बात ज्यादा पुरानी नहीं है |आज से पांच साल पहले किसी ने नहीं सोचा था कि एक ऐसा वक्त भी आएगा जब आप कुछ न करते हुए भी बहुत कुछ करेंगे और पैसे भी कमाएंगे |बात चाहे यात्राओं की हो या खान –पान की या फिर फैशन की देश विदेश की बड़ी कम्पनिया ऐसे लोगों को जो इंटरनेट पर ज्यादा फोलोवर रखते हैं अपने प्रोडक्ट के विज्ञापन के लिए पैसे दे रही हैं और उनके खर्चे भी उठा रही हैं | इंटरनेट की दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण बात है इसकी गतिशीलता नया बहुत जल्दी पुराना हो जाता है और नई संभावनाओं के द्वार खुल जाते हैं |सोशल मीडिया प्लेटफोर्म नित नए रूप बदल रहे हैं उसमें नए –नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं |इस सारी कवायद का मतलब ऑडिएंस को ज्यादा से ज्यादा वक्त तक अपने प्लेटफोर्म से जोड़े रखना |इसका बड़ा कारण इंटरनेट द्वारा पैदा हो रही आय भी है |अब सोशल मीडिया इतना तेज़ और जन-सामान्य का संचार माध्यम बन गया कि इसने हर उस व्यक्ति को जिसके पास स्मार्ट फोन है और सोशल मीडिया पर उसकी एक बड़ी फैन फोलोविंग वह एक चलता फिरता मीडिया हाउस बन गया है | अब वह वक्त जा चुका है जब सेलेब्रेटी स्टेट्स माने के लिए किसी को सालों इन्तजार करना पड़ता था |सोशल मीडिया रातों रात लोगों को सेलिब्रटी बना दे रहा है जिसमें बड़ी भूमिका ,फेसबुक ,इन्स्टाग्राम और यू ट्यूब जैसी साईट्स निभा रही हैं |
मूल्यांकन सलाहकार फर्म (Valuation Advisory firm Kroll) क्रोल की एक नवीन रिपोर्ट के अनुसार एक साल में भारतीय ब्रांड्स ने अपनी इन्फ़्लुएन्सर मार्केटिंग पर खर्च दोगुना कर दिया |पिछले एक साल में एक तिहाई भारतीय ब्रांड्स ने सोशल मीडिया इन्फ़्लुएन्सेर्स पर अपना खर्च दो गुना कर दिया है | कोरोना महामारी ने बड़ी मात्रा में डिजिटलीकरण को प्रेरित किया , भारत में सोशल मीडिया की कंटेंट क्रियेटर इंडस्ट्री पच्चीस प्रतिशत की रफ़्तार से बढ़ रही है और जिसके साल 2025 में 290|3 मिलीयन डालर हो जाने की उम्मीद है | सोशल मीडिया इन्फ़्लुएन्सेर्स अब ब्रांड को एक बड़े दर्शक वर्ग पर कम खर्च में पहुंचने का एक सुलभ तरीका बन रहा है आज भारत में लगभग 80 मिलियन कॉन्टेंट क्रिएटर हैं, जिनमें वीडियो स्ट्रीमर्स, इन्फ़्लुएन्सेर्स और ब्लॉगर्स शामिल हैं। डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी आई क्यूब्स वायर के एक शोध से पता चलता है कि लगभग 35 प्रतिशत ग्राहकों के खरीदारी निर्णय सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर पोस्ट, रील्स और वीडियो देखकर लिए जा रहे हैं | affable|ai नामक एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता-संचालित इंफ्लुएंसर मार्केटिंग प्लेटफोर्म के आंकड़ों के अनुसार नैनो- इंफ्लुएंसर, जिनके पास 10,000 से कम फॉलोअर हैं, ने 2022 में इंस्टाग्राम पर सबसे अधिक इंगेजमेंट अर्जित की है |जबकि माइक्रो इंफ्लुएंसर जिनके दस हजार से पचास हजार के बीच फॉलोअर ने इन्स्टाग्राम और यू ट्यूब पर ज्यादा दर्शक मिले पर उनकी इंगेजमेंट दर कम थी |
सोशल मीडिया यूजर्स अपनी बड़ी फैन फोलोइंग का फ़ायदा “सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर” के तौर पर उठा रहें और यह एक विज्ञापन के नए माध्यम के रूप में तेजी से उभर रहा है| सोशल मीडिया अब आम इंटरनेट यूजर्स को सितारा बना रहा है |
देश में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, व्यक्ति और ब्रांड प्रमोशन का बड़ा औजार बनकर सामने आया है | सोशल मीडिया विज्ञापन का एक अपरंपरागत माध्यम है | जो बाकी सारे मीडिया (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और समानांतर मीडिया) से अलग है |यह एक वर्चुअल वर्ल्ड बनाता है जिसे उपयोग करने वाला व्यक्ति सोशल मीडिया के किसी प्लेटफॉर्म (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम) आदि का इंटरनेट के माध्यम से उपयोग कर किसी भी नेट कनेक्टेड व्यक्ति तक पहुंच बना सकता है |
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर वह आम व्यक्ति होता है जिसकी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफोर्म पर काफी सारे फोलोवर होते हैं और वह अपनी इस लोकप्रियता का इस्तेमाल विभिन्न तरह के उत्पाद बेचने में करता है | इसमें रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट दूसरे विज्ञापन माध्यमों के मुक़ाबले अधिक है| देश के लाखों युवा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को एक करियर के अच्छे विकल्प के रूप में देख रहे हैं | सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर जहाँ विज्ञापनों की दुनिया में एक नया आयाम गढ़ रहा है वहीं विज्ञापनों की दुनिया में सेलिब्रेटी स्टेट्स को खत्म भी कर रहा है |जहाँ हमारे आपके बीच के लोग ही स्टार बन रहे है |
भारत में चूँकि अभी इंटरनेट बाजार में पर्याप्त संभावनाएं हैं इसलिए अभी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का यह दौर चलेगा पर कुछ चिंताएं भी है भारत के इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग उद्योग को विनियमन की आवश्यकता है ताकि तथ्यों के गलत प्रस्तुतीकरण से बचा जा सके। जनवरी में, भारत के उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने घोषणा की कि ऐसे में ये गाइडलाइंस ग्राहक हितों की रक्षा के लिए जरूरी हैं| सोशल मीडिया पर ऐड्स करने वाले सेलेब्रिटीज़ भी इसके दायरे में होंगे| किसी भी भ्रामक विज्ञापन व इन्हें नहीं मानने पर इंफ्लूएंसर्स को 10 लाख तक का जुर्माना देना होगा| लगातार अवमानना पर 50 लाख तक जुर्माना देना होगा| साथ ही एंडोर्स करने वाले को 2 से 6 महीने तक किसी भी एंडोर्समेंट करने से रोका जा सकता है| उस प्लेटफॉर्म को ब्लॉक करने की कार्रवाई भी सम्भव है|
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को आत्म-नियंत्रित करने की आवश्यकता है जिससे वे नीति निर्माण में भाग ले सकें ताकि इस उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव हो| परम्परागत विज्ञापनों में शामिल खिलाड़ियों और सिने कलाकारों के प्रति लोगों का मोह एकदम से कम तो नहीं हुआ है पर इसकी शुरुआत जरुर हो गयी है |इन दोनों की लड़ाई में कौन जीतेगा इसका फैसला वक्त को करना है|
दैनिक जागरण में 02/03/2024 को प्रकाशित