घंटा 18 मिनट इसका इस्तेमाल करता है। इस समय का एक तिहाई हिस्सा विभिन्न तरह के एप के इस्तेमाल में बीतता है। एप इस्तेमाल में बिताया जाने वाला समय पिछले दो साल की तुलना में 63 फीसदी बढ़ा है। स्मार्टफोन का प्रयोग सिर्फ चैटिंग एप या सोशल नेटवर्किंग के इस्तेमाल तक सीमित नहीं है, लोग ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर तरह-तरह के व्यावसायिक कार्यों को स्मार्टफोन से निपटा रहे हैं।
मोबाइल पर वीडियो देखने का बढ़ता चलन टेलीविजन के लिए बड़े खतरे के रूप में सामने आ रहा है। अमेरिका में टेलीविजन देखने के समय में गिरावट दर्ज की जा रही है और भारत भी उसी रास्ते पर चल पड़ा है। इस शोध के मुताबिक, स्मार्टफोन के 40 प्रतिशत प्रयोगकर्ता बिस्तर पर देर रात तक वीडियो देख रहे हैं। 25 प्रतिशत चलते वक्त, 23 प्रतिशत खाना खाते वक्त और 20 प्रतिशत खरीदारी करते वक्त भी वीडियो देखते हैं। इसके साथ ही कॉम स्कोर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट ट्रैफिक का 60 प्रतिशत हिस्सा मोबाइल फोन व टेबलेट से पैदा हो रहा है और इस मोबाइल ट्रैफिक का करीब 50 प्रतिशत भाग मोबाइल एप से आ रहा है।
मोबाइल का बढ़ता इस्तेमाल भारतीय परिस्थितियों के लिए ज्यादा सुविधाजनक है। बिजली की समस्या से जूझते देश में मोबाइल टीवी के मुकाबले कम बिजली खर्च करता है। यह एक निजी माध्यम है, जबकि टीवी और मनोरंजन के अन्य माध्यम इसके मुकाबले कम व्यक्तिगत हैं। दूसरे आप इनका लुत्फ अपनी जरूरत के हिसाब से जब चाहे उठा सकते हैं, यह सुविधा टेलीविजन के परंपरागत रूप में इस तरह से उपलब्ध नहीं है। सस्ते होते स्मार्टफोन, बड़े होते स्क्रीन के आकार, निरंतर बढ़ती इंटरनेट स्पीड और घटती मोबाइल इंटरनेट दरें इस बात की तरफ इशारा कर रही हैं कि आने वाले वक्त में स्मार्टफोन ही मनोरंजन और सूचना का बड़ा साधन बन जाएगा। लेकिन यह तस्वीर तभी तेजी से बदलेगी, जब इंटरनेट उपलब्धता के लिए आधारभूत ढांचों का तेजी से विकास होगा और मोबाइल नेट की दरें कम रखी जाएंगी।
हिन्दुस्तान में 24/12/14 को प्रकाशित मोबाइल का बढ़ता इस्तेमाल भारतीय परिस्थितियों के लिए ज्यादा सुविधाजनक है। बिजली की समस्या से जूझते देश में मोबाइल टीवी के मुकाबले कम बिजली खर्च करता है। यह एक निजी माध्यम है, जबकि टीवी और मनोरंजन के अन्य माध्यम इसके मुकाबले कम व्यक्तिगत हैं। दूसरे आप इनका लुत्फ अपनी जरूरत के हिसाब से जब चाहे उठा सकते हैं, यह सुविधा टेलीविजन के परंपरागत रूप में इस तरह से उपलब्ध नहीं है। सस्ते होते स्मार्टफोन, बड़े होते स्क्रीन के आकार, निरंतर बढ़ती इंटरनेट स्पीड और घटती मोबाइल इंटरनेट दरें इस बात की तरफ इशारा कर रही हैं कि आने वाले वक्त में स्मार्टफोन ही मनोरंजन और सूचना का बड़ा साधन बन जाएगा। लेकिन यह तस्वीर तभी तेजी से बदलेगी, जब इंटरनेट उपलब्धता के लिए आधारभूत ढांचों का तेजी से विकास होगा और मोबाइल नेट की दरें कम रखी जाएंगी।
2 comments:
Now smartfone is the part of our life...
स्मार्टफोन के इस्तेमाल करने वालों की दर दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है। इसी के चलते लोगों में तनाव का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। जितना लोग स्मार्ट फोन पर निर्भर होते जा रहे हैं, यह समस्या भी उतना ही गंभीर रूप लेती जा रही है।
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