बचपन में अक्सर मैं सोचा करता था छुट्टियाँ इतनी कम क्यों होती हैं सुख के दिन जल्दी बीत जाते हैं. ऐसा लगता है पर दिन तो अपने समय के हिसाब से ही बीतता है. ये बात अलग है कि हमें पता नहीं पड़ता.अरे भाई गर्मी का मौसम उफान पर है. अपने हिसाब से बीतेगा पर हम हैं कि इंतज़ार नहीं कर पा रहें और ऐसे में आप सबको जाड़ा जरुर याद आ रहा होगा. जो जब था तब हम कहते थे कि बहुत ठण्ड पड़ रही है. इंसान भी अजीब जीव होता है जब जो चीज चल रही होती है उसका लुत्फ़ उठा नहीं पाता और उसके जाने के बाद उसको याद करता है. बीते समय की यादें दिल को गर्माहट दे जाती हैं तो गर्मी के इस मौसम में शरीर और दिमाग को ठंडा रखिये पर दिल को गर्म रखिये. उन रिश्तों के लिए जो आपकी यादों में हैं और ये हम नहीं कह रहे बल्कि इमोशन पत्रिका में प्रकाशित एक शोध में यह निष्कर्ष निकला है कि यादें हमारे दिल को गर्मी देती हैं.याद से याद आया गर्मी की शाम बड़ी सुहानी होती हैं क्योंकि दिन बड़े और रात छोटी होती है.
इसलिए दिन को महसूस करने का मौका मिलता है.नहीं समझे भाई मौसम कोई भी हो उनके साथ हमारी कोई ना कोई यादें जरुर जुडी होती हैं. वही यादें जो कभी गर्मी में सर्दी का एहसास कराती हैं तो कभी सर्दी में गर्मी का भाई सारा खेल एहसास का है,क्योंकि बातें भूल जाती हैं यादें याद आती हैं.अब जब बात याद की चाल पडी है तो आइये समझे याद के इस फलसफे को हम सब अपने जीवन में कितना कुछ देखते हैं, महसूस करते हैं, पर यादें तो वही बनती है, जिन्हें हम याद रखना रखना चाहते हैं.कुछ चीजें हम कभी भूल नहीं पाते पहला स्कूल ,पहला दोस्त पहला प्यार. जानते हैं क्यों ?ये वो लम्हे होते हैं.जो हमें हमारे होने का एहसास कराते हैं.जिंदगी तो आगे बढ़ने का नाम है.लेकिन बहुत कुछ पीछे छूट जाता है इस आगे बढ़ने के चक्कर में, अच्छा आप मेरी बात पर ध्यान मत दीजिए जरा सोचिये आप गर्मी से परेशान हैं पर पिछली जितनी गर्मियां आपने देखी हैं और उससे परेशान भी हुए हैं पर उसके साथ आपकी कोई ना कोई याद जुडी होगी.
हर साल जब गर्मी पड़ती है तब हम सब भूल कर बस ये चाहते हैं कि ये गर्मियां जल्दी खत्म हों पर रिश्तों में आयी ये गर्मी जाड़ा आपको दे जाता है. जिसका फायदा हम गर्मियों में उठाते हैं क्योंकि जाड़े की ठण्ड ने आपको गर्मी की अहमियत समझा दी होती है. गर्मी जल्दी खत्म हो जायेगी तो आपके यादों के खजाने भर ही नहीं पायेंगे फिर आने वाले जाड़े को किस तरह झेलेंगे.वक्त है बीत ही जाता है पर यादें जरुर दे जाता है अब इन यादों को आप नहीं सहेंजेंगे तो सोचिये आपका जीवन कितना सूना सूना बीतेगा तो गर्मी के इस मौसम में अपनी यादों को सहेजिये और कुछ ऐसा कीजिये कि जीवन में ढेर सारी यादें जुड जाएँ.किसी दोस्त से बगैर किसी काम से मिलने चले जाएँ.उसे बताएं कि वो आपके लिए कितना जरूरी है . वैसे भी गर्मियों में जल्दी नींद किसे आती है.अगर आप अपने दोस्त को डिस्टर्ब नहीं करना चाहते तो लेट नाईट ई मेल या एस एम् एस कर दीजिए.तो इन्तजार किस बात का है इन गर्मियों को थोड़ा और सुहाना बनाते हैं .
प्रभात खबर में 18/06/2024 को प्रकाशित
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