बरसों पुराने विडियो हो रहे वायरल
गूगल के सर्टिफाइड फैक्ट चेकर के साथ एनबीटी ने किया फैक्ट चेक• एनबीटी संवाददाता, लखनऊ : कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए पूरा देश एकजुट है, लेकिन इस बीच कुछ अराजकतत्व फेक विडियो के जरिए माहौल बिगाड़ने में लगे हैं। लॉकडाउन के बीच तबलीगी जमात की घटना के बाद मुस्लिम समाज से जुड़े कई विडियो वायरल हो रहे हैं। किसी विडियो में पुलिस वैन के भीतर सिपाही पर थूकते हुए युवक को कोरोना संक्रमित बताया जा रहा है तो किसी में सूफी पद्धति से हो रही उपासना को संक्रमण फैलाने की साजिश करार दिया जा रहा है। एनबीटी ने गूगल के सर्टिफाइड फैक्ट चेकर प्रो. मुकुल श्रीवास्तव के साथ ऐसे कई विडियो की पड़ताल कर उनका सच जाना...
(जैसा कि गूगल सर्टिफाइड फैक्ट चेकर प्रो़ मुकुल श्रीवास्तव ने बताया।)
थोड़ी सी एहतियात से समझ सकते हैं फेक विडियो का खेल
हकीकत• 90% विडियो सही होते हैं, लेकिन उन्हें गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जाता है। किसी विडियो की जांच करने के लिए ध्यान से देखना चाहिए। • क्रोम ब्राउजर में इनविड (InVID) एक्सटेंशन जोड़कर विडियो की पड़ताल आसानी से की जा सकती है। इनविड विडियो को फ्रेम दर फ्रेम देखने में मदद करता है। इसमें किसी दृश्य को बड़ा करके भी देखा जा सकता है। • किसी विडियो को समझने के लिए उसमें मौजूद पोस्टर-बैनर, गाड़ियों की नंबर प्लेट और फोन नंबर की तलाश करनी चाहिए या कोई लैंडमार्क ताकि उसके भौगोलिक जुड़ाव की पहचान हो सके। • विडियो में दिख रहे लोगों के कपड़े, भाषा या बोली पर भी ध्यान देना चाहिए। • इंटरनेट पर ऐसे कई सॉफ्टवेयर हैं, जो विडियो और फोटो की सत्यता पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
07/04/2020 को नवभारत टाईम्स लखनऊ में प्रकाशित समाचार
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