Tuesday, July 30, 2019

सोशल मीडिया पर कुछ भी नहीं है सीक्रेट

सोशल मीडिया पर होना एक तरह से समाज में आपकी स्वीकार्यता को बढ़ावा देता है .समाज में किसी की हैसियत सोशल मीडिया में उसके फोलोवर से तय की जाने लगी है .सोशल मीडिया पर आने से जिस तथ्य को हम नजरंदाज करते हैं वह है हमारी निजता का मुद्दा और हमारे दी जाने वाली जानकारी.जब भी हम किसी सोशल मीडिया से जुड़ते हैं हम अपना नाम पता फोन नम्बर ई मेल उस कम्पनी को दे देते है.असल समस्या यहीं से शुरू होती है .  इस तरह सोशल मीडिया पर आने वाले लोगों का डाटा कलेक्ट  कर लिया जाता है .उधर इंटरनेट के फैलाव  के साथ आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण हो उठें .लोगों के बारे में सम्पूर्ण जानकारियां को एकत्र करके बेचा जाना एक व्यवसाय बन चुका है और  इनकी कोई भी कीमत चुकाने के लिए लोग तैयार बैठे हैं .कई बार एक गलती  किसी कंपनी की उस लोकप्रियता  पर भारी पड़ जाती है जो उसने एक लंबे समय में अर्जित की होती है. टेकक्रंच  की एक रिपोर्ट के मुताबिक मई माह में लाखों मशहूर और प्रभावशाली व्यक्तियों का पर्सनल डेटा इन्स्ताग्राम  के जरिए लीक हो गया है. इस डेटाबेस में 4.9 करोड़ हाई-प्रोफाइल लोगों के व्यक्तिगत रिकॉर्ड  हैंजिनमें जाने-माने फूड ब्लॉगरऔर सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोग शामिल थे.रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिन लोगों का डेटा लीक हुआ है उसमें उनके फॉलोवर्स की संख्याबायोपब्लिक डेटाप्रोफाइल पिक्चरलोकशन और पर्सनल कॉन्टैक्ट भी शामिल थे.तथ्य यह भी है कि जैसे ही ऐसा करने वाली फर्म के बारे में रिपोर्ट छपी , उसने तुरंत अपने डेटाबेस को ऑफलाइन कर लिया. ध्यान रहे कि इंटरनेट की दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण बात है इसकी गतिशीलता नया बहुत जल्दी पुराना हो जाता है और नई संभावनाओं के द्वार खुल जाते हैं .सोशल मीडिया प्लेटफोर्म नित नए रूप बदल रहे हैं उसमें नए नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं .इस सारी कवायद का मतलब ऑडिएंस को ज्यादा से ज्यादा वक्त तक अपने प्लेटफोर्म से जोड़े रखना .इसका बड़ा कारण इंटरनेट द्वारा पैदा हो रही आय भी है .अब सोशल मीडिया इतना तेज़ और जन-सामान्य का संचार माध्यम बन गया कि इसने हर उस व्यक्ति को जिसके पास स्मार्ट फोन है और सोशल मीडिया पर उसकी एक बड़ी फैन फोलोविंग  वह एक चलता फिरता मीडिया हाउस बन गया  है . अब वह वक्त जा चुका है जब सेलेब्रेटी स्टेट्स माने के लिए किसी को सालों इन्तजार करना पड़ता था .सोशल मीडिया रातों रात लोगों को सेलिब्रटी बना दे रहा है जिसमें बड़ी भूमिका ,फेसबुक,इन्स्टाग्राम और यू ट्यूब जैसी साईट्स निभा रही हैं .ग्लोबल सोशल मीडिया रैंकिंग 2018 के अनुसार इस वक्त फेसबुक दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया साईट है उसके बाद यू ट्यूब और व्हाट्स एप का नम्बर आता है .