होली का ज़िक्र
हो और महबूब ख़ान की 'मदर इंडिया' की बात ना चले ऐसा कभी नहीं हो
सकता. सुनील दत्त, नरगिस, राजकुमार, हीरालाल और अन्य कलाकारों के
साथ फ़िल्माया गया ये होली गीत 'होली आई रे कन्हाई रंग छलके सुना दे बाँसुरी'.वी शांताराम की फ़िल्म नवरंग में भी होली का एक शानदार गीत था 'जा रे नटखट ना खोल मेरा घूंघट पलट के दूँगी तुझे गाली रे, मोहे समझो ना तुम भोली भाली रे'.फ़िल्म कोहिनूर में दिलीप कुमार और मीना कुमारी ने जब' तन रंग लो जी आज मन रंग लो' गाया तो लगा होली को एक नयी
अभिव्यक्ति मिली.फ़िल्म शोले का 'होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं' जैसे सुहाने गाने आज भी सराहे
जाते हैं .यशराज फिल्म्स ने फ़िल्म संसार को तीन यादगार होलियाँ दी हैं.
'सिलसिला' की 'रंग बरसे भीगे चुनरवाली', और उसके बाद आई 'मशाल' की होली हृदयनाथ मंगेशकर का संगीत
और जावेद अख्तर के बोल. दिलीप कुमार गाते हैं—'यही दिन था यही मौसम जवाँ जब हमने खेली थी'. और अनिल कपूर वाली पंक्ति है—'अरे क्या चक्कर है भाई देखो होली आई रे, ये लड़की है या काली माई देखो
होली आई रे'.यशराज प्रोडक्शंस की तीसरी
होली थी फ़िल्म 'डर' की, जिसमें शाहरूख़ ख़ान ढोल बजाते
हुए होली समारोह में बिन बुलाए चले आते हैं इस गाने के बोल हैं –'अंग से अंग लगाना पिया हमें ऐसे रंग लगाना'.फ़िल्म 'आखिर क्यों' में राकेश रोशन भी होली खेलते
नज़र आए थे—'सात रंग में खेल रही हैं
दिलवालों की होली रे'.फिल्म बागबान का एक गीत भी काफी
लोकप्रिय हुआ था 'होली खेलें रघुबीरा अवध में
होली खेलें रघुबीरा'.ये गाना इस लिए भी खास है
क्योंकि इससे पहले के होली गीतों में कृष्ण या नंदलाल ही होली खेलते दिखाए सुनाये
गए थे पर पहली बार अवध में श्री राम होली खेलते दिखे.जब इस गीत पर अमिताभ बच्चन ने
तान छेड़ी तो लगा वे सिलसिला फिल्म के होली गीत से आगे निकल गए हैं.इसी तरह विपुल
शाह की फ़िल्म 'वक्त- रेस अगेन्सट टाइम' का गाना 'डू मी अ फ़ेवर लेट्स प्ले होली' आज भी किशोरों की पसंद बना हुआ
है.अक्षय कुमार और प्रियंका चोपड़ा ने अपने चुलबुले अभिनय से इसे और यादगार बना
दिया.वैसे होली गीतों में हमेशा उल्लास ही रहा हो ऐसा नहीं है.सुनील दत्त पर फ़िल्माया
और किशोर कुमार का गाया फिल्म 'ज़ख्मी' का ये गीत "'ज़ख्मी दिलों का बदला चुकाने, आए हैं दीवाने दीवाने, दिल में होली जल रही है'.या शक्ति सामंत की फ़िल्म 'कटी पतंग' का गाना जिसमें किशोर कुमार
गाते हैं 'आज ना छोड़ेंगे हमजोली खेलेंगे हम होली' और लता जी की आवाज़ में ये जवाब 'अपनी अपनी किस्मत देखो, कोई हँसे कोई रोए' कुछ ऐसे उदहारण हैं जिसमें गम
और पीड़ा है. फिल्म ‘नदिया
के पार’ में जब सचिन ने होली पर जोगी जी धीरे –धीरे गया तो मानों पूरा देश उस तान में उनका साथ देने लग गया. 2013 में आयी फिल्म “जवानी दीवानी”
का होली गीत बलम पिचकारी जो तूने मुझे मारी” युवाओं
की जल्दी ही पसंद बन गया और लम्बे समय तक लोगों की जुबान पर चढ़ा रहा. अब इसे गानों
में भरे रंग कहा जाए या रंग भरे गाने फैसला करना मुश्किल है.इस होली पर इन रंग भरे
गानों को गुनगुनाते रहिए और सराबोर होते रहिये होली की मस्ती में .
जनसत्ता में 06/03/15 को प्रकाशित
5 comments:
होली मुबारक़ :)
beautifully written and described
Holy such a nyc festival.
Holli ek bahut accha fesitval hi jissme bahut purani dushmani koo bhi bhullaa kr loog galle mill jaya krte hi holi k di.....or kuch aise bhi log hi jo holi jaise pavitra festival ko ganda kr dete ye line boll k ki BURAA NAA MANOOO HOLIII HAI......
होली को सबसे ज्यादा मज़ेदार तो ये गाने ही बना देते है। जो रंग नहीं खेलना चाहता वो भी इन रंगों में खो जाता और उत्साह के साथ इन रंग भरे गाने में खो जाता है।
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