अनवर भाई यानी हमारे आर्यभट यूं तो हमारी मुलाक़ात बहुत पुरानी है लेकिन उनकी बहुमुखी प्रतिभा का मुज़हयारा तो वापस लखनऊ आकर हुआ अनवर भाई हमेशा में और मेरी तन्हाई के साथ अपने कमरे में मिलते किसी भी काम के जितने पोस्सीबल एंगल हो सकते हैं वो सारे अनवर भाई मुझे अक्सर बताते । ना जाने क्यों उनोहने विभाग से एक अनचाही दूरी बना ली थी या बन गयी थी लेकिन मुझे ये लगता था की ये काम को सिलसिलेवार करने के आदी थे और फिर काम धीरे -धीरे ठीक होना शुरू हुआ .ये तो दुनिआवी बातें हो गयी उनकी शाख्शियत का जो हिस्सा मुझे प्रभावित करता है उनका कम बोलना और अपने काम से मतलब रखना
जिन्दगी से बड़ा शिक्षक कोई नही हो सकता है ये बातें किसी विश्विद्यालय में नहीं सिखाई जा सकती हैं जिन्दगी खुद आपको सिखा जाती है अगर आप की नीयत साफ है और काम करने के लगन है तो दुनिया की कोई ताकत आपको बढ़ने से रोक नही सकती लेकिन प्रयास ईमानदारी से होना चहिये । शिखर पर चढ़ने में वक्त लगता है और रास्ता आपको बताता है कि जिन्दगी कितनी मुश्किल है लेकिन फिर भी हम जीने का हौसला नहीं छोड़ ते
हैं । अनवर भाई जिन्दगी अपनी शर्तों में जीने में यकीन करते हैं समय के पाबन्द हैं आप काम उनपर छोड़ सकते हैं । उनोहने भी मेरी तरह कंप्यूटर किसी से सीखा नही है लेकिन उनके कंप्यूटर ज्ञान के आगे बडे- बडे महारथी पानी माँग जाते हैं लेकिन इसका प्रदर्शन वो कभी नहीं करते
शायद यही बात उनेह दूसरों से अलग करती है किसी से कोई शिकवा -शिक़ायत नही बस आप काम दीजिए हाँ यदि विभाग से बाहर का काम है तो वो अपनी फ़ीस के बारे में एकदम सचेत है लेकिन पैसे का लालच बिल्कुल नहीं
दुनिया में हम तरह तरह के लोगों से मिलते हैं और उनको हम अपने नज़रिए से परखने की कोशिश करते हैं ये नज़रिया गलत भी हो सकता है ।
चलिए अब चलता हूँ फिर किसी नए किस्से से जिन्दगी को समझने का प्रयास किया जाएगा॥
12 comments:
parakhana mat parakhane se koi apna nahi rehta.
kisi bhi aiene[mirror] mein der tak chera nahi rehta
Baat jb anwar sir ki aati hai to mai bhi garv se kah sakti hu ki mai unse computer sikh rai hu
vo ek aise sakhsiyt hai jo barste hai garjte nai
itni aasani se kisi bhi prblm ka chutkara waah.......
yeh baat to bilkul theek hai sirji ki anwar sir apne kaam par bahut dhyaan rakhte hai aur choti se choti technicalities par dhyan dete hai....koi apne kisi bhi assign task mein zara bhi kami nahi aane dete.........
anver sir ki liye main garv se keh sakta hu ki humre computer trener hain aur aise sahsiyat hain jo apna kam bahut hi lagan se aur sujh bujh se karte hain aur choti se choti prob ka solution nikalkar unhe solv kar te hain maine apni life me bahut ki kam anwer sir jaise teacher dekhe hain.main apne anwar sir par garv karta hu.
sir anwar sir jitna computer me mahir insan maine to apni life me ajtak ni dekha.he is so knowledgable but he never shows.aur hum bhot lucky hai jo hame unse itna kuch sikhne ko mil rha hai
The best teachers teach from the heart, not from the book.
~Author Unknown
Anwar sir always teaches from heart.. i admire him a lot.. and i m lucky to have a teacher like him and offcouse you sir....
I Thank you and thank Anwar sir .. for being my "Teacher"
सही कहा, सर इन तीन महीनो मे अनवर सर ने हम लोगो को काफी कुछ सीखा दिया है,बड़ी से बड़ी बात को वो कम शब्दों में बता देते है। ऑय ऍम लकी सर । धन्यवाद अनवर सर ।
व्यवहार, कला, तकनीक और अर्थशाश्त्र का अनूठा संगम अनवर सर, एक लालची विद्यार्थी होने के कारण मैं उनके इर्द गिर्द घुमा करता हूँ की कब सारे सहपाठी जाए और मैं कुछ नया सीख अपने दोस्तों में छा जाऊं पर हर बार निराशा हाथ लगती है क्युकी अनवर सर कभी मेरे मंसूबे पुरे नही होने देते , पर फिर भी मैं हार नही मानने वाला कभी तो आसमान में सुराख़ होगा ही आखिर इतने पत्थर तबियत से उछाला करते हूँ मैं ....
Sir aapne sahi kaha hai Anwar sir ko computer ka bahot gyan hai jiska andaja lga pana bahot muskil hai . Anwar sir ham logo ko itne kam samay or kam sabdo me Computer ka bahot accha knowledge diya hai. ARVIND KUMAR
Sir aapne shi kaha hai Anwar sir ke pas Computer ka gya bahot hai yah maine khud anubhao kiya hai . Anwar sir ne ham logon ko kuch hi dino me Computer par kam karna bahot hi asani se or kam samay me sikha diya hai .
Thankyu Anwar sir .
Arvind Kumar
Ye shi bat hai ki Anwar sir ko computer ka bahut hi adhik gyan hai.yh andja bhut achhi tarike se hm lga sakte hai kyoki jb mai besick computer corsh kiya tha to vha ke techer ke padhane or samjhane ka jo tareka tha usse mai yh bta sakta hu ki anwar sir padhane or samjhane treka bhut hi saral hai.v shi bhi hai .
varunendra pratap
Abhi to kuch hi din hue hai par unke pass jakar laga ki ha inse mein kuch bhi puch sakta hun.
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