प्रिय परी
इतने दिनों बाद तुम्हें मेरा पत्रनुमा मेल पाकर बड़ा अजीब सा लगेगा.मैं सस्पेंस ख़त्म करता हूँ ये वेलेंटाइन डे भी बीत गया और मैं तुम्हारे मेसेज का हमेशा की तरह इंतज़ार करता रहा. तुम भूल गयी होगी पर मैं नहीं भूला, भूल भी कैसे सकता हूँ रोज़ डे पर जब तुम्हें गुलाब देना भूल गया था तो तुम कितना बुरी तरह से मुझसे नाराज हो गये थे फिर जब हम वेलेंटाइन डे पर मिले थे तो हमने कैसे वेलेंटाइन वीक के सारे दिन एक साथ मनाये थे.ये तो तुम जानती ही हो तुम्हारी यादों का पेटेंट मेरे पास है वैसे भी यादों का तो कोई कॉपी राईट नहीं होता पर तुमसे जुड़ी यादें तो बस मेरी ही हैं .यादों के एक ऐसे ही मौसम ने इस वेलेंटाइन डे पर फिर दस्तक दी और मेरी उंगलियाँ कंप्यूटर के की बोर्ड पर तुम्हें मेल करने के लिए नाच उठीं.मैं जानता हूँ तुम्हें नाचना बहुत पसंद है.हमें अलग हुए सालों भले ही बीत चुके हैं पर मुझे उम्मीद है तुम्हारा यह शौक अभी भी बरकरार होगा.और तुम गाहे बगाहे अभी थिरक पड़ती होगी जब कोई गाना कहीं बजता होगा.मैं जानता हूँ तुम मुझे भूल गयी होगी हमेशा के लिए पर मैं कुछ भी नहीं भूला हूँ,पर इसका यह मतलब नहीं कि मैं तुम्हारी सेटल होती ज़िन्दगी में कोई उथल पुथल चाहता हूँ बस मैं तो अपने उस एक मात्र अधिकार का इस्तेमाल कर रहा हूँ जो कभी तुमने बड़े हक़ से जाते हुए दिया था “सुनो जब तुम्हें मुझसे बात करने का मन करे मुझे फोन कर लेना” सच कहूँ उसके बाद तुम्हें फोन करने की कभी हिम्मत ही नहीं पडी.क्या कहूँगा तुमसे जब तुम पूछोगे ‘कैसे हो’ और मेरा पुराना टेप रिकोर्ड बजना शुरू हो जाएगा जिसमें फिर वही गुजारिश होगी अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा पर अपने जाने का फैसला बदल लो और तुम बात बदल दोगे .अजीब सी कशमकश है हम दोस्त हो नहीं सकते और अपने रिश्ते को कोई नाम भी दे नहीं सकते.फिर किस हैसियत से तुमसे मिलूं और तुमसे पूछूं कैसी हो.क्या अब भी कभी कभी मैं तुम्हें याद आ जाता हूँ.खैर बातों –बातों में मैं भी क्या ले बैठा ,छोडो ये बताओ इस बार वेलेंटाइन डे कैसा बीता ?मेरे नाम का कोई दिया जला या ज़िन्दगी के आगे बढ़ने का जश्न हुआ.देखो न ज़िन्दगी भी क्या चीज है कभी हम पल पल जुड़े रहते थे,तुम्हारे सोने खाने से लेकर दोस्तों के साथ हैंग आउट करने तक की हर खबर मुझे रहा करती थी और आज ये दिन है कि मुझे इतने सालों बाद सिर्फ यह जानने के लिए मेल लिखना पढ़ रहा है कि तुम कैसी हो और यह भी भरोसा नहीं कि इस मेल का जवाब आएगा या नहीं .तुम व्यस्त होगे हमेशा की तरह जानता हूँ अपने करियर और फ्यूचर को लेकर और होना भी चाहिए.ज़िन्दगी महज जज्बातों और बातों से नहीं चलती लेकिन मुझे तुम्हारी काबिलियत पर आज भी भरोसा है तुम जहाँ भी होगे और जैसे भी होगे आगे बढ़ रहे होगे क्योंकि तुम वीराने बसाने का हुनर जानते हो.मैं यह बताना तो भूल ही गया मैं आज भी जब परेशान होता हूँ तो वो गाने सुन लिया करता हूँ जो हम दोनों को पसंद थे.अब यह लिखने की बात तो है नहीं कि तुम अब भी याद आते हो पर मैंने नियति से समझौता कर लिया कि हमारा अफसाना अंजाम तक नहीं पहुँच सकता था तो अच्छा ही हुआ कि हम अपनी अपनी राहों में आगे बढ़ चले.