Wednesday, October 23, 2024

जिन्दगी में कभी हार न माने

 मैं जब दुखी होता  हूँ तो गाने सुनता हूँ और तुरंत फीलिंग हैप्पी वाला मामला हो जाता है  फिर गाने तो मूड बना ही देते हैं.मैं आजकल रमैया वस्तावैया का गाना  खूब सुन रहा हूँ  जीने लगा हूँ पहले से ज्यादा तुम पर मरने लगा हूँ आप कहेंगे मैं कौन सा बड़ा काम कर रहा हूँ .कहानी में सस्पेंस है मैं नए गाने कम ही सुनता हूँ. हमें तो ज्यादा अच्छा फिल्म गाईड का ये गाना लगता है आज फिर जीने की तमन्ना है आज फिर मरने का इरादा है आपने ध्यान दिया दोनों गाने में मर कर जीने की बात की जा रही है लेकिन फिर भी कितनी खुशी  है. क्योंकि वो प्यार में मर रहे हैं.पर जिन्दगी में कभी कभी कुछ ऐसा हो जाता है कि मूड ठीक ही नहीं होता. जैसे दोस्तों से अनबन, ब्रेकअप या कोई और तनाव. उसके बाद मन में न जाने कैसे नकारात्मक ख्याल आते हैं. जैसे दुनिया बेकार है .मेरे जीने का क्या फायदा. पर रिश्तों में मिली नाकामी के आगे अगर आपके  सारे सपने हार मान गए और आप ऐसे किसी ख्यालों में डूब रहे हैं तो ये आपकी  हार नहीं ये आपके सपनों की हार है. अरे आप हमेशा इश्क वाले लव के चक्कर में पड़ कर क्यूँ घनचक्कर बन जाते हैं. जिंदगी में और भी रिश्ते हैं जिनको हमारी जरुरत होती है. मरना ,जिंदगी के साथ अन्याय है क्योंकि जी रहे हैं तभी तो मर रहे हैं किसी के प्यार में. तो जब तक जिंदगी जियेंगे नहीं किसी के प्यार में कैसे मरेंगे.
रिश्ते कभी एक जैसे नहीं रहते उनका एहसासउनका रूप बदलता रहता है तो अगर आपको आपके प्यार का जवाब,प्यार से नहीं मिल रहा है तो कोई बात नहीं ये तो आप भी मानते हैं न कि जो होता है अच्छे के लिए होता है.आप जिसके प्यार में पागल होकर मरने की सोच रहे हैं वो आपके लायक था ही नहीं तो अच्छा ही हुआ न क्योंकि ऐसे लोग आपके जीवन में रहते तो और ज्यादा टेंशन देते तो आपको ब्रेकअप की पार्टी कर डालनी चाहिए न कि अपने अंदर सुसाइडल टेंडेंसीज को पैदा होने देना चाहिए.
प्यार की पींग जिंदगी की जंग में किसी पर मर कर ही बढ़ाई जा सकती है न कि खुद को मारकर. जिंदगी के सफ़र में हर क़दम पर आपको नयी चाल चलनी होती है...आगे बढ़ने का रास्ता तैयार करना होता है..जिसके लिए सबसे जरूरी है जिंदा रहना. दौड़ में जितने लम्बे समय तक बने रहेंगे.....उतने ज्यादा दांव आप पर लगेंगे और तब आपके काम यही अनुभव आयेंगे. सिर्फ़ फिल्मों में ही नहीं असल ज़िंदगी के भी कई ऐसे किस्से हैं, इमरोज़ और अमृता प्रीतम से लेकर नीना और क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स हों या रतन टाटा.ये सब प्यार में पड़े और असफल भी रहे.अगर कहें कि प्यार में मिली असफलता ही इनकी ताक़त बन गयी तो गलत न होगा. प्यार की असफलता को जिंदगी की सफलता से जोड़ दीजिए और फिर देखिये कि आप पर मरने वाले कितने लोग हो जायेंगे लेकिन इसके लिए थोडा इन्तजार करना होगा क्यूंकि सफलता नूडल्स की तरह दो मिनट में तैयार नहीं होती हैं .जहाँ इश्क की राहें जुदा हो जाएँ.उसे सूफ़ियाना मोड़ देकर छोड़ दीजिये. डर्टी पिक्चर का वो गाना याद करिए तो जरा ...तेरे वास्ते मेरा इश्क सूफ़ियाना.ताकि जब भी कभी फुरसत के लम्हे मिलें तो यही यादें आकर आपकी पीठ सहलाएं.

प्रभात खबर में 23/10/2024 को प्रकाशित 

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