Friday, December 28, 2007

जिन्दगी की कहानी फिल्मी गीतों के जबानी

जीवन चलने का नाम चलते रहो सुबह शाम
चलना ही जिन्दगी है चलती ही जा रही है
जिन्दगी का सफर है ये कैसा सफर
जिन्दगी के सफर में बिछड़ जाते हैं जो मुकाम वो फ़िर नही आते
जिन्दगी कैसी है पहेली हाय
जिन्दगी ए जिन्दगी देख मेरी बेबसी

7 comments:

Anonymous said...

good evening sir,
very true sir,there are few filmy songs that portray life's reality in a beautiful manner and this one-zindagi ka safar ........is a beautiful example that.

Ritesh chaudhary said...

Respected Sir
आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो
बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो
क्या पता कल चेहरे को मुस्कुराना
और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो

आज एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ
आज एक बार फ़िर पुरानी यादो मे डूब जाओ
क्या पता कल ये बाते
और ये यादें हो ना हो

आज एक बार मन्दिर हो आओ
पुजा कर के प्रसाद भी चढाओ
क्या पता कल के कलयुग मे
भगवान पर लोगों की श्रद्धा हो ना हो

बारीश मे आज खुब भीगो
झुम झुम के बचपन की तरह नाचो
क्या पता बीते हुये बचपन की तरह
कल ये बारीश भी हो ना हो

आज हर काम खूब दिल लगा कर करो
उसे तय समय से पहले पुरा करो
क्या पता आज की तरह
कल बाजुओं मे ताकत हो ना हो

आज एक बार चैन की नीन्द सो जाओ
आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो
क्या पता कल जिन्दगी मे चैन
और आखों मे कोई सपना हो ना हो

क्या पता
kal ho na ho

Ritesh chaudhary said...

मुकुल श्रीवास्तव.... ये सिर्फ़ एक नाम नहीं है .......
ये एक विचार क्रांति है ...
एक परिवर्तन है ...
एक आवाज़ है ...
ये नाम है एक ऐसे शख्स का जो वक़्त की चुनौती को स्वीकार करता है
जो सिर्फ़ वक़्त से लड़ना नही जानता बल्कि उससे जीतना भी जानता है
ये नाम है एक ऐसे गुरु का जो आदर्श है सबके लिए ....
जिनके पास हर किसी के लिए कुछ ना कुछ है ....
मुझे गर्व है कि ऐसे गुरु का प्यार और आशीर्वाद मुझे मिला

Ritesh chaudhary said...

क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता

सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता

कोई सह लेता है कोई कह लेता है क्यूँकी ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता

आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे

यहाँ ठोकर देने वाला हैर पत्थर नही होता

क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो

इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता

कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर

ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता

archana chaturvedi said...

ae jindgi gale laga le
jindgi se jang jeet lege hum
jindgi do pal ki

jo jindgi ko na samjh paya vo insa nai par kambhakt samjhna kon chata hai

samra said...

*zindigi pyar ka geet hai
haar ke baad hi jeet hai.............


*Ae zindagi gale laga le
Hum ne bhi tere har ik gam ko
gale se lagaya hai
Hai na........

PeripateticSoul said...

true Sir "time and tides waits for none" (Y)

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