Friday, September 20, 2013

प्रीपेड मोबाईल सी होती हमारी लाईफ

क्या हुआ सुबह सुबह मोबाईल में बैलेंस खत्म हो गया,नेट पैक रिचार्ज करवाना भूल गए अब ई पेपर कैसे पढ़ें.उफ़ जीवन में कितने मसले हैं भाई लोगों जिंदगी बहुत तेजी से बदल रही है तो प्रीपेड पोस्टपेड और मोबाईल  जैसे कॉन्सेप्ट हमारे जीवन का हिस्सा बन गए हैं पर ये सब मैं आपको क्यूँ बता रहा हूँ.गुड़ क्वेशचन आपको सोल्यूशन चाहिए प्रोब्लम तो सबके साथ है.कभी आपने सोचा हमारी जिंदगी प्रीपेडमोबाईल  ही तो है हम इसका जितना ख्याल रखेंगे वो उतना ही ज्यादा चलेगी.आप नहीं समझे अरे भाई जमाना बहुत तेजी से बदल रहा है.अब शुद्ध घी की बात करने वाले देश में हमने रोमांस को वो भी शुद्ध वाला देशी बना दिया है.शादियाँ प्लान की जाती है और इसका बिजनेस बहुत तेजी से फ़ैल रहा है और फैमली प्लानिंग तो आप सबने सुना होगा.इस दुनिया में अब सबकुछ प्लान किया जा रहा है और प्लानिंग पर खासा जोर है.अब देखिये आपको पता होता है कि महीने में आपका मोबाईल और नेट पैक का कितना खर्चा आप उसी हिसाब से रीचार्ज करवाते हैं जहाँ आपकी प्लानिंग गड़बड़ाती है बैलेंस निल हो जाता है तब हम  भगवान से लेकर किस्मत को ना जाने कितना कोसते हैं पर गलती तो हमारी ही है ना,सोचिये  अगर आप स्टूडेंट हैं तो नेट पैक का यूज पढ़ने के लिए करेंगे ना कि डीफरेंट एप्प पर चैटिंग करते हुए अपना नेट पैक खत्म करेंगे मतलब आपकी प्लानिंग गडबड है.माना कि आप पढते हुए भी अपनी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड से जुड़े रहना चाहते हैं तो कोई सेम नेटवर्क वाला फ्री प्लान ले लीजिए पर एक ही वक्त में आपको कई सारे लोगों से बात करनी है और इसके लिए आपको कई मोबाईल चाहिए तो आपकी प्लानिंग गडबड है क्यूंकि अभी आप पढ़ रहे हैं और आपका ये शौक आपको अपने ऑब्जेक्टिव को अचीव करने से डिस्ट्रेक्त करेगा जब आप कमाने लग जाएँ जितने चाहें मोबाईल रखें कोई आपको रोकने नहीं आएगा .मुझे पता है आप बहुत समझदार हैं तो नो ज्ञान हम फ़िर लौट आते हैं जिंदगी पर वो भी प्रीपेड जिंदगी अरे भाई हमारी जिंदगी भी  तो प्रीपेड मोबाईल जैसी है.हमने अपने लिए जितने सपने देखे हैं अगर उनको पूरा करना है तो उतनी ही शिद्दत से मेहनत करनी पड़ेगी क्यूंकि वो कहावत तो अब पुरानी हो गयी कि जितना गुड़ डालोगे उतना ही मीठा होगा अब तो जितना बैलेंस होगा उतनी ही बात होगी.सपने जितने बड़े होंगे मेहनत उतनी ज्यादा करनी पड़ेगी अगर ऐसा नहीं करेंगे तो जैसे बैलेंस खत्म होने पर बात बीच में कट जाती है वैसी ही आप अपने सपने को हकीकत का जामा नहीं पहना पायेंगे.अच्छा कई बार ऐसा होता है कि आपके मोबाईल में बैलेंस भी होता है और बैटरी चार्ज फ़िर भी कॉल कनेक्ट नहीं होती तो क्या आप जिससे बात करना चाहते हैं उसको फोन नहीं करते है.ना आप फ़िर से कोशिश करते हैं और तब तक कोशिश करते हैं जब तक बात ना हो जाए तो आपकी प्लानिंग सही है फ़िर भी आप असफल हो रहे हैं तो इसका मतलब नहीं है कि आप प्रयास करना छोड़ देंगे बल्कि धीरज के साथ तब तक कोशिश करेंगे जब तक आपको सफलता ना मिल जाए.आपके पास बहुत अच्छा टच वाला थ्री जी मोबाईल है पर उसमें बैलेंस नहीं है तो वो बेकार है यानि बैलेंस के साथ मोबाईल का मेंटीनेंस भी जरूरी है तो इस प्रीपेड लाईफ में अपने शरीर का ध्यान रखना भी जरूरी है अब अब बीमार शरीर के साथ आप अपने सपने कैसे पूरे करेंगे तो लाईफ में एक अनुशासन रखिये समय से सोइए और समय से जागिये तो नो लेट नाईट चैट और नो एक्सेस ईटिंग और ना ही स्लिम रहने के चक्कर में डाइटिंग अरे भाई मोबाईल की बैटरी को ज्यादा चार्ज करेंगे तो क्या होगा और कम चार्ज करेंगे तो क्या होगा.समझ गए ना मैं क्या कह रहा हूँ.क्यूँ मैं बातें अच्छी करता हूँ न. अरे मैंने अपने मोबाईल को चार्ज कर रखा है और उसमें बैलेंस भी है फ़िर आपसे बात करने की कोशिश नहीं छोड़ता और देखिये ना हर महीने आप से बात करके ही मानता हूँ.
आई नेक्स्ट में 20/09/13 को प्रकाशित 

2 comments:

विकास सिंह said...

वाकई आप बातें बहुत अच्छी करते हैं और आपने इस पोस्ट से जो मुझे रिचार्ज किया है वह भी लाइफ टाइम वैलिडिटी वाला है॥

विकास सिंह said...

वाकई आप बातें बहुत अच्छी करते हैं और आपने इस पोस्ट से जो मुझे रिचार्ज किया है वह भी लाइफ टाइम वैलिडिटी वाला है॥

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