लीजिये फिर आ गया बसंत झूमता ,गुनगुनाता अब आप कहेंगे की कहाँ बसंत आया हमारा जीवन तो वैसे का वैसा ही है यूँ तो बसंत हर साल आता है लेकिन मैं आज आपको बसंत के एक नए पहलू से परिचित करना चाहता हूँ देखिये कोई भी फेस्टिवल तभी एन्जॉय किया जा सकता है जब हम उसे दिल से फील करें और अगर बसंत को महसूस करना हो तो संगीत से बेहतर कोई और चीज़ हो सकती है भला तो मैं आज ऊपर वाले से यही विश करूँगा कि "मोहे रंग दे तू बसंती मोहे रंग दे तू बसंती"(रंग दे बसंती ) . यूँ तो बसंत का मतलब प्यार ,रोमांस , कुछ मीठा सा एहसास .....वैसे हमारा वेलेंटाइन डे तो आज ही होता है आइये थोडा पीछे चलते हैं जिन्दगी की मिठास को महसूस करने के लिए कभी कभी उसे रिवर्स भी करना पड़ता है जरा सोचिये अगर गाड़ियों में रिवर्स गीअर न हो तो क्या हम आगे जा पायेंगे तो चलते हैं अतीत में आप बिलकुल परेशान न हों मई आपको पिछले जनम में नहीं ले जा रहा हूँ जिससे आप अपने इस जनम की परेशानियों से निजात पा सकें मैं तो आपको इसी जनम को दुबारा जीने को कह रहा हूँ जिससे आपकी आगे की जिन्दगी में परेशानियाँ कम हों बस इतना सा करना है कि अपने बचपन के बसंत को याद करना है भाई मेरे लिए बसंत पंचमी का त्यौहार इसलिए ख़ास है कि इस दिन हमारे स्कूल में एक बड़ा फंक्शन होता था हम सब झूमते गाते थे.
क्यों कुछ बसंत की यादें ताज़ा हुई न अब अगर यादें ताज़ा हो रही हैं तो इससे बेहतर गाना क्या हो सकता है "आया झूम के बसंत नाचो मेरे संग " वैसे ये त्यौहार बसंती रंग से जुड़ा हुआ है मतलब खेतों में नयी फसल फूलों के खिलने का मौसम ,ये बसंती रंग है बड़ा प्यारा इसमें प्यार की मादकता भी है "पिया बसंती रे " तो क्रांति की आग भी "मेरा रंग दे बसंती चोला ओ माई रंग दे बसंती चोला " इसमें दुःख की वेदना भी है "ओ बसंती पवन पागल न जा रे न जा ओ बसंती पवन पागल " तो मिलन की सुहानी खुशी भी जितनी डाइवर्सिटी आपको इस रंग के नेचर में मिलेगी उतनी और किसी भी रंग में नहीं ये डाइवर्सिटी इस फेस्टिवल में भी है बच्चे , बूढ़े और जवान सभी के पास इस फेस्टिवल को एन्जॉय करने के अपने अपने रिसन हैं ठण्ड जाने को है और गर्मियां अभी आयी नहीं इस से बेहतर सीसन और क्या हो सकता है तो क्यों न गाया जाए ये गाना " संग बसंती , रंग बसंती , छ गाया मस्ताना मौसम आ गाया "(रजा और रंक ), मुझे लगता है कि ये सीसन हमें सोचने का मौका देता है कि जिन्दगी जिन्दादिली का नाम है शायद इसीलिए बसंती रंग मस्ती का रंग भी माना जाता है और ये मस्ती पीक पर होती है बसंत पंचमी के दिन चलिए आप बच्चे नहीं रहे जो स्कूल से आपको छुट्टी मिल जायेगी और आप इसकी मस्ती को एन्जॉय कर पायेंगे , जिन्दगी की भगा दौड़ी में पता ही नहीं चलता कि बसंत कब आया और कब चला गाया .अजी छोडिये मैं आपसे एन्जॉय करने को कह रहा हूँ और आप खुश न हो पाने का रिसन दिए जा रहे हैं .त्यौहार दिल से मनाया जाता है चलिए आपके पास टाइम नहीं है तो हम बता देते हैं कि बसंत पंचमी को सेलेब्रेट करने का इंस्टैंट तरीका . थोड़ी देर के लिए अपनी आँखें बंद कीजिये और याद कीजिये दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे जिसमे सरसों के फूल से लदे हुए पेड़ों के बीच शारुख खान और काजोल का मिलन हो रहा है थोडा और फ्लश बैक्क में चल सकते है बस आपको सिलसिला फिल्म का वो गाना याद कर सकते हैं " देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाह में गुल खिले हुए" चारों और फूल ही फूल
वैसे भी साथियों बसंत पंचमी का मतलब सिर्फ त्यौहार मानना नहीं इसे जीना है इस फेस्टिवल की सारी एनेर्जी अपने अन्दर ले लीजिये और फिर देखिये आपकी जिन्दगी भी कितनी बसंती हो जायेगी और आप गुनगुना उठेंगे पिया बसंती रे
