मीम की |आधुनिक परिभाषा एक विनोदी छवि, वीडियो, किसी टेक्स्ट ( पाठ) का टुकड़ा या एनीमेटेड तस्वीर( जीआईएफ) है जो सोशल मीडिया पर अक्सर थोड़े बदलाव के साथ प्रसारितहै, मीम्स कोई भी बना सकता है और किसी भी चीज़ के बारे में हो सकता है, वर्तमान घटनाओं से लेकर किसी भी सांसारिक कार्यों तक, जिसमें राजनीतिक सांस्कृतिक और फिल्म के सन्दर्भ शामिल होते हैं |मीम की लंबाई अलग-अलग होती है. क्योंकि वे छवियों, प्रतीकों , पाठ, वीडियो या जीआईएफ का रूप ले सकते हैं , वे एक छवि या वाक्यांश जितने छोटे हो सकते हैं और एक विस्तृत कथा के साथ कई मिनट के वीडियो जितने लंबे हो सकते हैं। कुछ मीम्स की सोशल मीडिया पर लोकप्रियता क्षणिक होती है, जबकि कुछ वर्षों तक टिके रहते हैं।मीम्स की अवधारणा की जड़ें जीवविज्ञानी रिचर्ड डॉकिन्स की 1976 में प्रकाशित किताब, द सेल्फिश जीन से मिलती हैं । डॉकिन्स ने मीम को एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में परिभाषित किया है | जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है, जैसे कि जीन प्रजनन के माध्यम से फैलते हैं। मीम शब्द स्वयं ग्रीक शब्द माइमेमा से आया है , जिसका अर्थ है "जिसकी नकल की जाती है।"डॉकिन्स की किताब से पता चलता है कि मीम्स के उदाहरण सदियों पुराने हैं। लेकिन इन दिनों, जब हम मीम्स के बारे में सोचते हैं, तो आमतौर पर इंटरनेट मीम्स ही दिमाग में आते हैं। पहला इंटरनेट मीम व्यापक रूप से " डांसिंग बेबी " माना जाता है, जिसमें एक 3डी एनिमेटेड बच्चा जो चा-चा नृत्य कर रहा था, यह 1990 के दशक के अंत में लोकप्रिय हुआ।इंटरनेट कंसल्टिंग फर्म रेड्शीर की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में भारतीय स्मार्टफोन उपयोगकर्ता प्रतिदिन तीस मिनट का समय मीम्स देखने में बिता रहे हैं |
साल 2021 के मुकाबले भारत में मीम्स खपत में अस्सी प्रतिशत की वृद्धि हुई है |इसी शोध के अनुसार मीम लोगों का तनाव दूर करने का एक अच्छा माध्यम बन कर उभरा है |2021 के इंस्टाग्राम के आंकड़ों से पता चलता है कि सारी दुनिया में मीम शेयरिंग में दोगुनी वृद्धि हुई है, आज रोज लगभग एक मिलियन मीम शेयर किए जाते हैं, जो 2018 में 500,000 से अधिक है| ये आंकड़े मीम की बढ़ती लोकप्रियता को उजागर करते है। फोर्ब्स के एक शोध के अनुसार मीम विज्ञापन अभियान ईमेल मार्केटिंग की तुलना में चौदह प्रतिशत अधिक क्लिक-थ्रू दर प्राप्त करते हैं, जो उनकी शक्तिशाली वायरल अपील और व्यापक पहुंच को प्रदर्शित करता है।हालाँकि मीम का एक अवधारणा के रूप में अभी आंकलन होना बाकी है लेकिन पर्याप्त इंटरनेट जागरूकता के अभाव में मीम चरित्र हनन का भी एक बड़ा जरिया बन रहे हैं |जिसके लिए लोगों को सचेत होने की जरुरत है |मनोरंजन के लिए किसी का मजाक किस हद तक उड़ाया जाए |दूसरी समस्या सामान्य लोगों की निजता की भी है जिनके चेहरे इंटरनेट पर किसी वजह से वायरल हो जाते हैं फिर वे तरह तरह के मीम का हिस्सा बन जाते हैं |संवाद और मनोरंजन का यह नया रूप भविष्य में कैसे जिम्मेदारी से विकसित होगा |इसका फैसला होने में अभी वक्त है |
अमर उजाला में 07/03/2024 को प्रकाशित
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