Friday, March 29, 2019

जाड़े की चिट्ठी

प्यारी गर्मी
फिजाओं में प्यार है शायद ये तुम्हारे आने का असर है कि बर्फ पिघल रही है और रिश्तों के साथ साथ मौसम में भी गर्मी आ रही है तुम भी सोच रही होगी कि आज अचानक इतने दिन के बाद मैं तुम्हें चिठी क्यूँ लिख रहा हूँ.तुम ये तो जानती हो कि मैं ज्यादा बोल नहीं पाता इसलिए लोग मुझे जाड़ा कहते हैं मेरा नेचर ठंडा है पर मैं लोगों को गर्मी की अहमियत समझाता हूँ कि तुम मेरे लिए खास हो  बस तो मैंने सोचा अपने दिल  की भावनाओं को लिख कर तुम्हें बताऊँ जिससे जब तुम आओ तो लोग तुमको वो इज्ज़त दें जिसकी तुम हकदार हो. वैसे भी तुमको गुस्सा जल्दी आता है आये भी क्यूँ न तुम तो गर्मी हो पर तुम खास हो मेरे लिए अब देखो न जब सारी दुनिया वेलेन्टाईन डे यानि प्यार का दिन मनाती है तब न पूरी तुम होती हो न पर लोग कितना एन्जॉय करते हैं तो तुम ये तो मानोगी कि हमारी तुम्हारी जोड़ी भले ही थोड़े समय के लिए बने पर होती गज़ब की है.वैसे बसंत और होली के दो त्यौहार ऐसे मौके पर ही पड़ते हैं जब पूरा देश कुछ तुम्हारे और कुछ मेरे होने के अहसास का जश्न त्यौहार मना कर करता है . भारत में इन दो त्योहारों का ख़ास महत्व है.जहाँ बसंत में फूलों पर बहार आ जातीखेतों में हरी सरसों के पीले फूल सोना बनके चमकने लगता  हैं.  जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतींआमों के पेड़ों पर बौर आ जाता और हर तरफ़ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं। वैसे भंवरों के गुन गुन करने का भी तो यही मौसम होता है .वैसे बसंत के जश्न में जब सारी दुनिया डूबी होती है तो हम भी भूल जाते हैं कि हमारे बिछड़ने का समय आ रहा है | मुश्किल तो यही है तुम मेरी बात मानती कहाँ हो ?तुम्हारे आने की आहट मिलते ही लोग जश्न मनाने की तैयारी करने लग जाते हैं.उस जश्न को दुनिया होली  के नाम से जानती है जब धूप का मखमलापन कम होता है और उसके चुभन बढ़ने की शुरुआत होने लगती है.
अब तुम तो जानती हो जैसे होली में रंग बिरंगे रंगों का इस्तेमाल होता है वैसे ही जिन्दगी में भी कई रंग होते हैं गुस्सा, ख़ुशी, दुःख, अपना पन, प्यार और न जाने क्या क्या. दो रंगों को मिला देने से जैसे एक नया रंग बन जाता है वैसे जिन्दगी के भी रंग बड़े अनोखे होते हैं .अब मूड ऑफ हो जाना जिन्दगी के दो रंगों का मिल जाना ही है तो है. आप एकदम ठीक हैं किसी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन न जाने क्यों काम में मन नहीं लगता. देखा न बन गया जिन्दगी का नया रंग. कोई रंग न जाने क्यों हमें किसी की याद दिला देता है और हम यादों के समंदर में डूबने लगते हैं तो कोई रंग हम किसी के होने का एहसास कराता है. यूँ कहें कि हर रंग की अलग कहानी होती है जो सीधे सीधे हमारी जिन्दगी  से जुडी होती हैं. वो कहते हैं न मेड फॉर ईच अदर .पर होली के बीत जाने का  मतलब ये नहीं कि हमारे जीवन  से रंग की चमक  कम हो जाए,तो होली के बाद मैं धीरे –धीरे अपने सारे सामान समेट कर जाने की  तैयारी करता हूँ.ये जाना भी कैसा एहसास होता है .आखिर बसंत के इस सुहाने के अहसास और होली की इस मस्ती को छोड़कर भला कौन जाना चाहेगा ?मुझे तो जाना ही होता है क्योंकि अगर मैं जाऊँगा नहीं तो दुनिया को इस मिलने बिछुड़ने का फलसफा कैसे समझ आएगा.वैसे मुझे इस मस्ती और खुमारी से भरे मौसम में जाना इसलिए ज्यादा नहीं खलता क्योंकि लोगों के चेहरे पर खुशी देखकर अच्छा लगता है .



