तुम्हारे जाने के बाद
कुछ भी तो नहीं बदला
बस बदला है तो जीवन
अब रोज दाढी बनाने का झंझट नहीं
और सजना सवाँरना समय की बर्बादी
रेडियो मुंह चिढाता
अब वो छोटे मोबाईल संदेशे
नहीं आते
जिन्हें पढकर बस
यूँ ही मुस्कुरा दिया
करता था मैं
वो शीशा जो खुरच गया था
उस दिन
अब टूट चुका है
जीवन तो चल रहा है
पर वो जोश कहाँ है
जो कभी तुमने दिया था
हाँ यही तो कहा था तुमने
आओ थोड़े दिन जी के देखा जाए
मैं भी बस बह गया था उस हौसले में
पर उधार के हौसलों से जीवन नहीं चलता
तुमने कहा था मेरे पास सब कुछ है
हाँ है तो फिर तुम्हारी जरुरत क्यों थी
कभी सोचा तुमने
पर मैं तो अब भी सोच रहा हूँ
सवाल बदले या जवाब
इस बदलती दुनिया में सब कुछ
इतना जल्दी क्यों बदल जाता है
जाड़े की वो उस सुहानी शाम
जहाँ तुम छोड़ गए थे मुझे
वहीं रुका हूँ थमा हूँ
तुम्हारे जाने के बाद
कुछ भी तो नहीं बदला
(पुरानी डायरी के पन्नों से )
2 comments:
really real sir g!!
yaade jo jati nahi... bhauth khoob likha h sir....
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