Thursday, April 18, 2013

एक छोटा सा फलसफा जिंदगी का


प्यारी खड़िया
ये नाम मैंने ही दिया था तुम्हें  याद है कॉलेज के दिनों में और तुम मुझे स्लेट कहकर चिढाते थे ,खड़िया और स्लेट वक्त की मजबूरियों में मिल नहीं पाए, खैर वो वक्त बीत गया मुझे खुशी है कि तुम वापस अपनी दुनिया में लौट गए पर तुम्हारा असमंजस वाला रवैया बरकरार है. तुम्हें सब कुछ बहुत जल्दी चाहिए जिंदगी में फोकस बहुत जरूरी है एक वक्त तुम्हे मेरा साथ भी चाहिए था अपना करियर भी पर तुम बैलेंस नहीं बना पाए तो जिंदगी में बेलेंस बनाना सीखो. तुम जिंदगी के जिस दौर से गुजर रही हो कमोबेश हर इंसान गुजरता है मुझे लगता है तुम पहले अपने करियर पर ध्यान दो क्यूंकि एक बार करियर बन जाने पर जो फाइनेंशियल सिक्योरिटी मिलेगी उसका कोई मुकाबला  नहीं होगा तुम अपनी शर्तों पर जीवन जी पाओगी  तुम्हें निर्णय लेने के लिए अपने घरवालों का मुंह नहीं देखना पड़ेगा तो थोडा सा स्वार्थी बनो और अपने घरवालों को समझा दो कि तुम्हारी शादी के लिए जल्दबाजी न करें .तुम्हारे दूसरे दोस्त नौकरियां पा रहे  इससे परेशान होने की जरुरत नहीं.हर इंसान “सोना” न तो तुरंत खरीद सकता है और न ही बेच हाँ कबाड आप तुरंत खरीद सकते हैं और जब चाहें बेच भी सकते है .तुम “सोना” हो खड़िया, थोडा धीरज रखो और अपने वक्त का इन्तजार करो जो तुम्हे आज आगे जाते हुए दिख रहे हैं बहुत जल्दी तुम्हारे पीछे हो जायेंगे क्योंकि तुम्हारे नॉलेज की नींव मजबूत है वो कहावत तो सुनी होगी तुमने सौ सुनार की एक लुहार की तुम अनिर्णय की स्थिति में अपने दो साल वैसे ही खराब कर चुकी हो अब जो वक्त मिला है उसमे सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दो.यारी दोस्ती सब ठीक है पर तुम्हारे साथ दिक्कत ये है कि तुम जितनी जल्दी लोगों के करीब जाते हो उतनी ही जल्दी उनसे दूर भी हो जाते हो कभी सोचा है तुमने ऐसा क्यूँ होता है तुम दिल के बहुत साफ़ हो नतीजा तुम्हारा इस्तेमाल हो जाता है इस प्रोफेशनल दुनिया में थोड़े प्रोफेशनल बनो चुनिन्दा दोस्त बनाओ और उन्हें दुनिया की नजरो से दूर रखो जरूरी नहीं है कि कौन तुम्हारे दोस्त हैं उन्हें दुनिया जाने.उन दिनों जब हम साथ पढ़ा करते थे तुम्हारा सपना फेमस होने का था और तुम इसके लिए टीवी को एक आसान विकल्प मानते थे पर मेरी प्यारी खड़िया फेमस होने के लिए सिर्फ टीवी ही क्यों जहाँ रोज नए सितारे बनते है और पुराने डूब जाते हैं. तुम किसी भी फील्ड में फेमस हो सकते हो अगर तुम इस बात को अपने जेहन से निकाल दो कि तुम्हें सिर्फ  फेमस होना है.तुम कोई भी काम  डेडीकेशन और इनोवेशन के साथ करो पोपुलारिटी तुम्हारे पीछे पीछे भागेगी.तुम्हें लोगों को तोहफे में कवितायें देना अच्छा लगता है अब कितने लोग हैं जिनके पास ये हुनर है तुम्हारी ये खूबी तुम्हें दूसरों से अलग कर देती है और तुम्हारा गिफ्ट लोग सम्हालते भी हैं क्योंकि उनमें फीलिंग्स होती है ये है इनोवेशेन,और जब इनोवेशेन है तो तुम अपना भी कोई काम शुरू कर सकते हो क्यों नौकरी के पीछे भागना इस ओप्शन के बारे में भी सोचना. 
तुम्हारे जैसी उम्रके लोगों के साथ एक और दिक्कत हो जाती है हाइपर होने की जब खुश हुए तो वो दिमाग में चढ गयी और दुखी हुए तो अपने आप से और अपने अपनों से भागने लगे वैसे तो तुम बहुत जल्दी चीजें भूल जाते हो पर शायद तुम्हें याद हो कभी तुम मुझसे बात करके इतना खुश होते और कहते कि  आज तो ट्रीट हो गयी और एक दिन अचानक तुम सब ऐसे भूले की अपनी स्लेट को अकेला छोड़ गए  किस्सा तो छोटा सा है मगर फलसफा बड़ा तो जो भी फैसला लो सोच समझ कर लो जिससे बाद में पछताना न पड़े खैर यूँ होता तो क्या होता मैंने पढ़ाई खत्म कर ली है और अब नौकरी कर रहा हूँ.जिंदगी आगे बढ़ चली है मुझे इन्तजार रहेगा कि तुमने जो अपने लिए सपने देखें हैं उनको पा लो.
तुम्हारा स्लेट     
आई नेक्स्ट में 18/04/13 को प्रकाशित 

1 comment:

saranjeet kaur said...

beinteha dard bhara hai isme

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