दुनिया भर की इन सोशल मीडिया साईट्स की भीड़ में एक साईट्स बहुत तेजी से अपनी जगह बना रही है और वह है इन्स्टाग्राम. पिछले साल  पहले कैंब्रिज एनालिटिका मामला सोशल नेटवर्किंग साईट  फेसबुक के लिए ऐसा ही रहा. इस कंपनी पर आरोप है कि इसने अवैध तरीके से फेसबुक के करोड़ों यूजरों का डेटा हासिल किया और इस जानकारी का इस्तेमाल अलग-अलग देशों के चुनावों को प्रभावित करने में किया. इनमें 2016 में हुआ अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव भी शामिल  है. इंटरनेट के फैलाव  के साथ आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण हो उठें .लोगों के बारे में सम्पूर्ण जानकारियां को एकत्र करके बेचा जाना एक व्यवसाय बन चुका है और  इनकी कोई भी कीमत चुकाने के लिए लोग तैयार बैठे हैं .देश में आंकड़ों की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है जैसे ही आप इंटरनेट पर आते हैं आपकी कोई भी जानकारी निजी नहीं रह जाती और इसलिए इंटरनेट पर सेवाएँ देने वाली कम्पनिया अपने ग्राहकों को यह भरोसा जरुर दिलाती हैं कि आपका डाटा गोपनीय रहेगा पर फिर भी आंकड़े लीक होने की सूचनाएं लगातार सुर्खियाँ बनी रहती हैं .देश अभी लोगों के डाटा को सुरक्षित बनाने वाले कानून के बनने के इन्तजार में है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी एन श्री कृष्णा की अध्यक्षता में गठित समिति ने पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल का ड्राफ्ट बिल सरकार को सौंप दिया है .इस बिल में निजी” शब्द को परिभाषित किया गया है.इसके अतिरिक्त इसमें सम्वेदनशील निजी डाटा को बारह  भागों में विभाजित किया गया है.जिसमें पासवर्ड,वित्तीय डाटा,स्वास्थ्य डाटा,अधिकारिक नियोक्ता,सेक्स जीवन,जाति/जनजाति,धार्मिक ,राजनैतिक संबद्धता जैसे क्षेत्र जोड़े गए हैं.इस बिल को अगर संसद बगैर किसी संशोधन के पास कर देती है तो देश के प्रत्येक नागरिक को अपने डाटा पर चार तरह के अधिकार मिल जायेंगे .जिनमें पुष्टिकरण और पहुँच का अधिकारडाटा को सही करने का अधिकारडाटा पोर्टेबिलिटी और डाटा को बिसरा देने जैसे अधिकार शामिल हैं .इस समिति की  रिपोर्ट के अनुसार यदि इस बिल का कहीं उल्लंघन होता है तो सभी कम्पनियों और सरकार को स्पष्ट रूप से उन व्यक्तियों को सूचित करना होगा जिनके डाटा की चोरी या लीक हुई है कि चोरी या लीक हुए डाटा की प्रकृति क्या है ,उससे कितने लोग प्रभावित होंगे ,उस चोरी या लीक के क्या परिणाम हो सकते हैं और प्रभावित लोग जिनके डाटा चोरी या लीक हुए हैं वे क्या करें .ऐसी स्थिति में जिस व्यक्ति का डाटा चोरी या लीक हुआ है वह उस कम्पनी से क्षतिपूर्ति की मांग भी कर सकता है .फिलहाल यह बिल संसद की मंजूरी के इन्तजार में है,लेकिन सिर्फ़ कानून के बन जाने से सबकुछ ठीक हो जाएऐसा संभव नहीं है. इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना होगा.इन सबसे महत्वपूर्ण है खुद लोगों का जागरूक होना और सोशल मीडिया का सम्हल कर इस्तेमाल करना सीखना होगा जब तक ऐसा नहीं होगा हम अपनी निजता बचा नहीं पायेंगे.इंटरनेट पर कुछ भी गोपनीय नहीं है.
दैनिक जागरण /आई नेक्स्ट में 30/07/2019 को प्रकाशित 

1 comment:

HARSHVARDHAN said...

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन अंग दान दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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