Tuesday, July 2, 2013

चलो आज कुछ खो कर देखें

लो भैया शुरू हो गयी बारिश और सब अपने अपने तरीके से वेदर को एन्जॉय कर रहे हैं बस बारिश के ऐसे  ही भीगे मौसम में मैं भी बारिश की बूंदों को एन्जॉय करते हुए जिंदगी के एक नए फलसफे के साथ आपके पास आ गया हूँ.यूँ तो बारिश का मतलब चाय पकोडे रेन कोट,रोमांस,बीते यादें और ढेर सारा फन और न जाने क्या क्या पर क्या वास्तव में ऐसा है बारिश मतलब पानी और पानी हमारे जीवन में क्या अहमियत रखता है ये कोई बताने वाली बात नहीं है पर जो बताने वाली बात है कि हमारे आस पास ऐसी सैकड़ों चीजें हैं जिनसे हम कुछ न कुछ सीख सकते हैं पर हम ऑबियस के आगे सोच ही नहीं पाते.मैंने बारिश से कितनी चीजों को जोड़ा पर बारिश इससे भी कुछ ज्यादा है.जीवन में जो चीज जितनी ज्यादा होती है हम उसकी कद्र उतनी ही कम करते हैं अब देखिये न दो महीने पहले हम जब गर्मी में झुलस रहे थे तो लगता था काश पानी बरस जाए अब पानी बरस रहा है और खूब बरस रहा है हम इसको सम्हालने के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहे हैं तो जीवन में जो भी हमें मिला है उसकी कद्र करनी चाहिए नहीं तो क्या पता बारिश में बरसने वाला पानी हमारी आँखों से बह निकले.माइंड इट अरे आपको गाड़ी धुलनी थी न तो नल का पानी क्यूँ बर्बाद कर रहे हैं अपनी गाड़ी को बाहर खड़ी कर दीजिए अपने आप धुल जायेगी.पानी के साथ कितनी कहावतें जुडी हैं पर हम उन पर ध्यान नहीं देते वास्तव में ये पानी ही है जो हमें जिंदगी जीने के मायने सिखाता है.पानी कभी ऊपर नहीं चढ़ता उसे चढाना पड़ता है पर भाई लोग हैं कि जरा सी बात पर पानी पर चढ जाते हैं और फिर अपना नुक्सान कर बैठते हैं.वैसे भी माना गया है कि स्वस्थ रहने के लिए रोज  ढेर सारा पानी पीना चाहिए पर हम अगर पानी को बचायेंगे नहीं तो पियेंगे क्या वैसे पानी को जिन्दगी के अनुभवों से भी जोड़ा जाता है वो कहते हैं न घाट घाट का पानी पीना तो जिंदगी को समझने के लिए जैसे बहुत सारे अनुभवों की जरुरत होती है उसी  तरह हर जगह के पानी की एक खास पहचान होती है कहीं का पानी मीठा होता है कहीं का खारा पर होता तो पानी ही है तो जिंदगी जैसी भी मिले उसे स्वीकार करके बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए.पानी का न कोई रंग होता है न स्वाद पर वो जिसके साथ मिलता है वैसा हो जाता है ऐसी फ्लेकस्बलटी अगर हम अपनी लाईफ  में उतार लें तो कोई प्रोब्लम न हों क्यूंकि प्रोब्लम की शुरुवात तभी होती है जब हम किसी से कोई एक्स्पेटेशन रखते हैं.बारिश के मौसम में जगह जगह नालियाँ चोक हो जाती है पर हम कभी यह मानने को तैयार ही नहीं होते की नालियाँ गंदे पानी को निकालने के लिए बनाई जाती हैं न कि कूड़ा डालने के लिए जब नालियों में कूड़ा और पौलीथीन जैसी चीजें फैंकी जायेंगी तो हमारे बारिश के मौसम में घर और बाहर का हाल बेहाल होगा ही अपने लिए हर किसी को कहाँ तक बदलेंगे तो चलिए हम खुद ही अपने आप को बदल लेते हैं और फिर देखिएगा जिंदगी जीने का मजा दुगुना हो जाएगा.कुछ  पाने का मजा तो सभी लेते हैं कुछ खो के देखा जाए अगर पानी अपने घर बादल को न खोये तो हम सब कहाँ बारिश का लुत्फ़ ले पायेंगे पर पानी बगैर किसी शिकायत के अपना घर छोड़ देता है. हमारे तन मन को भिगोने के लिए बारिश सबको भिगो देती है पर खुद नहीं भीगती तो जीवन में  कुछ भी कीजिये लेकिन सिर्फ उसी पर डिपेंडेंट मत हो जाइए और सबसे जरुरी अपनी आँख के पानी को बचा कर रखिये नहीं तो जीवन में आपको कब पानी पानी होना पड़  जाए कोई नहीं जानता.पानी के इस मौसम में  पानी की कहानी से सीख लीजिये और एन्जॉय रेन .
 आई नेक्स्ट में 02/07/13 को प्रकाशित 

2 comments:

manojwordstiwari.blogspot.in said...

sir umda hai pr aap in badlo ki oot me kaha hain ajkl fb pr to kch aa hi nhi rha hai....apki trf se...

Unknown said...

mukul:apne badi onchi bat kahipane k lie sabhi marte ha kuch khokar jine k maja kuch aur ha

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