सुबह हो गई.पेपर
आपके हाथ में है तो कैसी बीती रात वैसे रात खूबसूरत होती है या दिन बता पाना
मुश्किल है ये सवाल मेरे जेहन में अचानक नहीं आया.इसके पीछे बड़ा छोटा सा
कारण है वो कारण है सर्दियों में रातें लंबी होती हैं तो जाड़े की एक ऐसी लंबी रात जब मैं बिस्तर पर अपने अगले लेख के
विषय के लिए से जूझ रहा था तभी मुझे ख्याल आया अगर हमारे जीवन में रात न होती तो
क्या होता और तब मुझे एहसास हुआ रात महज रात नहीं बल्कि एक एहसास है जीवन का एक
अहम हिस्सा जब हम दिन भर की थकान के बाद रात की गोद में आते हैं तो जो दुलार
और अपनापन मिलता है वह दिन नहीं दे पाता. और इसी दुलार का एक हिस्सा उन लोरियों और
कहानियां से जुड़ा होता हैं जो सिर्फ रात के लिए बचा कर रखी जाती हैं दिन कितना भी
खूबसूरत क्यों न हो पर इन लोरियों और कहानियों का सुख उसके हिस्से कभी नहीं आता.
वैसे कहानी से याद आया,कहानियां रात में ही सुनाई जाती हैं ,जरा अपना बचपना याद कीजिये जब रात का इंतजार सिर्फ इसलिए होता था कि रात
में बाबा –दादी या मम्मी –पापा
कहानियां सुनायेंगें|रात मतलब सपने वो भी कैसे –कैसे कभी वह लोग जो हमारे जीवन से हमेशा के लिए जा चुके हैं हम अपने जीवन
में उनको कभी देख नहीं पाएंगे,वो इच्छाएं जो शायद इस छोटे से
जीवन में हम कभी न पूरा कर पायें सब से मिलने का सब इच्छाओं को पूरा करने का जरिया
सपने बन जाते हैं सपने तो जरिया भर होते हैं पर इन सबकी असली हकदार रात ही होती
है.
असल में रात ही
वो पावर बैंक जो दिन में काम करने के लिए हमारे तन –मन को चार्ज करता है,पर दिन के उजाले में
हम रात को उतना महत्त्व नहीं देते|मुझे पता है आप इतना दिमाग
नहीं लगाना चाहते है और ऐसा हो भी क्यूँ न आप अभी –अभी तो
रात बिता के उठे हैं.पर रात बिताना और रात को जीना दोनों अलग विषय हैं.आपने जिंदगी
में न जानें कितनी रातें बिताईं होंगीं पर क्या कभी रात को जी कर देखा.रात के
गहराते न जानें कितनी यादें जी उठतीं हैं .भीगी रातों की यादें मन का कोई कोना
गीला कर जाती हैं तो सर्द रातों में भी दिल कैसी कैसी यादों की गुनगुनी गर्माहट से
गरमा जाता है.इन बातों का पता उन्हीं को चलता है जो रात को जी कर देख रहे होते
हैं.रात हमें इंतजार करना सिखाती हैं अगर आप इंतज़ार करना नहीं जानते तो समझ लीजिए
सफलता का दिन आपसे हमेशा दूर ही रहेगा.. हर रात आने वाले दिन का आने वाली उम्मीदों का संदेशा
लेकर आती है. सुबह का
इंतज़ार करते हुए रात काटना और बात है लेकिन रात को जीते हुए रात काटना बिल्कुल
अलग एहसास है.नेचर का अपना एक डिस्पलीन है आप भी जीवन में अनुशासन का पालन कीजिये
रात कटेगी और सूरज का उजियारा आप के भी जीवन में आएगा लेकिन क्या आप इतना वेट कर
पायेंगे . रात हमें मौका देती है कुछ पल ठहरने का ,सुस्ताने
का हमें अपने आप से बात करने का , अपने आप के अन्दर झाँकने का, दिन की आपा धापी में हमने क्या सही किया क्या
ग़लत किया.
जिस तरह सारे दिन
एक जैसे नहीं होते हैं और उसी तरह से सारी रातें भी एक जैसी नहीं होती हैं किसी
रात आप अपने किसी अज़ीज़ दोस्त की पार्टी में नाच गा रहे होतें तो किसी रात आप
बिस्तर पर स्ट्रेस के कारण जगते हुए काट देते हैं और किसी रात आप ऐसा मस्त सपना
देखते हैं कि आप सुबह होने ही नहीं देना चाहते हैं यही कहानी हर रात कहती है.
जिन्दगी भी तो हमें यही कहानी सुनाती है वो चाहे दिन हो या रात सब एक जैसा नहीं
होता लेकिन रात के बाद आप दिन का इंतजार इसलिए करते हैं क्योंकि दिन ऊर्जा , गति का प्रतीक है और ऐसा इसलिए है कि आप
को पता है कि कोई दिन आपका होने वाला है इसलियी आप उस दिन का इंतजार कर रहे
हैं.हम उम्मीदों भरे दिन का इन्तिज़ार हंसते गाते तभी कर पाएंगे जब रात को
महसूस करना सीख लेंगे . सपने उम्मीदों,कहानियों
और यादों भरी रात और इसके बाद आने वाले हर चमकते हुए दिन के साथ आपको छोड़कर
मैं विदा लेता हूँ पर चलते चलते ध्यान रखियेगा आने वाला दिन कैसा होगा इसकी नींव
रात की उस काली स्याही से लिखी गई है जिसे दिन का उजाला भी खत्म नहीं कर पाता.
आई नेक्स्ट में 30/01/15 को प्रकाशित