Monday, February 9, 2009

कोई


एक दिन तुम मुझसे दूर चली जाओगी
दूर देश जाकर अपनी दुनिया नयी बसाओगी
नए नए लोगों में नया नया घर आँगन होगा
चाँद के मुखड़े जैसा प्यारा एक साजन होगा
क्या सुख के उन मधुर पलों में
तुमको कुछ रीता सा लगेगा
युग जो बीत गया उसमे
कुछ खोया सा लगेगा
सांझ के धुंधलके में तब भी
क्या तुमको कोई गीत सुनाएगा
सावन की भीगी रातों में क्या
चुपके से कोई सपनों में आएगा
गरमी की प्यासी शामों में क्या
कोई हौले से मुस्काएगा
बसंत की मदमाती बहारों में

क्या कोई जीवन राग सुनाएगा
जाडे की नरम दोपहरी में
जब धुप मुंडेरों से ढल जायेगी
ऐसे में तब तुमको क्या
याद किसी की सतायेगी
प्रिये क्या मैं तब भी
तुमको याद आऊंगा

27 comments:

निर्मला कपिला said...

bahut sunder bhavaviyakti hai bdhai

शोभा said...

क्या कोई जीवन राग सुनाएगा
जाडे की नरम दोपहरी में
जब धुप मुंडेरों से ढल जायेगी
ऐसे में तब तुमको क्या
याद किसी की सतायेगी
प्रिये क्या मैं तब भी
तुमको याद आऊंगा

waah bahut sundar likha hai

Mukul said...

@Kriti Thanks

pradeep sharma said...

wow ....really too good ....

Mukul said...

@pradeep jee tks for encouragement

Anonymous said...

sir

bhut achi kavita hai,,,,,

AMAN YADAV

Rohit Misra said...

its a good poem.

डॉ. मनोज मिश्र said...

@प्रिये क्या मैं तब भी
तुमको याद आऊंगा..
vaah.

Ishwar Ashish said...

shaandaar panktiyaan

Sarwesh Kumar Mishar said...

I like this poem...

CHANDNI GULATI said...

bahut sundar likha hai, dil ko bhaa gayi kavita...........

archana chaturvedi said...

Unada kavita .....
Yesi kavitao ke saath aap humesha yaad aayege

virendra kumar veer said...

SIR AAP KI YE KAVITA HUMARE DIL KO CHU GAYE.
BAHUT SUNDAR TARIKE PRASTUT KI HAI AAPNI KAVITA.
प्रिये क्या मैं तब भी
तुमको याद आऊंगा

BAHUT ACHI LINE HAIN.

sana said...

sir bhot hi pyari aur sweet poem h dil ko choo gyi

samra said...

sir bohat khoobsurti se apne dil ko baat kahi gayi hai ismein ..bohat achi..:)

Anonymous said...

dil ki gehrayi se nikle shabdh hamesha apna khas asar chor jate hain !!!!

ARUSHIVERMA said...

Great poem.

Arushi Tandon said...

the words aree so well cordinated that the reader can at once get a very beautiful picturisation of the writers thoght,this is the quality of a very good write up...

Unknown said...

सावन की भीगी रातों में क्या
चुपके से कोई सपनों में आएगा..
very touching line to heart..
aur dil ko chu lene wali puri kavita hai sir....

चोरी का सामान said...

जाडे की नरम दोपहरी में
जब धुप मुंडेरों से ढल जायेगी
ऐसे में तब तुमको क्या
याद किसी की सतायेगी

वाह बहुत सुन्दर !

Unknown said...

awesume lynes sir ji.. Aur sch mein m jst imagining ke woh ehsaas kaisa hota hai jab jaade ke dino mein dhoop dhalne lagti hai aur aise mein kisi ko yaad karna ya yaad aana kaisa anubhav hoga...

गरिमा सिंह said...

दिल को छू लेने वाली पंक्तियां सर!

Shraddha Khare said...

sir bhut bdhiya kavita h

shivangi bajpai said...

इस छोटी सी कविता में कितनी खूबसूरती से अपनी भावनाओ को बताया जा रहा है।

shivangi bajpai said...

इस छोटी सी कविता में कितनी खूबसूरती से अपनी भावनाओ को बताया जा रहा है।

Arvind akela said...

life touching line...........

Arvind akela said...

life touching line...........

पसंद आया हो तो