Thursday, December 6, 2018

टेंशन बहुत है यार !

टेंशन बहुत है यार आपने भी ये जुमला सुना होगा और तनाव  को महसूस भी किया होगा.तनाव  यूँ तो स्वास्थ्य के लिए अच्छी बात नहीं है, पर अगर जिंदगी में आगे बढ़ना हो तो थोडा  तनाव  तो लेना ही पड़ेगा.टेंशन हम सब की जिन्दगी का हिस्सा है कुछ कम या ज्यादा.हम अपने जीवन से तनाव  को हमेशा के लिए खत्म  तो नहीं कर सकते हैं, पर इसको कम जरुर कर सकते हैं. तनाव  का मतलब चिंता,अब जिंदगी है तो चिंताएं भी होंगी. यूँ कहें की ‘थोडा है थोड़े की जरुरत है’.इस प्रतिस्पर्धा वाले युग में अब मस्त होकर जीवन तो गुजारा नहीं जा सकता हैं .मैं आपको समझाता हूँ. अब अगर पढ़ाई का तनाव  नहीं लेंगे तो परीक्षा वाले दिन और ज्यादा तनाव  होगा कि काश रोज थोड़ी पढ़ाई करते तो परीक्षा वाली रात कयामत की रात न होती यानि रोज पढ़ कर हम परीक्षा के तनाव  को खत्म तो नहीं कर सकते पर कम जरुर कर सकते हैं.अब देखिये आजकल कंप्यूटर का ज़माना है पर इसकी हार्ड डिस्क कब क्रैश  हो जाए क्या पता ? अगर हम अपने सारे डाटा का बैकअप रखेंगे तो हार्ड डिस्क क्रैश भी होगी तो तनाव  कम होगा.
वैसे हमारी प्रगति में इस तनाव की बड़ी भूमिका है.आपने गौर किया होगा कि जब काम हमारे हिसाब से नहीं होता तब हमें तनाव  होता है और तब हम चीजें बेहतर करने की कोशिश करते हैं. जो लोग तनाव  से हार मानकर हथियार डाल देते हैं. वो जीवन में कुछ ख़ास नहीं कर पाते और जो तनाव  से लड़ते हैं. वो बड़े लीडर या आविष्कारक बन जाते हैं.जिन्हें दुनिया पहचानती है.न्यूटन ने जब सेब को जमीन पर गिरते देखा तो ये सोचा कि ये जमीन पर क्यों गिरा ये ऊपर आसमान में क्यूँ नहीं गया और इस तनाव में उन्होंने धरती का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत खोज निकाला.
तो हम अगर आज आगे बढ़ रहे हैं तो मेहनत के अलावा तनाव भी इसके लिए जिम्मेदार है जो आपको बगैर काम खत्म हुए चैन से बैठने नहीं देता.क्या समझे ये तनाव  का पॉजिटिव इफेक्ट है पर अगर आप सिर्फ तनाव  ले रहे हैं और काम नहीं कर रहे हैं तो समझ लीजिये आप मुश्किल में  हैं.काम का ज़िक्र करना और ज़िक्र का फ़िक्र करना अपने आप में एक समस्या है और ऐसे ही लोग अक्सर ये बोलते सुने जाते हैं बड़ी टेंशन है यार,तनाव  सभी को है पर उसका जिक्र सबसे करके क्या फायदा तो तनाव  के टशन का दूसरा सबक है अगर तनाव आपको बहुत ज्यादा है तो उसका जिक्र उन लोगों से कीजिये जो आपके अपने हैं और ऐसे ही लोग आपको तनाव  से निकाल पायेंगे पर ध्यान रहे आपको उन पर भरोसा करना पड़ेगा.
तनाव  एक स्टेट आफ माईंड है पर जिसे आप मैनेज कर सकते हैं,जब आप किसी मसले पर ज्यादा देर तक चिंता के साथ सोचते हैं तो वो तनाव  हो जाता है. इसे जरुरत से ज्यादा मत बढ़ने दीजिये और समय रहते इसका मैनेजमेंट कीजिये.तनाव  को मैनेज करने का हर इंसान का अपना एक अलग तरीका होता है.कोई गाने सुनता है तो कोई लॉन्ग ड्राइव पर निकल जाता है. तो आपको जब लगे कि तनाव ज्यादा ज्यादा बढ़ रहा है तो वो काम करें जो आपको पसंद हो फिर देखिये कि कैसे आपका सारा तनाव  छू मंतर हो जाएगा.जैसे खाने में स्वाद बढाने के लिए मसलों का इस्तेमाल होता है वैसे ही जिन्दगी का असली मजा तो तभी है जब उसमें थोडा बहुत मसाला हो. 
प्रभात खबर में 06/12/2018 को प्रकाशित 

1 comment:

KISHAN SINGH said...

बहुत ही बढ़िया बात बताई आपने सर 🙏

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