Friday, February 14, 2020

दिल के रिश्तों में जल्दबाजी ठीक नहीं

दुनिया वाकई बहुत तेजी से बदल रही है और प्यार करने और उसे जताने के तरीके भी अब देखिये न हमारे ज़माने में गाना बजता था "कितना प्यार तुम्हें करते हैं आज हमें मालूम हुआजीते नहीं तुम पर मरते हैं, "जब प्यार का इज़हार करना थोडा मुश्किल था और वेलेन्टाईन डे को लेकर एक हिचक हुआ करती थी |
      हमारे कैम्पस भी तब ऐसे ही हुआ करते थे थोड़े से सहमे से प्यार के किस्से तब भी थे पर इश्क तब सिर्फ इश्क था न कि “इश्क वाला लव”।इसे आप वैश्वीकरण की बयार का असर कहें या इंटरनेट क्रांति का जोर जिसने आज की पीढी को ज्यादा मुखर बना दिया है|फेसबुक ट्विटर से लेकर व्हाट्सएप जैसे चैटिंग एप आपको मौका दे रहे हैं कि कुछ भी मन में न रखो जो है बोल दो|वो वक्त चला गया जब फिल्म की नायिका ये गाना गाते हुए जीवन बिता देती थी "मेरी बात रही मेरे मन में कुछ कह न सकी उलझन में" अब प्यार के इज़हार में कोई लैंगिक विभेद नहीं है।'रोज डेसे प्यार का आगाज होता है और  होलिका दहन से प्रेम का अंत |
लड़के लड़कियां सभी कोई रिग्रेट लेकर नहीं जीना चाहते हैं क्रश होना सामान्य है और इसके इज़हार में अब कोई समस्या नहीं दिखती|भले ही लव इज भेस्ट ऑफ़ टाईम हो पर चलो कर के देख ही लिया जाए ये आज की पीढी का मन्त्र है।
पर थोड़ी सी बात जो मुझे परेशान करती है वो है रिश्ते जितनी तेजी से बन रहे हैं उतनी तेजी से टूट भी रहे हैंदिखावे पर जोर ज्यादा है,रोज डे से शुरू हुआ प्यार का सिलसिला होली आते आते होलिका की आग में दहन हो जाता है |हर युवा जल्दी में है ये जल्दबाजी दिल के रिश्तों में अच्छी नहीं है।वक्त ने किया क्या हंसी सितम का दौर कब का जा चुका है अब तो ब्रेकअप की पार्टी दी जा रही है। जोर दिखावे पर है तू अभी तक सिंगल हैतेरा कोई बॉय फ्रैंड नहीं या तेरी कोई गर्ल फ्रैंड नहीं है ऐसे प्रश्न ये बताते हैं कि अगर आप किसी ऐसे रिश्ते में नहीं हैं तो कुछ खोट है आपमेंअब कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है।
फेसबुक या व्हाट्सएप स्टेटस की तरह रिलेशनशिप स्टेट्स बदले जा रहे हैं ,रिश्ते वक्त मांगते हैं उनको फलने फूलने में समय लगता है पर इतना टाईम किसके पास है |असुरक्षा की भावना इतनी ज्यादा है कि फेसबुक की टाईम लाइन से लेकर वहाट्सएप पर ऑनलाईन रहने के सिलसिले तक सभी जगह निगाह रक्खी जा रही है ये टू बी ऑर नॉट टू बी जैसा दौर है जिसे हम गिरने और सम्हलने से समझ सकते हैं |आज की पीढी ज्ञान नहीं चाहती और अनुभव के स्तर पर सब चीज महसूस करना चाहती है |इसमें किसी को आपत्ति भी नहीं होनी चाहिए पर रिश्तों को बनाने और सम्हालने की जिम्मेदारी के एहसास का गायब हो जाना थोडा परेशान करता है।वैसे भी जब प्यार है फिज़ाओं में तो जमाने को ये तो कह ही सकते हैं "होश वालों को क्या ख़बर ज़िन्दगी क्या चीज़ है इश्क कीजिए ख़ुद समझिये ज़िन्दगी क्या चीज़ है|"मेरे लिए तो ज़िन्दगी एक प्यार का नगमा है |जिससे हमारी आपकी सब की कहानी जुड़ी हुई है | प्यार किया नहीं जाता हो जाता है हो सकता है आप न माने|प्यार के इस मौसम में आप सभी को वेलेन्टाइन्स डे की दिल से की शुभकामनाएं|
प्रभात खबर में 14/02/2020 को प्रकाशित 

2 comments:

Marziya Jafar said...

Fascinated article sir...

Ye lines aap k like.....Jo maine is article ko padhne k baad likhi hai.

Mulhayeza farmayiye...

Aap ki kalam aur kalam

Aap ka nazariya aur nigar

Aap ka andaaz aur asraat

Is lekh me umar rahe h, chand roza rishton k jazbaat...

Aaj ki mohabbat..kal ho jaati h Barbara.



Marziya Jafar said...

..

पसंद आया हो तो