तुम दिनों में बहुत भरोसा करते थे और मैं हमेशा तुम्हें टोंका करता था भावनाओं का कोई दिन नहीं होता बस ख़ास बात ये है कि जो रिश्तें हम बनायें उसे निभाएं क्योंकि ये रिश्ते हमारे होने का अहसास कराते हैं और जब आपके पास रिश्ते होते हैं तो एक भरोसा मिलता है ज़िन्दगी में आगे बढ़ने का.वैसे क्या तुम अभी भी उसी खनकदार हंसी में हँसते हो जिस हंसी को कभी मैंने अपने फोन की रिंग टोन बनाने के बारे में सोचा था ये अलग बात है कि मैं उस हंसी को कभी रिकॉर्ड कर ही नहीं पाया यूँ कहें मौका नहीं मिला तुम्हारा आना और जाना सब कुछ एक सपने जैसा रहा और सपने सहेजे नहीं जाते वे आते हैं और चले जाते हैं यादों की हल्की सी निशानी देकर पर तुम भरोसा रखो मैंने तुम्हारी हर एक चीज सहेज रक्खी है,चाहे वो तुम्हारी बातें हों या यादें.मैं जानता हूँ तुम यादें सहेजने के मामले में थोड़े कमजोर हो तो ये मेल पढ़कर हो सकता है तुम्हें भी कुछ याद आये.वैसे यादें इंसान को कमज़ोर बनाती हैं पर तुम मज़बूत बनोगे और हमारे उन सब सपनों को पूरा करोगे जो कभी हमने साथ देखे थे .
जवाब का इन्तजार रहेगा .
आई नेक्स्ट में 26/02/15 को प्रकाशित
12 comments:
one of the best love letter i have ever read....
very nicely written by you sir.one of my favorate....
bahot sundar sir lajawab.....i selut you....you are great.....
जब में आपका ये लेख पढ़ रही थी तो ऐसा लग रहा था कि बस पढ़ते चले जाओ और ये कभी खत्म ही न हो । आपने अपनी बातों को इतने अच्छे से बयां किया है की " I'm out of words sir " . बहुत उम्दा ।
wahhh kya mohaabat h ..arz h ki ishq h toh ishq ka izhar hona chahiye apko chehere se bhi bimar hona chahiye.. aur sir unki yaado se kahiye ya sajda kariye ki ek roz ki chutti de apko ..kyuki ishq ke hiss se bhi toh ek ittwar{sunday} hona chahiye.
hats off to u sir for writing this....yade hoti hi itni dilkash hai ki unki halki si jhalak bh i yaad krne baitho to subah se kab shaam ho jti hai pta hi nhi chalta...is letter ki hi tarah aisi kuch yaadey hoti hai jinhe hm shabdo se bayaan nhi kr skte sirf mehsoos kr sktey hai..
Very emotional nd touching letter.Its true yaadein yad ati hai,baatein bhool jati hai.yeh yaadein kisi dil-o-janam ke chale Jane ke baad ati hai.
Really nic lines are written by u sir... Such khaa aapne ki hm kabhi aapni yaaden aapne acche lamhye kabhi nhi bhulte woo hme bachpan s ley k jawani tk or budhape tk sb yaad rheta hi..
very touching article sir this cannot be just an article its clearly depicting aap ne apni feelings likhi hain...!!!
but Sir, its been said "Expectation is the greatest cause of Agony."
really awesome lines sir ....ekdum dil ko chu lene wali
Yaadein Rah Jati Hain Aur Din Gujar Jaate Hain,
Dekhte Dekhte Hare Hare Baag Ujad Jaate Hain,
Waqt Ke Haathon Aadmi Khilone Hote Hain,
Zeevan Bhar Ke Humsafar Pal Bhar Mein Bichhad Jaate Hain…
रिशतो की कश्मकश को कितनी आसानी से सुलझा दिया इस खत ने।
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