Friday, May 29, 2015

मुट्ठी में खबर

कम समय में ज्यादा से ज्यादा सूचना यह नया सूत्र है इंटरनेट की दुनिया का|फेसबुक अब अपने प्रयोगकर्ताओं को सीधे समाचार देने वाला है|प्रसिद्ध न्यू मीडिया शोध साईट निमेन लैब के अनुसार इसकी शुरूआत अमेरिका से होगी| भारत फेसबुक का दूसरा सबसे बड़ा बाजार  है और अमेरिका के बाद यह भारत में भी होगा | इसके साथ ही समाचारों की दुनिया निर्णायक रूप से हमेशा के लिए बदल जाएगी|यह होते ही फेसबुक दुनिया का सबसे बड़ा समाचार  प्लेटफॉर्म बन जाएगा| वेबसाईट  के अनुसार फेसबुक अगले कुछ महीनों में ही समाचार प्रसारण के इस नए संरूप का परीक्षण करना शुरू कर देगा । शुरुआत में फेसबुक न्यू यॉर्क टाइम्सनेशनल जिओग्राफिक और बज़फीड के साथ मिलकर काम करेगी।फेसबुक का बिजनेस मॉडल यह है कि न्यूज कंटेंट प्रोवाइडर (जैसे अखबार, चैनल, एजेंसियां) अपने  समाचार फेसबुक को देंगे
फेसबुक उन्हें अपने उपभोक्ताओं को उनकी फीड में दिखाएगा  फेसबुक इसके  बदले में कंटेंट प्रोवाइडर्स के साथ लाभ का एक  हिस्सा बांटेगा| अभी यह होता है कि समाचार की  साइट अपना कंटेंट फेसबुक पर प्रमोट करते हैं और यूजर, यानी आप लिंक पर क्लिक करके समाचार की साइट या उस साईट पर जाते हैं जिसे शेयर किया गया है| लेकिन फेसबुक अब यह  नहीं चाहता कि प्रयोगकर्ता यानि आप और हम कहीं और जाएँ  फेसबुक पर ही आपको समाचार, वीडियो,आडियो  सब मिल जाएगा| अभी फेसबुक पर मौजूद लिंक पर क्लिक करके पाठक समाचार प्रदाता कंपनी के वेबपेज़ पर जाकर अपना मनपसंद समाचार या जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पर इस काम में लगभग आठ सेकंड का समय लगता है और आज के युग मेंखासतौर पर मोबाइल द्वारा इंटरनेट का उपभोग करने वालों के संदर्भ में यह समय काफी अधिक है। फेसबुक इसी समय को और कम कर के उपभोक्ताओं के लिए समाचार और सूचनाएं  प्राप्त करना और त्वरित बनाना चाहता है।
फेसबुक पब्लिशर्स की वेबसाइट पर जाने वाले ट्रेफिक के एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखता है। साथ ही आज कल उपभोक्ता पूरे वेब पर सामग्री खोजने में वक्त जाया करने कि बजाय कुछ एप्प्स के माध्यम से अपनी मनपसंद सामाग्री प्राप्त करना ज्यादा मुफीद समझते हैं। इन वजहों से फेसबुक कई पब्लिशर्स के लिए एक ‘गेटकीपर’ की भूमिका में आ गया है जो यह निर्धारित करता है कि फेसबुक उपभोक्ता क्या देखेंगे या पढेंगे ।यदि कोई सूचनाओं के लिए सिर्फ फेसबुक का इस्तेमाल करता है और इसके लिए उपभोक्ता ने किसी समाचार संगठन  के पेज को लाईक कर रखा है या उसे अपना मित्र बना रखा है यदि समाचार संगठन के  फेसबुक पेज पर कोई खबर या सुचना साझा नहीं की गयी तो उपभोक्ता को पता ही नहीं चलेगा की इस तरह की कोई सुचना आयी भी कि नहीं क्योंकि समय की कमी के कारण कोई भी बार बार उस समाचार संगठन की वेबसाईट पर नहीं जाना चाहेगा |और यहाँ फेसबुक की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है |
 भारत में बारह  करोड़ से ज्यादा फेसबुक प्रयोगकर्ता होने का यह भी मतलब है कि देश का समर्द्ध तबका समाचारों  के लिए फेसबुक पर काफी हद तक निर्भर हो जाएगा|चूँकि यह वही तबका है जो विज्ञापनों से अपनी खरीद आदतें निर्धारित करता है |ऐसे में  पब्लिशर्स के लिए फेसबुक के साथ आना मजबूरी हो जाएगी अन्यथा उन्हें अपने वेब ट्रेफिक में भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है। कोई भी पब्लिशर अपने विज्ञापनदाताओं और उपभोक्ताओं के साथ बिना किसी बिचौलिए के संबंध रखना अधिक पसंद करेगा पर आज के समय में फेसबुक के बिना उन तक पहुँचना काफी कठिन होता जा रहा है क्योंकि फेसबुक के पास एक बहुत बड़े उपभोक्ता वर्ग का साथ है और उनके बारे में जो जानकारी उसके पास उपलब्ध है वह किसी पब्लिशर के पास होना असंभव है।फेसबुक आपकी रुचियों और पसंद के आधार पर अपने उपभोक्ताओं से समाचार या सुचना साझा करेगा |इसे आप यूँ समझ सकते हैं आप जिस क्षेत्र के लोगों से ज्यादा मित्रता करते हैं या किसी ख़ास विषय के पेज को ज्यादा लाईक करते हैं इन सबकी जानकारी फेसबुक के पास रहती है |फेसबुक इन जानकारियों के आधार पर आपको समाचार उपलब्ध कराएगा | अतः आने वाले वक़्त में फेसबुक उपभोक्ताओं को समाचार के लिए कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी क्योंकि सब कुछ उन्हें फेसबुक पर ही मिल जाएगा।भारत में समाचारों की दुनिया इस प्रयोग से कितनी बदलेगी इसका फैसला होना बाकी है | 
जनसता में 29/05/15 को प्रकाशित 

2 comments:

Unknown said...

Bcz sir ab sb log intrnet ki duniya s judye huye gi or ab villages k log bhi kahi jada piche nhi reh gye hi ab woo bhi facebook use krne lagye hi

Unknown said...

according to me these online sources are very convenient but somehow it is ethically not good for print media.

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