क्यों कुछ बसंत की यादें ताज़ा हुई न अब अगर यादें ताज़ा हो रही हैं तो इससे बेहतर गाना क्या हो सकता है "आया झूम के बसंत नाचो मेरे संग " वैसे ये त्यौहार बसंती रंग से जुड़ा हुआ है मतलब खेतों में नयी फसल फूलों के खिलने का मौसम ,ये बसंती रंग है बड़ा प्यारा इसमें प्यार की मादकता भी है "पिया बसंती रे " तो क्रांति की आग भी "मेरा रंग दे बसंती चोला ओ माई रंग दे बसंती चोला " इसमें दुःख की वेदना भी है "ओ बसंती पवन पागल न जा रे न जा ओ बसंती पवन पागल " तो मिलन की सुहानी खुशी भी जितनी डाइवर्सिटी आपको इस रंग के नेचर में मिलेगी उतनी और किसी भी रंग में नहीं ये डाइवर्सिटी इस फेस्टिवल में भी है बच्चे , बूढ़े और जवान सभी के पास इस फेस्टिवल को एन्जॉय करने के अपने अपने रिसन हैं ठण्ड जाने को है और गर्मियां अभी आयी नहीं इस से बेहतर सीसन और क्या हो सकता है तो क्यों न गाया जाए ये गाना " संग बसंती , रंग बसंती , छ गाया मस्ताना मौसम आ गाया "(रजा और रंक ), मुझे लगता है कि ये सीसन हमें सोचने का मौका देता है कि जिन्दगी जिन्दादिली का नाम है शायद इसीलिए बसंती रंग मस्ती का रंग भी माना जाता है और ये मस्ती पीक पर होती है बसंत पंचमी के दिन चलिए आप बच्चे नहीं रहे जो स्कूल से आपको छुट्टी मिल जायेगी और आप इसकी मस्ती को एन्जॉय कर पायेंगे , जिन्दगी की भगा दौड़ी में पता ही नहीं चलता कि बसंत कब आया और कब चला गाया .अजी छोडिये मैं आपसे एन्जॉय करने को कह रहा हूँ और आप खुश न हो पाने का रिसन दिए जा रहे हैं .त्यौहार दिल से मनाया जाता है चलिए आपके पास टाइम नहीं है तो हम बता देते हैं कि बसंत पंचमी को सेलेब्रेट करने का इंस्टैंट तरीका . थोड़ी देर के लिए अपनी आँखें बंद कीजिये और याद कीजिये दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे जिसमे सरसों के फूल से लदे हुए पेड़ों के बीच शारुख खान और काजोल का मिलन हो रहा है थोडा और फ्लश बैक्क में चल सकते है बस आपको सिलसिला फिल्म का वो गाना याद कर सकते हैं " देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाह में गुल खिले हुए" चारों और फूल ही फूल
वैसे भी साथियों बसंत पंचमी का मतलब सिर्फ त्यौहार मानना नहीं इसे जीना है इस फेस्टिवल की सारी एनेर्जी अपने अन्दर ले लीजिये और फिर देखिये आपकी जिन्दगी भी कितनी बसंती हो जायेगी और आप गुनगुना उठेंगे पिया बसंती रे
आपको बसंत पंचमी की शुभकामनायें
आई नेक्स्ट में २० जनवरी को प्रकाशित
7 comments:
हम तो गुनगुना उठे ....
बढ़िया खुशनुमा पोस्ट.
majedaar hai sirji. Maine to kal hi padh liya tha.
वसंत पंचमी की शुभकामनायें !
bhagwan kare sab ish rang main rag jaye.
डाक्टर साहब ,बसन्त का उत्साह , उल्लास चित्र मे और लेख दौनो मे ।बसन्त का मतलब प्यार म रोमांस कुछ मीठा सा अहसास आपके ये शब्द बहुत प्यारे लगे ।सुखद हो तो गाडी को रिवर्स करनी ही चाहिये + सही है सब से सुखद यह मौसम होता है आपका लेख बहुत प्यारा, उत्साह बर्धक ,और जीवन जीने कीकला सिखाता हुआ लगा ।बहुत बहुत बधाई
बसंत ऋतुओ का राजा कहा जाता है .. बसंत के आते ही अपने आप शरीर में ऊर्जा का संचार होने लगता है.. और हम विद्यार्थियों के लिए तो बसंत पंचमी माता सरस्वती का आशीर्वाद लेकर आती है..
इसके अलावा एक और बसंती है जो सिर्फ वीरू की जान बचाने के लिए नाचती है..:)
Basant sayad abhi tk humare liye sirf ek teoyar tha asli mayena to ab pata chala bhut urja pud lekh hai aapke lekh me isi tarh basant chaya rahe
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