प्रिय बेटा
तुम्हारा गुस्से भरा ई मेल मिला,जिसमें तुमने इस बात पर नाराजगी जताई कि जब सारे पास हुए बच्चों के पेरेंट्स अपने बच्चों के मार्क्स के साथ उनके फोटो सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं तो मैंने तुम्हारी फोटो क्यों नहीं लगाई. तुम जानते हो मैंने तुम्हें नम्बर गेम से हमेशा बचने की सलाह दी है. मैं तुमसे हमेशा कहता था एक सम्मानजनक तरीके से पास हो जाओ .बेटे मेरे लिए पढ़ाई के एक्जाम में पास होना उतना मायने नहीं रहता जितना जिन्दगी के इम्तिहान में पास होना .चूँकि अब तुम बड़े हो गए हो तो सोचा अपनी लाईफ के कुछ अनुभव शेयर कर लूँ .तुम्हे याद होगा जब तुम छोटे थे और अक्सर चोट लगाकर रोते हुए घर आ जाया करते थे तो मैं तुमसे एक ही बात कहता था बेटा चोट तुम्हे लगी है और इसका दर्द तो तुम्हे ही झेलना पड़ेगा. हम ज्यादा से ज्यादा इसको कम करने की कोशिश कर सकते हैं और जिन्दगी भी ऐसी ही है.
मुझे आज भी याद है दसवीं से पहले तक तुम्हारे कभी भी सिक्सटी परसेंट से उपर नम्बर नहीं आये .मैं ये भी मानता हूँ कभी –कभी मैं भी थोड़ा दुखी हो जाता था पर एक चीज मुझे हमेशा हौसला देती थी .तुम हमेशा एक अच्छे बेटे की तरह बढ़ते रहे ,दादी –बाबा का ख्याल रखने वाले .भले कितनी परेशानी मन में हो हमेशा खुश रहने वाले और सबको हंसाने वाले .तुम्हारी सम्वेदनशीलता देख कर लगता है कितुम अपने आस –पास के लोगों से जुड़े रहोगे क्योंकि रोड पर अगर कोई आवारा जानवर बीमार दिखता है तो तुम मुझे फोन कर के तंग करते रहे , अपनी पॉकेट मनी से रोड पर पैदा हुए कुत्ते के बच्चों को दूध चुपचाप पिलाना और कई दिन बाद धीरे से मम्मी को बता देना .तुमने कभी कोई बात नहीं छिपाई .
तुम खुशनसीब हो , कड़ी धूप में पतंग उड़ाने का लुत्फ़ क्या होता है ये जानते हो ,बारिश में छत पर घंटों नहाने का क्या मतलब होता ये तुमसे बेहतर कौन जानता है .गर्मी की शाम छत को स्वीमिंग पूल बनाने की नासमझ कोशिश तुमने न जाने कितनी बार की है . तोड़ देने का दुःख भी झेला है .तुम हारना क्या होता है ये बेहतर तरीके से जानते हो. तो कभी जिन्दगी में जीतोगे तो तुम्हारे पैर हमेशा जमीन पर रहेंगे . बेटा पढाई के एक्जाम से ज्यादा मुश्किल है जिन्दगी का इम्तिहान जिसकी अभी शुरुवात हो रही है .मैं चाहता हूँ तुम जिन्दगी के एक्जाम में टॉप करो मैंने कभी नहीं चाहा कि तुम क्लास में टॉप करो जरा सोचो एक्साम्स के टॉपर्स को हम लोग कितनी जल्दी भूलते हैं जिन्दगी में एक वक्त के बाद हम लोगों को उनके काम और उनकी पर्सनाल्टी की वजह से याद करते हैं न कि उनके मार्क्स की वजह से .जिन्दगी के टॉपर्स हिस्ट्री बनाते हैं. तुम्हे फिल्म और क्रिकेट का बहुत शौक है. विराट एक महान खिलाड़ी है क्या वो कभी जीरो पर नहीं आउट हुआ हर मैच उसके लिए एक एक्जाम ही होता है. अमिताभ बच्चन क्या बगैर फ्लॉप फ़िल्में दिए बगैर सदी के सितारे बन गए. सफल होने के लिए असफल होना ही पड़ता है. जिन्दगी में आप लगातार सफल नहीं हो सकते ये निश्चित है और असफलता का स्वाद जिन्दगी में जितनी जल्दी मिल जाए उतना अच्छा है. मां तुमको अपना प्यार दे रही है .
प्यार
तुम्हारा
पॉप्स
प्रभात खबर में 02/04/2024 को प्रकाशित
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