 पर मेरी प्यारी गर्मी इस जश्न को देख कर ये मत समझ लेना कि लोग तुम्हें ज्यादा पसंद करते हैं क्यूंकि तुम जैसे जैसे बढ़ोगी लोग तुम्हारे जाने का इन्तजार करने लग जायेंगे यही तो जीवन का खेल है जो आया है वो जाएगा पर मेरा तुम्हारा रिश्ता अनोखा है.हम बार बार जायेंगे लेकिन आने के लिए तो जब तुम आओगी मैं जा चुका हूँगा पर मैं फिर आऊंगा ये वादा रहा.ये उम्मीद मेरा जाना थोड़ा आसान कर देती है.अब मैं तो रहूँगा नहीं तुम्हें सम्हालने के लिए तो इस बात का ख्याल रखना कि रिश्ते ऐसे बनाना जिसमें गए हुए लोगों के आने की गुंजाईश रहे और तुम अगर ऐसा नहीं कर पायी तो समझ लेना तुमने जिंदगी से कुछ नहीं सिखा और रिश्ते मतलब से बनाये.कोई तुमको मतलबी कहेगा तो मुझे बहुत बुरा लगेगा. तुम गुस्सा हो कर अक्सर कहा करती थी कि किसी के आने जाने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं जी लूंगी अपनी जिंदगी पर मेरी “प्यारी गर्मी” तुम मानो या न मानो पर लोगों के आने जाने से फर्क जरुर पड़ता है.मैं जा तो रहा हूँ पर बड़े भारी मन से.काश ये काश मेरे जीवन का सच है.अब देखो न मैं और तुम कभी नहीं मिल पाते हैं जब तक मैं अपने जाड़े होने पर इतराता रहता हूँ और तुम अपनी गर्मी को अपनी ताकत मानती रहती हो पर जब ये मैं हम बन जाता है तो वेदर कितना खूबसूरत हो जाता है. थोडा मेरा और थोडा तुम्हारा तो बन गया न हमारा.मेरी सुबह सुहानी होती है तो तुम्हारी शाम पर जब बसंत आता है तो पूरा दिन वंडरफुल हो जाता है.मुझे पता है कि तुम्हें मेरी लंबी चिठ्ठी बोर करती है कितना लड़ते थे तुम मेरे लंबे खर्रे से.अच्छा सुनो न... कितना कुछ हमारे तुम्हारे बीच में हमेशा अनकहा रह जाता है.हमें एक दूसरे के साथ कभी फेस टू फेस बात करने का मौका ही नहीं मिलता तो कम्युनिकेशन गैप से कहीं तुम किसी गलतफहमी का शिकार न हो जाओ इसलिए मुझे चिठ्ठी लिखनी पडी जिससे मैं तुम्हें अपनी भावनाएं  बता सकूँतुम गर्मी हो ये तुम्हारा स्वभाव  है और मैं जाड़ा ये मेरी प्रकृति. मेरे मौसम में लोग तुम्हें याद करते हैं और तुम्हारे मौसम में मुझे. हमारी यही नियति  है. हम एक दूसरे को हमेशा याद  ही करते रहेंगे. तुम्हारे जीवन में बहुत से लोग आयेंगे पर जाड़े की वो शाम नहीं आयेगी.मेरे जीवन में बहुत सी सुबह आयेंगी पर वैसी सुबह नहीं आयेगी और हम दोनों बस याद ही करेंगे. वैसे भी तुम्हारी यादों  का कॉपीराइट तो मेरे पास ही है .
हम भले ही अलग अलग हों और कभी भी मिल न पायें पर क्या कभी तुमने सोचा कि कितना कुछ कॉमन है हमारे बीच में ज्यादा ठण्ड में लोग अपनी पूरी बॉडी को कवर करते हैं खासकर सिर और जब ज्यादा गर्मी पड़ती तो भी लोग सबसे पहले सिर ही ढकते हैं.आईसक्रीम स्वाद में ठंडी होती है पर उसकी तासीर गर्म होती है इसलिए जाड़ा हो या गर्मी लोग दोनों मौसम में इसे एन्जॉय करते हैं.जाड़ा और गर्मी तभी बढ़ती है जब हवाएं चलती हैं गर्मी में वही हवा लू बन जाती है तो जाड़े में शीत लहर.मौसम कैसा भी हो जिंदगी तो चलती रहती है हम भले ही कभी नहीं मिल पाते पर हमारे कारण ही लोगों को जीवन के मायने मिलते हैं और मिलने मिलाने के मौके भी .फिलहाल चलता हूँ पर इतना विश्वास दिलाता हूँ मैं कहीं भी रहूँ तुम्हें हमेशा याद करता रहूँगा.होली की शुभकामनाओं के साथ
विदा
सिर्फ तुम्हारा जाड़ा
प्रभात खबर के होली विशेषांक में मार्च 2019 को प्रकाशित 

3 comments:

Anonymous said...

I went over this site and I conceive you have a
lot of great info, bookmarked (:.

Anonymous said...

I like what you guys are up too. Such clever work and coverage!

Keep up the fantastic works guys I've added you
guys to blogroll.

Anonymous said...

Excellent post. I definitely appreciate this website.
Thanks!

पसंद आया हो तो