"पूजनीय माता जी के चरणों में बहुतेरा
करता है प्रणाम यह प्यारा बेटा तेरा
आशा है अच्छे होंगे सब लोग वहां पर
राहुल जी हम लोग सभी हैं कुशल यहाँ पर
बिन तुम्हारे माँ यहाँ न कोई बात सुहाती
क्या जाने क्यों तेरी सुधि मुझको आती
जब भोजन करने जाता हूँ
और वहां तुझे बैठा नहीं पाता हूँ
क्या जाने क्यूँ मुझको भोजन नहीं भाता
खाता हूँ पर स्वाद नहीं आता है
यह न समझना मुझे कष्ट देता है कोई
या मेरी सुधि नहीं लेता कोई
तेरी याद में ,मैं दिन भर रोया करता हूँ
जीवन के अगणित क्षण यूँ ही खोया करता हूँ "
करता है प्रणाम यह प्यारा बेटा तेरा
आशा है अच्छे होंगे सब लोग वहां पर
राहुल जी हम लोग सभी हैं कुशल यहाँ पर
बिन तुम्हारे माँ यहाँ न कोई बात सुहाती
क्या जाने क्यों तेरी सुधि मुझको आती
जब भोजन करने जाता हूँ
और वहां तुझे बैठा नहीं पाता हूँ
क्या जाने क्यूँ मुझको भोजन नहीं भाता
खाता हूँ पर स्वाद नहीं आता है
यह न समझना मुझे कष्ट देता है कोई
या मेरी सुधि नहीं लेता कोई
तेरी याद में ,मैं दिन भर रोया करता हूँ
जीवन के अगणित क्षण यूँ ही खोया करता हूँ "
12 comments:
mata ji ko pranam...
pyaari chiththi h sir
Kavita Ke madhayam se apni baate ko kehna ye bahut samay se chala aa raha hai par kavita ka sath leke chhitti likhna ye hmre liye ek nayi soch hai. Aur apni Maa Ke ye bahut khoobsurat tarika unke liye apne pyar ka izhaar Karna.....
Nothing in life is more important than MoM.....
सर माँ को समर्पित इस कविता की जितनी तारीफ की जाये कम है। माँ की तारीफ के लिए एक ही शब्द है माँ, बस इतने से ही दुनिया की सारी खुशिया मिल जाती है। माँ से दूर होने पर ये एहसास कुछ ज्यादा ही हो जाता है। बहुत ही शानदार।
सर मैं भी जब गाँव से आया था तो माँ की याद आई और एक कविता अपने आप निकल आयी जिसे मैं प्रस्तुत कर रहा हूँ , सर आपके आशीर्वाद रूपी टिप्पणी की प्रतीक्षा करूंगा।
माँ तू मुझको पास बुला ले, याद तुम्हारी बहुत आती है।
जब भी आती है माँ याद तुम्हारी,जी भर मुझको खूब रुलाती है।
दर्द कोई जब दिल को छूता है,तब हौसला माँ तुम्हारा मेरे संग होता है।
माँ तू मुझको पास बुला ले,तुम्हारी याद बहुत आती है॥
जब अशकों की धारा बहती है,हर अश्क अलग कहानी कहती है।
बचपन मे सिरहाने बैठ मुझे सहलाना ,मीठी लोरी और रोज नयी कहानी सुनाना।
माँ तुम्हारे आँचल की मखमली नींद सताती है,
माँ तू मुझको पास बुला ले,तुम्हारी याद बहुत अति है॥
तुमसे दूर आकर मैंने सारी खुसियों को खोया है,अकेलेपन मे मिलने को ये दिल खूब रोया है।
अब मन नही करता यहा रहने को,सारी दुनिया को भूलकर ,मन करता है त्ंहरे पास आने को।
माँ मैं अब तुम्हारे पास आऊँगा ,अब तुमसे दूर कभी ना जाऊंगा।
माँ तू मुझको पास बुला ले,तुम्हारी याद बहुत आती है॥
मेरे मुरझाए चेहरे पर,एक नयी मुस्कान ला दे।
माँ मैं तेरा बच्चा हु,दिल का अभी कच्चा हु।
गर हुई हो कोई खता मुझसे तो , ममतामयी माँ तू उसे भुला दे।
पर माँ तू मुझको पास बुला ले,तुम्हारी याद बहुत अति है ॥ ॥ ॥
सुशील कुमार
MJMC 1st SEMESTER.
Ma ke liye jo likhe wo apne aap acha ho jata hai
Upar jiska aant nahi usey aasma kehtey hai...Is jahan main jiska aant nahi usey "Maa" kehtey hai.
माँ का प्यार ,माँ की दुलार ,माँ की ममता और माँ के आशीर्वाद से बड़ा मनुष्य के जीवन में कुछ भी नहीं ,
बहुत ही खुशनसीब होते हैं वो लोग जिन्हे माँ का प्यार और आशीर्वाद मिलता हैं
No any other word is bigger than the word "MAA" in this world.
MAA is shabd ka hi kewal ek alag ehsas hai,aur unka na hona......bhut kuch hai dimag mein mgar likhne k liye sayad kuch bhi nhi...
"MAA" key Bina Jeevan kuch nhi... Bahut Khub sir
मां जीवन का वो अनमोल हिस्सा हैं जिनके बिना जीवन की कल्पना करना भी असंभव है। मां के अनेक रूप हैं ,मां ममता हैं , मां दया हैं। मां ही हमे जीवन का ज्ञान देती हैं पर हम मां के लिए क्या कर रहे हैं। कृपया मां को जीवन के इस मोड पर किसी भी प्रकार के दुख से दूर रखें।
मां जीवन का वो अनमोल हिस्सा हैं जिनके बिना जीवन की कल्पना करना भी असंभव है। मां हमारी पहली गुरू जो सिर्फ हमारे लिए सब कुछ करने के लिए तैयार रहतीं हैं। और जब हमारा मौका आता तब हम स्वराथी बन कर उन्हें कभी घर से निकाल देते तो कभी अनाथालय में डाल आते। मां के लिए कोइ कविता ना लिखो ना करो कुछ उनके लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर,पर घर में उनकी केयर करो। उन्हें समय दो वो बहुत खुश होगी।
Kuch din dur raha tha mai ghar se. Na dost yaad aaye na hi rishtedaar. Bas yaad aayi har din toh MAA. Aur han pet toh sirf maa ke hathse bane khaane se hi bharta hai.
Post a Comment