कभी कभी लिखना कितना कुछ मुश्किल हो जाता है.अब मुझे ही देखिये कई दिन से इस लेख के लिए विषय तलाश रहा हूं पर कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है.कभी कभी ऐसा होता है कि विचारों की भरमार होती है पर उस वक्त मैं उनको उतनी तवज्जो नहीं देता और फिर वे उड़ जाते हैं फिर कभी न आने के लिए और आज मुझे उनकी जरुरत है पर अब मैं उनको खो चुका हूं शायद याद करना इसी को कहते हैं.खोने पाने की इसी उधेड़बुन में मुझे समझ में आया कि जिंदगी में पाने से ज्यादा खोना जरूरी है क्योंकि तब आप अपने आस पास की चीजों की ज्यादा कद्र करते हैं. जीवन में कुछ चीजों की कमी हो तो उनके प्रति हमारी ललक बनी रहती है. बचपने में मुझे कहानियां पढ़ने का बड़ा शौक था वो भी परियों की मैं चाहता था कि काश कोई परी मेरे जीवन में भी हो जो मेरी सारी परेशानियों को दूर कर दे. जब बड़ा हुआ तो यह समझ में आया कि परी जैसी कोई चीज तो होती ही नहीं अगर कोई परी मेरे जीवन में आ गई होती तो शायद किसी परी को पाने की चाह मेरे मन में है वो खत्म हो गई होती.अब सोचिये जिंदगी के किसी मोड पर अगर मुझे कोई परी सही में मिल जायेगी तो मुझे कितनी खुशी मिलेगी,पर उस खुशी को महसूस करने के लिए मुझे उसकी कमी का एहसास होना भी जरूरी है.खुशी की पहचान वही कर सकता है जिसने दुःख झेला हो,जिंदगी की कद्र वही कर सकता है जिसने मौत को महसूस किया हो, किसी को पाने के एहसास को वही समझ सकता है जिसने जिंदगी में किसी को खोया हो. रोना ज़रूरी है उससे ज़्यादा जितना ज़रूरी होता है हंसना जीने के लिए, कहना ज़रूरी है उससे ज़्यादा जितना ज़रूरी होता है अक्सर खामोश रहना,चलना ज़रूरी है उससे ज़्यादा जितना ज़रूरी है गुमशुदा राहों पर रुक कर इंतज़ार करना…मैं ज़रूरी हूँ खुद के लिए उससे ज़्यादा जितना ज़रूरी हैं आप सब मेरे लिए. तो असल में जिंदगी की वो चीजें जो आपके लिए परेशानियों का कारण बनती हैं वो असल में ये वो चीजें हैं जिनसे रूबरू होकर आप जिंदगी का असली लुत्फ़ उठा सकते हैं.
छुट्टियों का मजा तो तभी है जब आप व्यस्त हों अगर आप खाली हैं तो रोज ही छुट्टी है पर क्या आप उन दिनों को एन्जॉय कर पाएंगे, नहीं कर पाएंगे क्योंकि आपके पास कोई काम नहीं है. अगर आपके साथ बहुत बुरा हो रहा है तो अच्छा भी होगा भरोसा रखिये.ऐसा हमारी आपकी सबकी जिन्दगी में होता है .जिन्दगी पाने का नाम नहीं बल्कि खोने का नाम है जहाज़ सबसे सुरक्षित पानी के किनारे होता है लेकिन उसे तो समुद्र के लिए तैयार किया गया होता है भले ही असली दुनिया में परियां न होती हों पर उनके सपने अभी भी मुझे आते हैं.इसलिए आपके आस पास जो भी है चाहे वो रिश्ते हों या चीजें उनकी कद्र कीजिये क्योंकि जिंदगी में आपने कुछ भी पाया है वो जरुर कुछ खो कर पाया होगा.
प्रभात खबर में 16/01/18 को प्रकाशित
1 comment:
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ओ. पी. नैय्यर और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
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