Saturday, October 20, 2007

एक दिन और बीता आज कुछ भी खास नहीं हुआ । मैं उन सभी छात्रों से माफी मांगता हूँ जो मेरे बुलावे पर विभाग पहुंचे लेकिन कुछ हुआ नहीं । मित्रों आपने मेरी परेशानी को समझनें के कोशिस की होगी यहाँ मेरे हाँथ में कुछ भी नहीं है। मैं कानून बनाता रहूंगा और वे टूटते रहेंगे लेकिन मेरा कम है कोशिस करते रहना और में वो करूँगा क्योंकि जिंदा कोमें सवाल पूछती हैं
आज तो इतना ही लेकिन कल ज़रूर कुछ नए विचार लेकर हाज़िर हूँगा।

1 comment:

archana chaturvedi said...

Baat to mujhe nai pata hai ki kya hui hogi par ye jarur pata hai aap ne baat sambhal li hogi

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